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स्मृति ईरानी पर कांग्रेस नेता ने किया आपत्तिजनक कमेंट | कहा- 'आप जैसी चीजों को हक नहीं कि आप अपना वजन बढ़ा लें'

नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल से ही स्मृति ईरानी के ऊपर घमंडी होने के आरोप लगे है। अब इसी आरोप पर स्मृती ईरानी ने खुलकर अपनी बातों को रखा। उन्होंने बताया कि ये उनका घमंड नहीं बल्कि उनका अनुशासन है। एक पॉडकास्ट के दौरान उन्होंने चौंकाने वाले खुलासे किए है। पूरा मामला देखिए इस खास रिपोर्ट में
स्मृति ईरानी पर कांग्रेस नेता ने किया आपत्तिजनक कमेंट | कहा- 'आप जैसी चीजों को हक नहीं कि आप अपना वजन बढ़ा लें'

स्मृति ईरानी बीजेपी की एक कद्दावर नेता हैं। एक सांसद और केंद्रीय मंत्री रह चुकी हैं। अपनी बातों को बेबाकी से बोलने की कला की वजह से उन पर अक्सर घमंडी होने का आरोप भी लगता रहा है। लेकिन एक पॉडकास्ट के दौरान स्मृति ईरानी ने एक चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। ये जो खुलासे हुए हैं, सभी के दिमाग में कांग्रेस को लेकर कई सारे सवाल आ रहे हैं।दरअसल, नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल से ही स्मृति ईरानी के ऊपर घमंडी होने के आरोप लगे हैं। अब इसी आरोप पर स्मृति ईरानी ने खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि ये उनका घमंड नहीं, बल्कि उनका अनुशासन है।

स्मृति ईरानी पर कर दी अभद्र टिप्पणी

देश के जाने-माने एंकर सुशांत सिन्हा के पॉडकास्ट में स्मृति ईरानी ने खुलकर अपनी बात रखी और इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता के बारे में एक ऐसा खुलासा किया, जो शर्मनाक है। पॉडकास्ट के दौरान बातचीत करते हुए उन्होंने एक पुरानी घटना का जिक्र किया और कहा कि "मैं नाम नहीं लूंगी। लेकिन UPA के कार्यकाल में जब मैं सांसद थी, तो उपराष्ट्रपति हामिद साहब के घर में एक पुस्तक निमोचन में गई थी। मैं उपराष्ट्रपति जी की बेटी के साथ खड़ी थी। इसी दौरान कांग्रेस के एक कद्दावर नेता आए, जो एक जमाने में विदेश मंत्री थे। अब तो निधन हो चुका है। उन्होंने कहा कि आप जैसी चीजों को हक नहीं कि अपना वजन बढ़ा लें। इस पर मैंने कहा कि आप जैसे लोग न देखें, इसलिए वजन बढ़ाया जाता है।"

वो आगे पॉडकास्ट के दौरान बताती हैं कि घमंडी होने और अनुशासन में रहने में क्या अंतर होता है। सुशांत सिंह से बातचीत के दौरान कहती हैं कि "अब अगर इस तरह से स्पष्ट बोल दिया जाए तो कुछ लोग आपको घमंडी बोल देंगे। अगर आपका एक अनुशासन है, तो लोग ऐसी बातें करेंगे।"

बॉलीवुड या टीवी एक्टर्स, इन लोगों के लिए आपस में मिलने-जुलने का एक ही तरीका होता है। वो है पार्टी। पार्टी में मिलने-जुलने से एक दूसरे से इनका कॉन्टैक्ट बनता है। और करियर में तरक्की मिलती है। लेकिन स्मृति ईरानी शुरूआत से ही पार्टियों में जाना इग्नोर किया। वो इस बात को लेकर कहती हैं कि "मैं जब इंडस्ट्री में थी, तब भी ऐसा कहा जाता था। मैं पार्टियों में नहीं जाती थी, लेकिन अच्छा खासा करियर बिना पार्टियों में जाए ही मिला। मैंने 22 प्रोजेक्ट एक्टर के तौर पर किए लेकिन कभी पार्टियों में जाकर काम नहीं मिला।"

उन्होंने अपने पॉडकास्ट के दौरान नरेंद्र मोदी की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि अगर अनुशासन नहीं होता, तो नरेंद्र मोदी जी देश के लिए इतना काम नहीं कर पाते। उन्हें खुद चाटुकारों से नफरत है। कोई उनके सम्मान के दो कसीदे फालतू पढ़ दे, तो वो नमस्ते करके उठ जाएंगे। उनकी जो छवि बनाई गई है, वो सही नहीं है।

खैर, ये तो थी पॉडकास्ट की बात। पर इस बातचीत के दौरान जो बातें स्मृति ईरानी ने बताई, उनसे भारतीय महिलाओं के साथ-साथ आम लोग ये सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि जिस नेता या जनप्रतिनिधि के कंधे पर देश और नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है, वो ऐसी सोच, ऐसी मानसिकता का कैसे हो सकता है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी विदेशों के मंच पर जाकर भारत में सुरक्षा और संविधान की बात करते हैं। लेकिन अगर सुरक्षा की बात करें, तो लगता है जैसे कांग्रेसियों से ही देश और खासकर महिलाओं की सुरक्षा करना एक बड़ा टास्क है। एक कांग्रेसी जो सांसद को कुछ नहीं समझ रहा, जो उन पर अभद्र टिप्पणी कर रहा, वो आम महिलाओं को क्या समझेगा। बता दें कि स्मृति ईरानी बीजेपी की एक दिग्गज नेता हैं। अमेठी से सांसद भी रही हैं। लेकिन इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। और वो लोकसभा तक नहीं पहुंच पाईं। लेकिन उनका ये हार ये तय नहीं करता कि वो अच्छी और दमदार नेता नहीं हैं। तभी तो इसको देखते हुए बीजेपी ने उन्हें दिल्ली जैसे राज्य की बड़ी जिम्मेदारी दी है। विधानसभा में जीत दिलाने का जिम्मा सौंपा है।


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