Advertisement

Yogi पर निशाना साध रहे कांग्रेस सांसद Gaurav Gogoi को CM Himanta ने दिया करारा जवाब !

Assam के कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने यूपी में सड़क पर नमाज पढ़ने पर लगाई गई रोक पर सवाल उठाया तो असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने खुद मोर्चा संभाला और सड़क पर नमाज पढ़ने का समर्थन करने वाले कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई को मुंहतोड़ जवाब दिया और बता दिया हमारे यहां के मुसलमान सड़क पर नमाज पढ़ने की डिमांड नहीं करते हैं
Yogi पर निशाना साध रहे कांग्रेस सांसद Gaurav Gogoi को CM Himanta ने दिया करारा जवाब !

प्रचंड बहुमत के साथ उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य की सत्ता संभाल रहे भगवाधारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार… जब भी कोई फैसला लेती है तो उसकी धमक यूपी ही नहीं पूरे देश में सुनाई देती है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण उस वक्त देखने को मिला जब कुछ ही दिनों में ईद मनाई गई थी। पिछली सरकारों में जहां मुसलमानों को सड़क पर नमाज पढ़ने की खुली छूट थी, वहीं योगी के सत्ता में आते ही मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के साथ ही सड़क पर नमाज पढ़ने की छूट पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई।

योगी सरकार ने आदेश जारी कर दिया था कि जहां भी मुसलमान सड़क पर नमाज पढ़ते हुए नजर आएं, उनके खिलाफ तगड़ी कार्रवाई की जाए। और उनके इस आदेश का असर भी देखने को मिला। नमाजियों ने सड़क पर नमाज पढ़ने की कोशिश नहीं की। यानि यूपी के मुसलमानों ने तो योगी सरकार का आदेश मान लिया। लेकिन विपक्ष को योगी सरकार का ये आदेश रास नहीं आया। इसीलिए दो अप्रैल को जब लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल जैसे अहम मुद्दे पर चर्चा हो रही थी, उस वक्त असम से कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के उपनेता गौरव गोगोई यूपी के मुख्यमंत्री योगी के फैसले पर सवाल उठाते नजर आए।

असम से आने वाले कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई का ये बयान बता रहा है कि यूपी में सड़क पर नमाज पढ़ने पर लगाई गई रोक से उन्हें कितनी तकलीफ हो रही है। इसीलिए सड़क पर नमाज पढ़ने की वकालत करने लगे। लेकिन जल्द ही योगी सरकार के फैसले का विरोध करना उन्हें भारी पड़ गया। जब असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने खुद मोर्चा संभाला और सड़क पर नमाज पढ़ने का समर्थन करने वाले कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई को मुंहतोड़ जवाब दिया और बता दिया कि हमारे यहां के मुसलमान सड़क पर नमाज पढ़ने की डिमांड नहीं करते हैं।

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई असम से ही आते हैं। यही वजह है कि सड़क पर नमाज पढ़ने के बयान को लेकर खुद असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने ही उन्हें लताड़ लगाई। तो वहीं उनके बयान के लिए असम के लोगों से खुद ही माफी भी मांगी। आपको बता दें, योगी सरकार के फैसले का विरोध करने वाले तो यहां तक तर्क देते हैं कि जब सड़क पर कांवड़ यात्रा निकल सकती है तो फिर एक दिन के लिए ईद बकरीद की नमाज सड़क पर क्यों नहीं हो सकती। ऐसे तर्क देने वाले लोगों को खुद मुख्यमंत्री योगी ने जवाब देते हुए एक इंटरव्यू में कहा था कि:

"पर्व और त्यौहार या कोई प्रकार के कार्यक्रम उद्दंडता करने के माध्यम नहीं बनने चाहिए। अगर आपको सुविधा चाहिए तो उस अनुशासन को भी मानना सीखिए। आप तुलना कर रहे हैं कांवड़ यात्रा की। कांवड़ यात्रा हरिद्वार से लेकर गाजियाबाद और अन्य क्षेत्रों तक जाती है तो सड़क पर ही चलेगी। क्या हमने किसी पारंपरिक मुस्लिम जुलूस को कभी रोका? कभी नहीं रोका। मुहर्रम के जुलूस निकलते हैं। हां, ये जरूर कहा कि भाई ताजिया का साइज थोड़ा छोटा कर लो, तुम्हारी सुरक्षा के लिए। हाइटेंशन तार तुम्हारे लिए बदलेंगे नहीं। उसका साइज कम करो क्योंकि हाइटेंशन की चपेट में आओगे तो मर जाओगे। कांवड़ यात्रियों को भी बोला जाता है कि डीजे का साइज छोटा करो। जो नहीं करता है, उस पर हम सख्ती करते हैं।"

सड़क पर नमाज पढ़ने पर रोक लगाने की वजह से विपक्ष भले ही योगी सरकार के खिलाफ अपनी भड़ास निकालता रहा हो, योगी सरकार नहीं रुकने वाली है। क्योंकि उसने मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटवाए तो मंदिरों से भी लाउडस्पीकर हटाए गए। सड़क पर कांवड़ यात्रा निकलती है तो मुहर्रम का जुलूस भी निकलता है। बस शर्त यही रहती है कि सब नियम कानून से चलें। इसीलिए कांवड़ यात्रियों को जहां डीजे का साइज छोटा करने की नसीहत दी जाती है, वहीं मुहर्रम का जुलूस निकालने वालों को ताजिया छोटी करने की नसीहत दी जाती है। लेकिन इसके बावजूद विपक्ष जिस तरह से योगी सरकार का विरोध करता है.

Advertisement

Related articles

Advertisement