ED की करवाई से सकते में CM सिद्धारमैया का परिवार, पत्नी ने सरेंडर किए प्लॉट
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ ईडी ने जिस तरह से मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण ने (MUDA) स्कैम मामले एफआईआर दर्ज करने की करवाई की है। उसके बाद यही कहा सकते है कि इससे एक तरफ सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ेंगी
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देश की राजनीति में एक तरफ जहां कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए लगातार नए-नए कदम उठा रहे हैं तो वहीं उनकी पार्टी कई नेताओं पर लग रहे तमाम आरोपों के बाद उनकी यह सारी मेहनत विफल होती हुई दिखाई दे रही है। इसी कड़ी में अब कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का नाम सामने आया है। एक तो जैसे तैसे देश के कुछ राज्यों में कांग्रेस ने अपनी सरकार बनाई है। उन्हें में से एक कर्नाटक की सरकार है। कर्नाटक में जब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की जीत हुई थी तो लगा था कि इस जीत से पार्टी में एक नई जान आएगी लेकिन अब कांग्रेस के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ ईडी ने जिस तरह से मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण ने (MUDA) स्कैम मामले एफआईआर दर्ज करने की करवाई की है। उसके बाद यही कहा सकते है कि इससे एक तरफ सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ेंगी तो वहीं अब कांग्रेस के लिए भी बड़ी चुनौती होगी क्योंकि ईडी की F.I.R के बाद बीजेपी को एक बड़ा मौका मिल गया है कांग्रेस को घेरने का। वहीं ईडी द्वारा किए गए फिर के बाद मुख्यमंत्री की पत्नी ने MUDA कमिश्नर को पत्र लिखकर विभाग द्वारा अधिग्रहित भूमि के मुआवजे के रूप में उन्हें आवंटित 14 प्लॉट सरेंडर करने की इच्छा जताई है। हालांकि मुख्यमंत्री ने अपनी पत्नी प्लॉट सरेंडर करने की बात को लेकर कहा कि वह मेरे खिलाफ चल रही है। राजनीतिक षड्यंत्र से व्यथित हैं, जिसके चलते उन्होंने ऐसा फैसला लिया है।
क्या है पूरा मामला
कर्नाटक की राजनीति में इन दोनों सियासी पारा आसमान छू रहा है। दरअसल, मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी ने साल 1992 में किसानों से कुछ जमीनें रिहायशी इलाकों को विकसित करने के लिए ली थी। उसे एक प्रक्रिया के तहत कृषि भूमि से अलग रखा गया था लेकिन 1998 में अधिग्रहित भूमि का एक हिस्सा MUDA ने किसानों को वापस कर दिया था। इसके बाद यह सारे प्लॉट एक बार फिर से कृषि भूमि के रूप में वापस हो गए थे। अब इसी के बाद यह पूरा मामला जन्म लिया जब साल 2004 में सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के भाई बी एम मल्लिकार्जुन ने इसी भूमि का 3.16 एकड़ हिस्सा खरीदा। उसे वक्त राज्य में कांग्रेस और जीडीएस की सरकार थी तब सिद्धारमैया राज्य के उप मुख्यमंत्री थे। तभी यह मामला प्रकाश में आया कि इस जमीन को एक बार फिर से कृषि भूमि से अलग किया गया था लेकिन जब जमीन का मालिकाना हक लेने के लिए सिद्धारमैया का परिवार पहुंचा तो लेआउट विकसित हो चुका था। अब इस मामले में MUDA द्वारा मुख्यमंत्री की पत्नी को आवंटित 14 प्लॉट में अनियमितताओं के संबंध में राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा दी गई मंजूरी को बरकरार रखा था इसके बाद मामले में बेंगलुरु की विशेष अदालत में लोकायुक्त जांच के आदेश दिए थे मुख्यमंत्री उनकी पत्नी पार्वती और साले मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू का नाम शामिल था।
सिद्धारमैया की पत्नी ने पत्र में क्या लिखा
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी ने उनके पति के खिलाफ फिर दर्ज होने के बाद MUDA के कमिश्नर को बकरे पत्र लिखते हुए कहा है कि मैसूर के विजयनगर में जो 14 प्लांट उन्हें आवंटित है उसे वापस करना चाहती हैं। उन्होंने अपने पत्र में साफ तौर पर लिखा कि "मैं भूखंडों का कब्जा भी मैसूर शहरी विकास को वापस सौप रही हूं। कृपया इस संबंध में MUDA जल्द से जल्द जरूरी खत्म उठाया।" मुख्यमंत्री की पत्नी का या फैसला तब सामने आया जब ईडी इस मामले में कार्रवाई तेज की है। जिसमें लोकायुक्त की प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री उनकी पत्नी समेत कुछ अन्य लोगों के खिलाफ इस मामले में धन संशोधन का मामला दर्ज किया गया है। अपनी पत्नी के इस फैमिली से के बाद मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया सामने आई है जिसमें उन्होंने कहा कि मेरा शुरू से रुख अन्याय के खिलाफ बिना झुके लड़ने का रहा है हालांकि मेरी पत्नी जो मेरे खिलाफ राजनीतिक साजिश चल रही है उसके चलते इतना बड़ा फैसला लिया है। जिसको सुनकर मैं स्तब्ध हूं।
हाईकोर्ट से भी निराशा लगी थी हाथ
हाई कोर्ट से राहत की उम्मीद में बैठे कर्नाटक के मुख्यमंत्री को पिछले हफ्ते बड़ा झटका लगा था हाई कोर्ट ने उनकी उसे याचिका को खरीद कर दिया था जिसमें उन्होंने राज्यपाल के अभियोग चलाने की फैसले को चुनौती दी थी। अब हाई कोर्ट के झटके के बाद सीएम के खिलाफ अभियोग जल्दी चलाया जा सकता है हालांकि सिद्धारमैया भी अभियोग से बचाव के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं।
अब शुरु हुई सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग
वही इस मामले में फंसने के बाद अब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। राज्य में विपक्ष की भूमिका निभा बीजेपी ने अब इस मामले को तुल देते हुए मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग कर दी है। वही कांग्रेस के नेताओं को फौज भी मुख्यमंत्री का बचाव करते हुए दिखाई दे रही है। भारतीय जनता पार्टी ने इस केस को स्कैम करार दिया है।