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BRICS Summit 2024: आतंकवाद पर पीएम मोदी की दो-टूक, BRICS में डबल स्टैंडर्ड की नहीं जगह

BRICS Summit 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने BRICS शिखर सम्मेलन 2024 में आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए, चीन और रूस के सामने दोहरे मापदंडों की निंदा की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और टेरर फाइनेंसिंग से निपटने के लिए दुनिया को एकमत होकर सहयोग करना चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने वैश्विक संस्थाओं में सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया। पीएम मोदी ने BRICS को जनहितकारी समूह बताते हुए वैश्विक शांति और संवाद को प्राथमिकता देने की बात कही।
BRICS Summit 2024: आतंकवाद पर पीएम मोदी की दो-टूक, BRICS में डबल स्टैंडर्ड की नहीं जगह
BRICS Summit 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाया, जिसमें उन्होंने आतंकवाद के मुद्दे पर दोहरे मापदंडों की आलोचना की। उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद और इसके वित्तपोषण से निपटने के लिए सभी देशों को मिलकर काम करना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिक्स जैसे संगठनों को जनहितकारी और समावेशी होना चाहिए, और वैश्विक संस्थानों में सुधारों के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए। उनके इस सख्त रुख ने चीन और रूस जैसे बड़े देशों के सामने भारत के आतंकवाद विरोधी दृष्टिकोण को मजबूती से रखा।
आतंकवाद पर भारत का सख्त रुख
पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद न केवल देशों की सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि यह वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए भी बड़ा खतरा है। इस मुद्दे पर उन्होंने कहा कि दोहरे मापदंड से काम नहीं चलेगा। किसी भी देश को आतंकवाद का समर्थन नहीं करना चाहिए, और सभी देशों को आतंकवाद के खिलाफ एक साथ खड़ा होना चाहिए।
आतंकवाद का वैश्विक प्रभाव
आतंकवाद का प्रभाव न केवल किसी एक देश तक सीमित रहता है, बल्कि यह वैश्विक शांति को भी प्रभावित करता है। पीएम मोदी ने इस पर प्रकाश डाला कि कैसे आतंकवादी संगठन नए-नए तरीकों से देशों में अस्थिरता फैलाते हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कट्टरता को रोकने के लिए युवाओं के साथ काम करना होगा ताकि आतंकवाद की जड़ें कमजोर हो सकें।
ब्रिक्स का भविष्य और चुनौतियां
ब्रिक्स के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह संगठन वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में अहम भूमिका निभा सकता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि ब्रिक्स को एक जनहितकारी और समावेशी संगठन के रूप में देखा जाना चाहिए। ग्लोबल संस्थाओं में सुधारों की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि ब्रिक्स का उद्देश्य इन संस्थाओं को रिप्लेस करना नहीं, बल्कि उन्हें बेहतर बनाना है।
भारत का वैश्विक दृष्टिकोण
भारत ने हमेशा संवाद और कूटनीति का समर्थन किया है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत युद्ध का नहीं, बल्कि शांतिपूर्ण वार्ता का पक्षधर है। उन्होंने कोविड-19 जैसी चुनौतियों का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे वैश्विक चुनौतियों का सामना करके नई संभावनाएं उत्पन्न की जा सकती हैं।

पीएम मोदी का आतंकवाद पर यह प्रहार न केवल भारत के सख्त रुख को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी उजागर करता है। उनके इस वक्तव्य से यह स्पष्ट होता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में किसी भी देश को पीछे नहीं रहना चाहिए। वैश्विक सहयोग से ही इस समस्या का समाधान संभव है।

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