CJI संजीव खन्ना ने 70 वकीलों को दिया तगड़ा झटका ! जानिए क्या है पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार 2 दिसंबर 2024 को दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से 70 वकीलों को सीनियर नामित करने संबंधी याचिका पर सुनवाई की गई, इसी सुनवाई के दौरान 70 वकीलों ने मौखिक तौर पर अपनी बातें रखनी शुरु कर दी, जिसपर सीजेआई को ग़ुस्सा आ गया, विस्तार से जानिए पूरी खबर
जब तक देश के सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ थे, एक से बढ़कर एक फ़ैसले उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान लिए, कई मौक़ों पर तत्कालीन CJI डीवाई चंद्रचूड़ की तीखी बहस वकीलों के साथ हुई, बंगाल के मामले पर कपिल सिब्बल को जिस तरह से उन्होंने फटकार लगाई उसे सबने देखा, 9 नवंबर 2022 से लेकर 10 नवंबर 2024 तक का कार्यकाल पूरा करने के बाद डीवाई चंद्रचूड़ रिटायर हुए तो उसके बाद देश के नए सीजेआई संजीव खन्ना बने, और अब उनके भी तेवर कोर्ट में वैसे ही दिख रहें हैं, जैसे पूर्व सीजेआई के थे, बता दें कि, नए CJI संजीव खन्ना ने एक सुनवाई के दौरान एक साथ 70 वकीलों को फटकार लगाकर उनकी बोलती बंद कर दी ।
दरअसल हुआ यूं कि, सुप्रीम कोर्ट में सोमवार 2 दिसंबर 2024 को दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से 70 वकीलों को सीनियर नामित करने संबंधी याचिका पर सुनवाई की गई, इसी सुनवाई के दौरान 70 वकीलों ने मौखिक तौर पर अपनी बातें रखनी शुरु कर दी, जिसपर सीजेआई को ग़ुस्सा आ गया, वकील CJI से रिक्वेस्ट करते हुए कहते रहे "मायलॉर्ड, प्लीज 30 सेकेंड दे दीजिए, ये वजह है "
वकील चुप होने का नाम ही नहीं ले रहे थे इतने में सीजेआई संजीव खन्ना ने उन्हें बीच में फिर से टोकते हुए कह दिया "नो प्लीज, कुछ नहीं, एक लेटर फाइल कीजिए फिर हम देखते हैं"
CJI का ग़ुस्सा देख वकील शांत पड़ गए, ऐसे में आइए जानते हैं कि, क्या है ये पूरा मामला, जिसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट में ज़बरदस्त बहस हुई "दिल्ली हाईकोर्ट ने 70 वकीलों को सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया था, मुख्य न्यायाधीश मनमोहन, जस्टिस विभु बाखरू और जस्टिस यशवंत वर्मा और अन्य की एक स्थायी समिति की ओर से उम्मीदवारों का मूल्यांकन करने के बाद उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया, लेकिन इस पर बवाल हो गया, क्योंकि, वरिष्ठ अधिवक्ता और हाईकोर्ट की समिति का हिस्सा रहे सुधीर नंदराजोग ने इस्तीफा दे दिया और कहा कि अंतिम सूची उनकी सहमति के बिना तैयार की गई"।
फ़िलहाल इस मामले की सुनवाई कर रहें मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार ने सभी वकीलों को समझा दिया है कि, एक पत्र दीजिए तब आगे मामले की सुनवाई की जाएगी, उससे पहले कुछ भी नहीं होने वाला है।