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Chandrashekhar या Yogi- दलितों का बड़ा नेता कौन है देख लीजिये

अयोध्या में होने के बावजूद पीड़िता के घर जाने की जहमत नहीं उठाते हैं तो वहीं दूसरी तरफ सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ राजधानी लखनऊ में भी पीड़िता के परिवार से मिलते हैं और अयोध्या में भी पीड़ित परिवार का दर्द बांटना नहीं भूलते हैं ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि दलितों का बड़ा नेता कौन है योगी आदित्यनाथ या चंद्रशेखर !
Chandrashekhar या Yogi- दलितों का बड़ा नेता कौन है देख लीजिये
Chandrashekhar : उत्तर प्रदेश की नगीना लोकसभा सीट से नए नए सांसद बने Chandrashekhar । वैसे तो खुद को दलितों का सबसे बड़ा नेता साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। लेकिन बात जब अयोध्या की दुष्कर्म पीड़िता के घर जाने की बात आती है।आरोपी मोईद खान पर सवाल उठाने की बात आती है तो। यही चंद्रशेखर जैसे लगता चुप्पी साध लेते हैं।और अयोध्या में होने के बावजूद पीड़िता के घर जाने की जहमत नहीं उठाते हैं ।तो वहीं दूसरी तरफ सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ राजधानी लखनऊ में भी पीड़िता के परिवार से मिलते हैं। और अयोध्या में भी पीड़ित परिवार का दर्द बांटना नहीं भूलते हैं। 

दरअसल संसद से सड़क तक दलितों की आवाज उठाने का दावा करने वाले सांसद चंद्रशेखर चार अगस्त को ही अयोध्या के मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार करने गये थे।लेकिन इसके बावजूद उनके पास इतना भी वक्त नहीं था कि महज कुछ किलोमीटर दूर बीकापुर जाकर पिछड़े समाज से आने वाली दुष्कर्म पीड़िता के परिवार से मुलाकात कर सकें और उनका दुख दर्द बांट सकें। सिर्फ प्रतिनिधिमंडल भेजना ही बेहतर समझा।

चंद्रशेखर खुद तो पीड़िता के घर जाने की जहमत नहीं उठाई। और आरोपी मोईद खान की हैवानियत पर सवाल उठाने की बजाए ।बुल्डोजर की कार्रवाई का ही विरोध करने लगे।

मिल्कीपुर में चुनावी रैली करने से पहले चंद्रशेखर ने 4 अगस्त को ही दिल्ली में फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद से मुलाकात की थी। शायद यही वजह है कि अवधेश के साथी मोईद खान को लताड़ने की बजाए योगी सरकार की कार्रवाई पर ही सवाल उठाने लगे। 

विधानसभा में सीएम योगी ने जहां मोईद के खिलाफ तगड़ा एक्शन लेने का ऐलान कर दिया था। तो वहीं कुछ ही दिनों बाद मोईद के अवैध आशियाने को बुल्डोजर रौंदते हुए नजर आया। बात यहीं खत्म नहीं होती। खुद सीएम योगी ने खुद दो अगस्त को राजधानी लखनऊ में अयोध्या की दुष्कर्म पीड़िता के परिवार से मुलाकात की। और उसी वक्त ऐलान कर दिया था कि। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा, उन पर कठोरतम कार्रवाई होगी, बच्ची को हर कीमत पर न्याय दिलाने हेतु हम प्रतिबद्ध हैं।

इतना ही नहीं। चार दिन बाद 6 को जब खुद सीएम योगी दो दिनों के अयोध्या दौरे पर गये तो। इस दौरान पीड़िता के परिवार से मुलाकात करना नहीं भूले। अगले ही दिन यानि सात अगस्त को सीएम योगी ने एक बार फिर पीड़िता के परिवार से मुलाकात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि । "आश्वस्त रहें, पीड़िता को हर स्थिति में न्याय दिलाने हेतु हम प्रतिबद्ध हैं, पीड़िता और उसके परिवार की सुरक्षा हमारी शीर्ष प्राथमिकता है, आपकी सरकार पूरी सक्रियता और संवेदनशीलता के साथ पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है, मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना के दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई होगी"

एक अगस्त से सात अगस्त तक के बीच सीएम योगी ने दो बार अयोध्या की दुष्कर्म पीड़िता से मुलाकात की। और इस दौरान आरोपी मोईद खान की अवैध संपत्ति पर बुल्डोजर भी चलवाया। तो वहीं दूसरी तरफ दलितों के नेता बनने चले चंद्रशेखर को अयोध्या में होने के बावजूद पीड़िता के परिवार से मिलने का वक्त नहीं मिल सका। अब आप ही कमेंट करके बताइये। दलितों और पिछड़ों का असली नेता कौन है। योगी आदित्यनाथ या फिर चंद्रशेखर। 
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