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जमात-ए-इस्लामी से नज़दीकियाँ बढ़ा रहा चीन | क्या भारत के खिलाफ चल रहा नई चाल?

बांग्लादेश में चीन के राजदूत याओ वेन ने सोमवार को भारत विरोधी रुख अपनाने वाली पार्टी जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख शफीकुर रहमान से मुलाक़ात की। चीनी राजदूत ने इस पार्टी की प्रशंसा करते हुए कहा की यह एक सुसंगठित पार्टी है। जब बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार थी तब उन्होंने इस पार्टी पर ban लगा दिया था। यह मुलाकात इसलिए इतना महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि 2010 में इस विवादित पार्टी के खिलाफ युद्ध अपराधों की जांच शुरू होने के बाद से किसी चीनी राजदूत की इस पार्टी के साथ यह पहली राजनयिक मुलाकात है।
जमात-ए-इस्लामी से नज़दीकियाँ बढ़ा रहा चीन | क्या भारत के खिलाफ चल रहा नई चाल?

चीन हमेशा से भारत के लिए परेशानियों का सबब बनता रहा है। अब चीन ने एक और तरीके से भारत की चिंता बढ़ा दी है। भारत का पड़ोसी बांग्लादेश हाल ही में राजनीतिक उथल पुथल से गुज़रा है। भारत का विश्वसनीय दोस्त रहा बांग्लादेश शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से चीन की नज़रों में आ गया है। चीन ने बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए एक नया कदम उठाया है। चीन के राजदूत की जमात-ए-इस्लामी के नेता से मुलाकात ने भारत में चिंता की लहर दौड़ा दी है।

चीन के राजदूत की जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख से हुई मुलाकात

बांग्लादेश में चीन के राजदूत याओ वेन ने सोमवार को भारत विरोधी रुख अपनाने वाली पार्टी जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख शफीकुर रहमान से मुलाक़ात की। चीनी राजदूत ने इस पार्टी की प्रशंसा करते हुए कहा की यह एक सुसंगठित पार्टी है। जब बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार थी तब उन्होंने इस पार्टी पर ban लगा दिया था। यह मुलाकात इसलिए इतना महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि 2010 में इस विवादित पार्टी के खिलाफ युद्ध अपराधों की जांच शुरू होने के बाद से किसी चीनी राजदूत की इस पार्टी के साथ यह पहली राजनयिक मुलाकात है। 

चीन के राजदूत की जमात-ए-इस्लामी के नेता से मुलाकात को भारत के लिए कई कारणों से चिंता का विषय माना जा रहा है। जमात-ए-इस्लामी को बांग्लादेश में एक कट्टरपंथी संगठन माना जाता है और इसे भारत में प्रतिबंधित संगठनों की सूची में शामिल किया गया है।

चीन की बांग्लादेश के साथ नज़दीकी बढ़ाने की मुख्य वजह है बांग्लादेश का location। बांग्लादेश सटा हुआ है भारत से और उसकी दक्षिणी सीमा बंगाल की खाड़ी में मिलती है। इसलिए बांग्लादेश से मैत्रीपूर्ण संबंध बना कर वो बंगाल की खाड़ी में अपनी रणनीतिक उपस्थिति और मज़बूत करना चाहता है। ऐसे में बांग्लादेश से चीन की बढ़ती नज़दीकियाँ भारत के लिए बड़ी चिंता का विषय है।

भारत की चिंता क्यों?

क्षेत्रीय प्रभाव: भारत बांग्लादेश को अपना पड़ोसी और मित्र मानता है। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध गहरे हैं। चीन का बांग्लादेश में बढ़ता प्रभाव भारत के लिए एक चुनौती है।

सुरक्षा चिंताएं: जमात-ए-इस्लामी जैसे संगठनों के साथ चीन के संबंधों को भारत अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मानता है।

आर्थिक प्रतिद्वंद्विता: चीन और भारत दोनों ही दक्षिण एशिया में अपना आर्थिक प्रभाव बढ़ाने के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। बांग्लादेश इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण देश है और दोनों देशों के लिए आर्थिक सहयोग का एक प्रमुख केंद्र है।

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