UCC को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी का बड़ा ऐलान, नक़ल माफियाओं को भी दी चेतावनी
तो 9 नवंबर तक UCC के नियम उत्तराखंड में लागू हो जाएंगे। चलिए अब ये भी बताते हैं कि आखिर UCC क्या है और इसके लागू होने से हर धर्म, हर वर्ग पर क्या फर्क पड़ेगा।
क्या है UCC (समान नागरिक संहिता)?
- हर धर्म, जाति, संप्रदाय, वर्ग के लिए पूरे देश में एक ही नियम होगा
- पूरे देश के लिए एक समान कानून के साथ ही सभी धार्मिक समुदायों के लिए विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने के नियम एक ही होंगे
- संविधान के अनुच्छेद-44 में सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू करने की बात कही गई है
तो अब उत्तराखंड में हिंदू हो या मुसलमान, सिख हो या ईसाई, सभी के लिए तलाक, विरासत, गोद लेने के लिए एक समान कानून होंगे। कोई भी अपने धर्म के नियम कानूनों की मनमानी नहीं चला पाएगा। तो न सिर्फ़ सीएम पुष्कर सिंह धामी ने UCC को लेकर सख़्ती दिखाई, बल्कि नकल माफियाओं की भी कड़े शब्दों में चेतावनी देकर अंकल ठिकाने लगाई। और कहा राज्य में छात्रों के भविष्य के साथ जो भी खिलवाड़ करेगा, उसका हश्र बुरा होगा। वैसे भी धामी सरकार नकल माफियाओं के खिलाफ इतना सख़्त कानून लेकर आई है, जिससे हिमाकत करने वाले भी दस बार सोचेंगे। इसी को लेकर सीएम धामी ने कहा:
हमारा राज्य मेहनती लोगों से भरा है। लोग अपने बच्चों की शिक्षा को प्राथमिकता देते हैं, लेकिन नकल माफियाओं की सांठगांठ के कारण, कड़ी मेहनत से पढ़ाई करने वालों का कभी चयन नहीं होता है। पहले, केवल उन्हीं का चयन होता था जो इन माफियाओं के साथ काम कर रहे थे, पेनड्राइव से नकल कर रहे थे या पेपर लीक करवा रहे थे। जब युवाओं ने मुझे बताया तो मैंने इन परीक्षाओं की जांच के आदेश दिए और कई नौकरी चयन परीक्षाओं में भी ऐसे कई मामले सामने आए। हमने कार्रवाई की और परिणामस्वरूप 100 से अधिक धोखाधड़ी माफियाएं अब सलाखों के पीछे हैं।
नकल माफियाओं पर सख़्ती से धामी सरकार ने नकेल कसी। इसी का परिणाम है कि उत्तराखंड में परीक्षाएं सफल तरीके से हो पा रही हैं। क्योंकि कानून सख़्त बनाया गया है। अगर कोई नकल करता या करवाता पकड़ा जाता है, तो उसे ना सिर्फ़ उम्र क़ैद की सज़ा होगी, बल्कि सीएम धामी उसके नापाक इरादों को मिट्टी मिला देंगे। ख़ुद सीएम धामी ने नकल माफियाओं को सख़्त चेतावनी देते हुए आगे कहा कि:
हमने जो धोखाधड़ी विरोधी कानून अधिनियम पारित किया है, उसमें सज़ाओं में आजीवन कारावास और उसकी सारी संपत्ति ज़ब्त करना शामिल है। परिणामस्वरूप अब परीक्षाएं निष्पक्ष रूप से हो रही हैं।
सत्ता संभालते ही सीएम धामी ने जिन जिन कामों को पूरा करने का प्रण लिया, वो उन कामों पर तेज़ी से खरे उतर रहे हैं। क्योंकि पिछले 23 सालों में उत्तराखंड में कई सरकारें आईं, कई मुख्यमंत्री रहे, लेकिन जनता विकास के लिए और अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए तरसती रही। जो मांगे 23 सालों में पूरी नहीं हो पाईं, उन्हें सीएम धामी ने एक-एक कर तेज़ी से पूरा करने का काम किया है। यही वजह है कि सीएम धामी के एक्शन मोड की चारों तरफ़ तारीफ़ हो रही है।