असम में 'मियां मुस्लिम' के ख़िलाफ़ जमकर गरज रहा CM हिमंता का बुलडोज़र
यूपी में बाबा के बुलडोज़र एक्शन पर भले ही सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई तक ब्रेक लगा दिया हो लेकिन असम में लगातार बुलडोज़र एक्शन चालू है। CM हिमंता के आदेश पर लगातार दूसरे दिन भी 'मियां मुस्लिम' के ख़िलाफ़ बुलडोज़र एक्शन चालू रहा। दरअसल, असम के रिज़र्व फ़ॉरेस्ट के कई इलाक़ों में हुए अवैध क़ब्ज़े पर ये कारवाई की गई है
यूपी में बाबा के बुलडोज़र एक्शन पर भले ही सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई तक ब्रेक लगा दिया हो लेकिन असम में लगातार बुलडोज़र एक्शन चालू है। CM हिमंता के आदेश पर लगातार दूसरे दिन भी 'मियां मुस्लिम' के ख़िलाफ़ बुलडोज़र एक्शन चालू रहा। दरअसल, असम के रिज़र्व फ़ॉरेस्ट के कई इलाक़ों में हुए अवैध क़ब्ज़े पर ये कारवाई की गई है। CM हिमंता के कई बार आदेश दिया है कि राज्य में मियां मुस्लिम को अवैध क़ब्ज़ा नहीं करने देंगे साथ हाई कुछ दिनों पहले उन्होंने इनकी दुकानों से कुछ भी ख़रीदारी न करने की अपील भी की थी। यहाँ पर सीमापार बांग्लादेश से आए घुसपैठियों को 'मियां मुस्लिम' कहते है।
असम में अवैध क़ब्ज़े को लेकर सरकार लगातार कारवाई करते हुए बुलडोज़र एक्शन चला रही है। ऐसे में असम के कई जंगल के इलाक़ों में 'मियां मुस्लिम' के द्वारा अवैध मस्जिद, घर बनाने का आरोप है जिसको लेकर CM हिमंता के आदेश पर लगातार बुलडोज़र के ज़रिए इनके धवस्तीकरण करने का अभियान चलाया रहा है। जंगल के इलाक़ों में इनके द्वारा ईदगाह, मस्जिद, मदरसे समेत अवैध बस्ती तक बसा ली गई थी। अब पिछले 48 घंटे से लगातार हिमंता सरकार बुलडोज़र इन सभी पर एक-एक कर अपना प्रहार कर रहा है। वालपाड़ा जिले के बंदर माथर रिजर्व फॉरेस्ट में दो सरकारी बुलडोज़र ने मिलकर अवैध ईदगाह को ज़मींदोज़ कर दिया। एक बार जब ये कारवाई शुरू हुई तो इलाक़े में अवैध रूप से निर्माण किए गए मस्जिद, मदरसे और घर सभी को कबजमुक्त करवा दिया। जानकारी के मुताबिक़ इस कारवाई में क़रीब दो सौ से ज़्यादे घर को तोड़ा गया जिसमें दो हज़ार से ज़्यादा लोग रहते थे। बता दे की सरकारी रिकार्ड के अनुसार वन विभाग की 55 हेक्टेयर ज़मीन पर इनका क़ब्ज़ा था जिसे ख़ाली करवाने की कारवाई चल रही है। इसके साथ ही सोनापुर में भी बुलडोज़र एक्शन जारी है। इन दोनों जगहों पर मुस्लिम की बड़ी आबादी रहती है ऐसे में जब इन इलाक़ों में बुलडोज़र दहाड़ रहा है तो सरकार पर भेदभाव करने का आरोप भी स्थानीय लोग लगा रहे है।
सरकार की इस कारवाई पर मियां कल्याण परिषद के असम प्रमुख रिजाऊल करीम ने हिमंता सरकार पर आरोप लगाया कि राज्य में केवल मुस्लिमों को टार्गेट किया जा रहा है इस तरह की कारवाई की चपेट में ख़ाली मुस्लिम आ रहे है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से ये माँग की है कि जिनके घरों को इस कारवाई में तोड़ा गया सरकार उके रहने के लिए व्यवस्था करें और उन्हें मुआवज़ा भी दें। हालाँकि रिजाऊल करीम ये नहीं मान रहे की फ़ॉरेस्ट की ज़मीन पर क़ब्ज़ा हुआ। जब मकान से लेर मस्जिद और मदरसे का अवैध निर्माण सरकारी ज़मीन पर होगा तो सरकार तो एक्शन लेने के लिए मजबूर होगी।
ग़ौरतलब है कि हिमंता सरकार के मुताबिक़ मियां मुस्लिम जिस तरह से क़ब्ज़ा किया था उससे जंगलों को नुक़सान पहुंच रहा था। यही वजह थी की जैसे ही बुलडोज़र से कारवाई शुरू हुई तो ज़्यादातर लोग इलाक़े छोड़कर वहाँ से हट गए। लेकिन जब सरकार का आदेश था तो फिर क्या बुलडोज़र ने भी अपने प्रहार से अवैध क़ब्ज़ों पर करना शुरू कर दिया। इसके साथ ही बुलडोज़र एक्शन के दौरान किसी भी हालात से निपटने के लिए CM हिमंता ने बड़ी संख्या में पुलिस की क्षेत्र में तैनाती भी की है ताकि कोई अगर विरोध करना चाहे इस कारवाई का तो पुलिस तत्काल एक्शन ले सके।