Cast Census: अगर जाति जनगणना हुई तो मुस्लिमों को भी बतानी होगी जाति !
विपक्ष के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी अपनी तमाम रैलियों में दलित, पिछड़ों की बात करते रहे लेकिन उन्होंने भी कभी मुसलमानों की पिछड़ी जातियों का मुद्दा नहीं उठाया, ये मुद्दा भी उठाया तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने, जिन्हें मुसलमानों का सबसे बड़ा विरोधी बताया जाता रहा है, लेकिन इसके बावजूद पीएम मोदी ने सबसे पहले पसमांदा मुसलमानों का मुद्दा उठाया तो वहीं अब मुसलमानों की जातियों के मुद्दे पर बचने वाली कांग्रेस पर ऐसा पलटवार किया। जिससे अब अगर देश में जाति जनगणना हुई तो।हिंदुओं की तरह मुसलमानों को भी अपनी जातियां बतानी पड़ेगी।
जाति जनगणना। विपक्ष का एक ऐसा हथियार है। जिसके दम पर कांग्रेस। सपा। आरजेडी जैसी तमाम विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोलती रही हैं।लेकिन कभी भी मुसलमानों की जातियों की बात नहीं की। यहां तक कि खुद विपक्ष के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी अपनी तमाम रैलियों में दलित। पिछड़ों की बात करते रहे। लेकिन उन्होंने भी कभी मुसलमानों की पिछड़ी जातियों का मुद्दा नहीं उठाया। ये मुद्दा भी उठाया तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने। जिन्हें मुसलमानों का सबसे बड़ा विरोधी बताया जाता रहा है। लेकिन इसके बावजूद पीएम मोदी ने सबसे पहले पसमांदा मुसलमानों का मुद्दा उठाया। तो वहीं अब मुसलमानों की जातियों के मुद्दे पर बचने वाली कांग्रेस पर ऐसा पलटवार किया। जिससे अब अगर देश में जाति जनगणना हुई तो। हिंदुओं की तरह मुसलमानों को भी अपनी जातियां बतानी पड़ेगी।
दरअसल देश में हर दस बाद जनगणना होती रही है। आखिरी बार साल 2011 में जनगणना हुई थी। जब मनमोहन सरकार सत्ता में थी। जिसके बाद साल 2021 में जनगणना होनी थी। लेकिन कोरोना की वजह से मोदी सरकार जनगणना नहीं करवा पाई।और अब साल 2024 के आखिर में। या फिर साल 2025 के शुरुआत में मोदी सरकार जनगणना करवा सकती है। और जब विपक्ष के दबाव में मोदी सरकार को जाति जनगणना करानी पड़ी तो पहली बार मुसलमानों को भी अपनी जातियां बतानी पड़ सकती है। क्योंकि कुछ ही दिनों पहले खुद पीएम मोदी ने एक वर्चुअल कार्यक्रम में इसका इशारा कर दिया था।
हिंदुओं को जातियों में बांट कर अपना वोट बैंक मजबूत करने वाली विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने तीन बड़ी बातें कही।
मुस्लिम जातियों पर मोदी की बड़ी बात। हिंदुओं को जातियों में बांटने वाली कांग्रेस कभी मुसलमानों की जातियां क्यों नहीं देखती? कांग्रेस ने आज तक मुसलमानों की जातियों का कभी कोई जिक्र क्यों नहीं किया? कांग्रेस अपनी साम्प्रदायिक और जातिवाद की राजनीति से हिन्दू समाज को जातियों में तोड़ना चाहती है
जाति जनगणना कराने का मुद्दा उठा कर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार को घेरने की रणनीति बना रही थीं। लेकिन पीएम मोदी ने मुस्लिमों जातियों का मुद्दा उठा कर विपक्ष को ही फंसा दिया। जिससे अभी तक हिंदुओं को जातियों में बांटने की चर्चा होती थी। लेकिन अब देश में मुसलमानों की जातियों की भी बात होने लगी है। और कहा तो यहां तक जा रहा है कि देश में पहली बार मुसलमानों को भी अपनी जातियां बतानी होगी। यानि जनगणना रजिस्टर में अगर जाति वाला कॉलम जुड़ता है तो फिर हिंदू ही नहीं। मुसलमानों को भी अपनी जाति बतानी पड़ेगी। मोदी सरकार ने हालांकि अभी तक ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है। लेकिन अगर विपक्ष जाति जनगणना का दबाव बनाता है। तो फिर सिर्फ हिंदुओं की जातियों की ही गिनती नहीं होगी। मुसलमानों की जातियां भी गिनी जाएंगी। क्योंकि मुसलमानों में भी पिछड़ी और दलित जातियां हैं। जिन्हें आज भी अछूत समझा जाता है। जिन्हें पसमांदा मुसलमान कहा जाता है। जिनके बारे में खुद पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम में बताया था।
पीएम मोदी के इस बयान के बाद ही पसमांदा मुसलमानों को लेकर देश में चर्चा छिड़ी। जिसका समर्थन मुसलमान भी करने लगे हैं। इसीलिये खुद पसमांदा सामाजिक कार्यकर्ता फैयाज अहमद फैजी ने भी पीएम मोदी के बयान का समर्थन करते हुए मुसलमानों की जातियों की गिने जाने की मांग की है।
पीएम मोदी ने तो सिर्फ पसमांदा मुसलमानों की जातियां गिनाई है। जो पिछड़े और दलित मुसलमानों में गिने जाते हैं। तो जरा सोचिये मुसलमानों में और कितनी जातियां होती होंगी। लेकिन इसके बावजूद कभी किसी पार्टी ने। या नेताओं ने मुसलमानों की जातियों की बात नहीं की। उन्होंने सिर्फ हिंदुओं की जातियों की बात की। जिससे सवाल उठता है कि क्या सिर्फ वोट बैंक के लिए हिंदुओं को जातियों में बांटा गया। अगर ऐसा नहीं होता तो। पीएम मोदी को ये बयान नहीं देना पड़ता कि।कांग्रेस जानती है कि जितना हिंदू बंटेगा उतना ही उसका फायदा होगा। और कांग्रेस किसी भी तरह से हिंदू समाज में आग लगाए रखना चाहती है। जिससे वो उस पर राजनीतिक रोटियां सेंकती रहे। पीएम मोदी के इस आरोप।