Congress Protest: राहुल गांधी के खिलाफ BJP के बयान पर कांग्रेस का हंगामा, जानें पूरा मामला
Congress Protest: कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू और शिवसेना के एक विधायक की विवादित टिप्पणियों को लेकर कहा कि राहुल गांधी के बारे में हिंसात्मक बातें करने वाले लोग असल आतंकी हैं। इनकी जगह जेल में होनी चाहिए
Congress Protest: 18 सितंबर 2024 का दिन, भारतीय राजनीति में एक नया विवाद लेकर आया। दिल्ली की सड़कों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और अन्य भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेताओं के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया। वजह है एक बेहद गंभीर आरोप। दरअसल केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को "आतंकवादी" बता दिया।
जिसके बाद से ही भारतीय युवा कांग्रेस के सदस्यों के साथ साथ कांग्रेस के कई अन्य नेताओं ने इस बयान का कड़ा विरोध किया। दिल्ली में, जहां बैरिकेड्स पर चढ़े हुए प्रदर्शनकारी 'राहुल गांधी जिन्दाबाद' के नारे लगा रहे थे, वहीं जयपुर में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया।
क्या है पूरा मामला, कहाँ से हुआ शुरू?
केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने 15 सितंबर 2024 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी को 'देश का नंबर एक आतंकवादी' कहकर राजनीतिक जगत में भूचाल ला दिया। यह बयान मीडिया और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिससे न केवल कांग्रेस कार्यकर्ताओं में रोष बढ़ा, बल्कि राजनीति में विभाजन की लकीरें और गहरी हो गईं। कांग्रेस ने इस बयान को न केवल राहुल गांधी के खिलाफ अपमानजनक बताया, बल्कि इसे राजनीति में नफरत और हिंसा भड़काने वाला करार दिया। कांग्रेस नेता अजय माकन ने बिट्टू के खिलाफ दिल्ली के तुगलक रोड पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में केवल रवनीत सिंह बिट्टू का ही नाम नहीं था, बल्कि बीजेपी नेता तरविंदर सिंह मारवाह, शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ और उत्तर प्रदेश के मंत्री रघुराज सिंह का भी नाम शामिल था।
क्या था बयान और कैसे बढ़ा विवाद?
केंद्रीय मंत्री बिट्टू ने भागलपूर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, 'राहुल गांधी ने सिखों को बांटने की कोशिश की है, सिख किसी पार्टी से जुड़ा नहीं है और यह चिंगारी लगाने की कोशिश है, राहुल गांधी देश के नंबर वन टेरेरिस्ट हैं.' बिट्टू ने ये विवादित बातें राहुल गांधी के अमेरिका में सिखों को लेकर दिए बयान को लेकर कही थी। रवनीत सिंह बिट्टू का बयान यहीं तक सीमित नहीं रहा। कांग्रेस का आरोप है कि इससे पहले भी बीजेपी नेताओं ने राहुल गांधी के खिलाफ घृणास्पद और हिंसक बयान दिए हैं। 11 सितंबर को बीजेपी नेता तरविंदर सिंह मारवाह ने एक पार्टी कार्यक्रम में सार्वजनिक रूप से राहुल गांधी को जान से मारने की धमकी दी थी।
इसके बाद, 16 सितंबर को शिवसेना (शिंदे गुट) विधायक संजय गायकवाड़ ने एक और विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने राहुल गांधी की जीभ काटने वाले को 11 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की। ये बयान न केवल अशांति पैदा करने के उद्देश्य से दिए गए थे, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक ताने-बाने को भी नुकसान पहुंचाने वाले थे।
#WATCH | Delhi: Police detains Congress workers who were protesting against Union Minister Ravneet Singh Bittu and other BJP leaders over their statement on Lok Sabha LoP & Congress MP Rahul Gandhi.
— ANI (@ANI) September 18, 2024
Congress Delhi chief Devender Yadav says, "We are fighting to protect the… pic.twitter.com/sklINzJEzp
जिसके बाद अब कांग्रेस के नेताओं ने इन बयानों को पूरी तरह अस्वीकार्य और राजनीति के गिरते स्तर का प्रतीक बताया। कांग्रेस दिल्ली प्रमुख देवेंद्र यादव ने कहा कि राहुल गांधी के दिखाए हुए रास्ते पर चलकर कांग्रेस कार्यकर्ता संविधान की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं और किसी भी कीमत पर बीजेपी से डरने वाले नहीं हैं। राहुल गांधी की ओर से कांग्रेस ने बीजेपी नेताओं के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की। कांग्रेस नेता अजय माकन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया के सामने स्पष्ट किया कि ऐसे बयानों का उद्देश्य देश में हिंसा भड़काना है और इस तरह की राजनीति पूरी तरह से निंदनीय है।
वर्तमान स्थिति क्या है?
इस विवाद ने भारतीय राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। बीजेपी और कांग्रेस के बीच बढ़ते हुए इस राजनीतिक टकराव का असर देश की राजनीति पर लंबे समय तक दिखाई दे सकता है। वर्तमान में, दिल्ली पुलिस ने विरोध प्रदर्शन कर रहे कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है, लेकिन इससे कांग्रेस के विरोध की आग कम होती नहीं दिख रही। आने वाले आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कांग्रेस और बीजेपी के बीच इस मुद्दे का समाधान कैसे निकलता है और क्या इसका असर आगामी चुनावों पर भी पड़ता है। पर इस पूरे वाक्य से एक बात तो तय है, राजनीति में अब शब्दों की सीमाएं धुंधली हो गई हैं और इसका असर देश की जनता पर गहरा पड़