दिल्ली शराब नीति मामले में CM Arvind Kejriwal को SC से मिली जमानत, 177 दिन बाद जेल से आएंगे बाहर
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी के बाद सीबीआई मामले में भी सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है।अरविंद केजरीवाल के वकील ने जानकारी दी है कि शाम 5 बजे तक केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर आ जाएंगे। इससे पहले, उन्हें ईडी केस में भी सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी थी। ईडी ने केजरीवाल को 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। इसके बाद सीबीआई ने भी उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
Arvind Kejriwal Bail LIVE: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति केस में बड़ी राहत दी है। 177 दिन जेल में बिताने के बाद अब उन्हें जमानत मिल गई है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस भुइयां की बेंच ने उनके मामले की सुनवाई की। दोनों जजों ने अपने अलग-अलग फैसले लिखे, लेकिन जमानत पर सहमति जताई। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से भी एक बड़ी बात कही, जिससे मामले ने एक नया मोड़ ले लिया।
जमानत के साथ रखी शर्तें
अरविंद केजरीवाल को 10 लाख रुपये के बॉन्ड पर जमानत मिली है। लेकिन, जमानत की शर्तें काफी कड़ी हैं। केजरीवाल को अपनी जमानत अवधि के दौरान कोई भी आधिकारिक फाइल साइन करने की अनुमति नहीं होगी और न ही वह शराब नीति मामले में कोई टिप्पणी कर सकते हैं। उन्हें अपने मुख्यमंत्री कार्यालय और सचिवालय से भी दूरी बनाकर रखनी होगी। साथ ही, केस की सुनवाई के दौरान उन्हें कोर्ट का पूरा सहयोग करना होगा और जब भी जरूरत पड़े, ट्रायल कोर्ट में पेश होना होगा।
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को भी चेतावनी दी है। दरअसल जस्टिस भुइयां ने सुनवाई के दौरान सीबीआई को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने कहा कि सीबीआई को अपनी "पिंजरे के तोते" वाली छवि से बाहर आना चाहिए। इस टिप्पणी ने ना सिर्फ अदालत में बल्कि देशभर में एक चर्चा छेड़ दी है। यह एक संकेत था कि सीबीआई की कार्यशैली और उसकी जांच प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं। इस बयान ने सीबीआई की विश्वसनीयता और कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
कोर्ट से बाहर आने की तैयारी
अरविंद केजरीवाल के वकील ने जानकारी दी है कि शाम 5 बजे तक केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर आ जाएंगे। इससे पहले, उन्हें ईडी केस में भी सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी थी। ईडी ने केजरीवाल को 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। इसके बाद सीबीआई ने भी उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
इस पूरे मामले में केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में जोरदार दलीलें पेश कीं। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी का कोई ठोस आधार नहीं था, और केजरीवाल को राजनीतिक साजिश के तहत गिरफ्तार किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि सीबीआई की एफआईआर में केजरीवाल का नाम तक नहीं था, और बाद में जबरन जोड़ा गया। सिंघवी ने कहा कि जमानत नियम है और जेल अपवाद, और इसे अरविंद केजरीवाल के मामले में भी लागू होना चाहिए।
क्या है दिल्ली शराब नीति का मामला?
यह मामला दिल्ली सरकार की 2021-22 की शराब नीति से जुड़ा है, जिसे बाद में निरस्त कर दिया गया था। सीबीआई और ईडी का आरोप है कि इस नीति में बदलाव करके भ्रष्टाचार किया गया और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। इस मामले ने राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया है और केजरीवाल की छवि को भी गहरा आघात पहुंचाया है।