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धारावी की अवैध मस्जिद पर चला बुलडोजर, बीएमसी की निगरानी में ट्रस्ट ने खुद किया ध्वस्त

मुंबई के धारावी में महबूब ए सुभानिया मस्जिद का अवैध निर्माण हटाने की प्रक्रिया बीएमसी इंजीनियरों की निगरानी में चली। इस कार्रवाई को मस्जिद ट्रस्ट ने स्वयं अपने हाथों में लिया, जिसमें सबसे पहले मस्जिद के अवैध गुंबद को गिराने का काम किय।
धारावी की अवैध मस्जिद पर चला बुलडोजर, बीएमसी की निगरानी में ट्रस्ट ने खुद किया ध्वस्त
मुंबई के धारावी इलाके में स्थित महबूब-ए-सुभानिया मस्जिद का अवैध निर्माण आज तोड़ दिया गया। दरअसल बीएमसी (बृहन्मुंबई महानगरपालिका) की देखरेख में मस्जिद ट्रस्ट ने खुद ही अवैध निर्माण को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू की। इस कार्रवाई में सबसे पहले मस्जिद के ऊपर बने अवैध गुंबद को तोड़ा गया, और उसके बाद मस्जिद के अन्य अवैध हिस्सों को गिराने का काम भी जारी है।

वैसे आपको बता दें कि 21 सितंबर को धारावी की महबूब ए सुभानिया मस्जिद को लेकर हंगामा हुआ था. उसके बाद मस्जिद कमेटी ने सात दिन का वक्त मांगा था और खुद अवैध हिस्से को तोड़ने की बात कही थी. जिसके चलते कुछ दिन पहले तक मस्जिद के अवैध हिस्से को हरे रंग के पर्दे से ढक दिया गया था, ताकि इसे छिपाया जा सके। लेकिन जब बीएमसी की टीम निरीक्षण करने पहुंची, तब यह स्पष्ट हो गया कि अवैध निर्माण अब तक नहीं हटाया गया था।

बीएमसी की कड़ी निगरानी में, मस्जिद ट्रस्ट ने आज इस अवैध निर्माण को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की। बीएमसी इंजीनियरों की देखरेख में यह काम पूरा हो रहा है। मस्जिद ट्रस्ट ने कहा, "हमारी कार्रवाई कानून के दायरे में हो रही है, और हम इस मामले में पूरी तरह से बीएमसी का सहयोग कर रहे हैं।" मस्जिद ट्रस्ट को अवैध निर्माण हटाने के लिए पहले ही नोटिस जारी किया गया था और इसके लिए 5 दिन की मियाद दी गई थी। हालांकि, यह समय सीमा समाप्त हो चुकी थी और मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने की प्रक्रिया में देरी हो रही थी। 
पुणे में भी अवैध मस्जिद पर बुलडोजर एक्शन
इस बीच, पुणे में भी एक अवैध मस्जिद और मदरसे पर बुलडोजर की कार्रवाई हुई है। पुणे महानगर निगम ने यह एक्शन हाईकोर्ट के आदेश पर किया। हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट रूप से कहा था कि पुणे के पिंपरी चिंचवड़ क्षेत्र में जितने भी अवैध धर्म स्थल हैं, उन्हें गिराया जाए। पुणे महानगर निगम ने छह महीने पहले ही इन सभी अवैध धार्मिक स्थलों को नोटिस भेज दिया था, लेकिन इसे नजरअंदाज किया गया। इसके बाद, प्रशासन ने कार्रवाई की और आधी रात को मस्जिद और मदरसे को तोड़ दिया। यह कार्रवाई बड़ी सख्ती से की गई, जिसके बाद स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने इसका विरोध किया, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के चलते महानगर निगम को अपनी कार्रवाई जारी रखनी पड़ी।

मदरसे का विरोध और कार्रवाई

पुणे के पिंपरी चिंचवड़ में स्थित मस्जिद का निर्माण 25 साल पहले हुआ था। कुछ वर्षों पहले यहां दारुल उलूम जामिआ इन आमिया नामक मदरसा भी चलाया जा रहा था, जिसे हिंदू संगठनों ने अवैध करार देते हुए इसके खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। शिकायत के बाद, हाईकोर्ट ने इलाके के सभी अवैध धार्मिक स्थलों को गिराने का आदेश जारी कर दिया। इस आदेश के आधार पर, कल रात महानगर निगम ने इस मस्जिद और मदरसे पर बुलडोजर चला दिया। मदरसे को पूरी तरह से गिरा दिया गया, जबकि मस्जिद के कुछ हिस्सों को भी अवैध निर्माण होने की वजह से ढहा दिया गया।

हिमाचल के कुल्लू में भी प्रदर्शन

इस बीच, हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में भी एक अवैध मस्जिद के खिलाफ हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। संगठन अवैध मस्जिद को गिराने की मांग कर रहे हैं, और प्रशासन पर दबाव बना रहे हैं कि वह इस मामले में जल्दी कार्रवाई करे। इस मुद्दे पर कुल्लू में विरोध-प्रदर्शन तेज हो गए हैं, और हिंदू संगठन इसे धर्म से जोड़कर देख रहे हैं।

देशभर में कई जगहों पर अवैध मस्जिदों और अन्य धर्मस्थलों के खिलाफ प्रशासन ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। पुणे से लेकर मुंबई और कुल्लू तक प्रशासन ने ऐसे अवैध निर्माणों को गिराने की ठान ली है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कार्रवाई इसलिए भी जरूरी है क्योंकि कई बार धार्मिक स्थलों की आड़ में अवैध निर्माण किए जाते हैं, जो बाद में विवादों का कारण बनते हैं।

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