यूपी उपचुनाव की रण को फ़तह करने के लिए CM योगी ने झोंकी ताक़त, हर सीट के लिए बनाया अलग प्लान
सत्ताधारी बीजेपी और विपक्ष में बैठी समाजवादी पार्टी विशेष रणनीति के साथ चुनाव रण में ताल थोक रहे है। यही वजह है कि बीजेपी ने सपा पर मानसिक दबाव बनाने के लिए अपने प्रत्याशियों के नामांकन में शक्ति प्रदर्शन किया।
उत्तर प्रदेश के नौ विधानसभा सीट पर चल रहे उपचुनाव को लेकर राज्य की सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है। इस चुनाव में बीजेपी के लिए बेहतर प्रदर्शन करना मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ के लिए नाक का सवाल है तो वही विपक्षी समाजवादी पार्टी भी लोकसभा चुनाव के नतीजे की तरह उपचुनाव में बीजेपी को मात देना चाहती है। ऐसे में सत्ताधारी बीजेपी और विपक्ष में बैठी समाजवादी पार्टी विशेष रणनीति के साथ चुनाव रण में ताल थोक रहे है। यही वजह है कि बीजेपी ने सपा पर मानसिक दबाव बनाने के लिए अपने प्रत्याशियों के नामांकन में शक्ति प्रदर्शन किया। उपचुनाव के लिए शुक्रवार को नामांकन की अंतिम तारीख़ है इससे पहले भाजपा ने गुरुवार की रात पार्टी ने प्रत्याशियों के नाम का एलान किया था।
दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव को लेकर खुद अपनी अगुवाई में पार्टी के लिए रणनीति तय की थी। इसके लिए सीएम योगी ने अपने आवास पर पिछले दिनों बड़ी बैठक की थी जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 30 मंत्रियों को प्रभारी मंत्री बनाया था। जिनमें से तेरा मंत्री और 17 राज्य मंत्री शामिल थे इसके साथ ही विधानसभा क्षेत्रवाद संगठन को और विधायकों को भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनावी ड्यूटी में लगाया था। सीएम योगी ने साफ़तौर पर कहा था कि प्रत्याशियों का नामांकन भव्य होना चाहिए, बड़ी संख्या में कार्यकर्ता के साथ पार्टी के बड़े नेता हर एक प्रत्याशी के साथ मौजूद रहेंगे। इसके लिए सीएम योगी ने दोनों उप मुख्यमंत्रियों को भी ड्यूटी लगाई है।
उपचुनाव में पार्टी के प्रत्याशी को जितने के लिए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या को उनके क्षेत्र फूलपुर की ज़िम्मेदारी दी गई, जो प्रत्याशी का नामांकन करवाते दिखे। उनके साथ मंत्री दयाशंकर सिंह और मंत्री राकेश सचान भी नामांकन में मौजूद रहेंगे। इसके अलावा डिप्टी सीएम बृजेश पाठक को कटेहरी सीट की ज़िम्मेदारी दी गई है। वह वहां नामांकन कराएंगे।वही कुंदरकी की सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ख़ुद मौजूद रहेंगे। जबकि अन्य सीटों पर भी प्रभारी मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है
इस चुनाव में बीजेपी की राह आसान नहीं है क्योंकि अखिलेश यादव ने गठबंधन को मज़बूती देते हुए कांग्रेस से तालमेल बैठा लिया है। सपा सभी नौ सीटों को जातिगत समीकरण को साधते हुए PDA कार्ड खेला है। वही दूसरे तरफ़ सत्ताधारी बीजेपी के लिए उपचुनाव जितना प्रतिष्ठा का सवाल बना है। बताते चले कि लोकसभा चुनाव में भी अखिलेश यादव के इस प्रयोग ने बीजेपी को बड़ा नुक़सान पहुँचाया था। ग़ौरतलब है कि उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को मतदान होंगे जबकि वोटों की गिनती 23 नवंबर को की जाएगी।