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मुस्लिमों पर ज़ुल्म ढहा रहा है चीन, मस्जिदों और बच्चों के लिए बना दिए कड़े नियम

मुस्लिमों पर शिकंजा कस रहा है चीन, मुंह बांधे चुपचाप तमाशा देख रहे मुस्लिम देश ।
मुस्लिमों पर ज़ुल्म ढहा रहा है चीन, मस्जिदों और बच्चों के लिए बना दिए कड़े नियम

चीन में मुस्लिमों के साथ अत्याचार की कहानी बड़ी पुरानी है। यहां मुस्लिमों के साथ अत्याचार ही नहीं हो रहा बल्कि सितम भी ढाया जा रहा है, लेकिन मज़ाल है दुनिया का कोई भी मुस्लिम देश चीन के मुस्लिमों के लिए मुंह खोल दें।लेकिन भारत में कुछ हो जाए तो सब मुस्लिम देश एक साथ आकर खड़े हो जाते है, लेकिन चीन के सामने बोलने की हिम्मत नहीं पड़ती।यही कारण है कि अब एक बार फिर चीन से मुस्लिमों को लेकर बेहद चौंकाने वाली ख़बर आई है ।

मुस्लिमों पर शिकंजा कस रहा है चीन


बता दें कि, चीन में मुस्लिमों के साथ भेदभाव की ताज़ा ख़बर ये है कि,  चीन ने अरबी शैली में बनी आखिरी बड़ी मस्जिद में भी बदलाव कर दिया है  ।
  • मस्जिद की इमारत में गुंबद और मीनारों को हटा दिया गया है
  • अरबी शैली में बनी आखिरी बड़ी मस्जिद को चीनी वास्तुकला से बदल दिया 
  • धर्म के 'चीनीकरण' पर जोर दिया जा रहा है, इम्हें 'चीनी' बनाने का मकसद है

एक रिपोर्ट के अनुसार -शी जिनपिंग ने चीन में एक स्पष्ट नीति लागू की है, जो धर्म के 'चीनीकरण' पर जोर देती है, इसका मकसद लोगों पर धर्म के प्रभाव को कम करना और 'चीनी' बनाना है ।मुस्लिमों पर अत्याचार का मामला यही नहीं रुकता, चीन इसके आगे जाकर मुस्लिमों को बांधने की कोशिश कर रहा है। यही वजह है कि मुस्लिमों पर भी चीन की सरकार सख़्त है, ख़बर के मुताबिक़- चीन में मुस्लिम बच्चों को अरबी सीखने की अनुमति नहीं है,18 साल से कम उम्र वालों को मस्जिदों में एंट्री नहीं, मुस्लिमों पर हर तरह से शिकंजा कसा जा रहा ।

चीन में मुस्लिमों पर खुलेआम इसी तरह से अत्याचार हो रहा है, लेकिन दुनिया का कोई मुस्लिम देश इसके विरोध में नहीं है। वहीं चीन के मुस्लिम भी इसका विरोध नहीं कर सकते, क्योंकि शी जिनपिंग ने जो नीति बनाई है उसका विरोध करने का कोई विकल्प नहीं है, उसके पीछे कारण ये हैं कि ।

  • नीति और राष्ट्रीय नीति का विरोध नहीं किया जा सकता
  • ये देश की नीति है और सबको इसका पालन करना होगा

अब इससे अंदाज़ा लगाइए कि कैसे चीन की सरकार मुस्लिमों को लेकर सख़्त हैं और बहुत बड़ी योजना बनाकर इस्लाम और मुस्लिमों पर शिकंजा कस रही है।

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