Congress की खुल गई 'पोल' Supriya Shrinate का दावा निकला 'फर्जी
कांग्रेस को मोदी की छवि कमजोर करने के लिए एक नैरेटिव सेट करना था। इसीलिये उपचुनाव में विपक्ष की जीत को सुप्रिया श्रीनेत इंडिया गठबंधन की जीत बताने लगीं।लेकिन इस जीत की असली हकीकत क्या है।हम आपको बताएंगे।वो भी एक-एक सीट के विश्लेषण के साथ, देखिये खास रिपोर्ट ।
जिस कांग्रेस ने दशकों तक देश पर राज किया। कई बार अकेले दम पर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। उस कांग्रेस की हालत मोदी ने ऐसी कर दी है कि अपने दम पर देश की सत्ता हासिल करना तो दूर की बात है। साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में तो नेता विपक्ष का पद पाने लायक सीट भी नहीं जीत पाई। और इस बार के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस किसी तरह से नेता विपक्ष का पद हासिल करने लायक सीट जीत भी गई तो। ऐसा माहौल बनाने लगी कि जैसे मोदी को सत्ता से हटा दिया हो।जिस पर मोदी ने भी संसद में कैसे मौज ली थी। जरा सुन लीजिये।
99 सीटों पर सिमटी कांग्रेस ने हार के बावजूद जिस तरह से चुनाव जीतने का नैरेटिव सेट करने की कोशिश की। कुछ ऐसी ही उस वक्त भी करने की कोशिश की। जब बंगाल, झारखंड, पंजाब, उत्तराखंड, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और बिहार की 13 सीटों पर हुए उप चुनाव के नतीजे आए। जहां नौ सीटें विपक्ष के खाते में चली गई। तीन सीटें बीजेपी जीत ले गई। जबकि एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत का परचम लहराया। जिसके बाद तो मानो कांग्रेस फूले नहीं समा रही थी। कांग्रेसी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत तो इस कदर इंडिया गठबंधन की जीत को लेकर माहौल बनाने लगीं जैसे मानो किसी राज्य में कांग्रेस ने सरकार बना ली हो।
आठ राज्यों की नौ विधानसभा सीटों पर विपक्ष ने जीत क्या हासिल कर ली। सुप्रिया श्रीनेत तो इसे मोदी विरोध की लहर मानने लगीं। लेकिन इस जीत की असली बात तो छुपा ले गईं। क्योंकि कांग्रेस को मोदी की छवि कमजोर करने के लिए एक नैरेटिव सेट करना था। इसीलिये उपचुनाव में विपक्ष की जीत को सुप्रिया श्रीनेत इंडिया गठबंधन की जीत बताने लगीं। लेकिन इस जीत की असली हकीकत क्या है। हम आपको बताएंगे। वो भी एक-एक सीट के विश्लेषण के साथ।तो सबसे पहले बात करते हैं।
1- बिहार की रुपौली सीट
इस विधानसभा सीट पर आखिरी बार साल 2005 में RJD ने जीत हासिल की थी उसके बाद चार बार जेडीयू नेता बीमा भारती ने जीत दर्ज की लेकिन इस बार उप चुनाव में
बीमा भारती RJD की टिकट पर लड़ीं
JDU ने कलाधर मंडल को टिकट दिया
लेकिन जीत हासिल की निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह ने। जबकि JDU 59 हजार 824 वोट मिले और RJD उम्मीदवार बीमा भारती तीसरे स्थान पर चली गईं लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस खुश हो रही है कि बीजेपी हार गई।
2- जालंधर वेस्ट सीट
अब बात करते हैं पंजाब की जालंधर वेस्ट विधानसभा सीट की जहां।
AAP ने मोहिंदर भगत को टिकट दिया
BJP ने शीतल अंगुराल को उतार दिया
कांग्रेस ने सुरिंदर कौर को टिकट दिया
और जब नतीजे आए तो एक बार फिर आम आदमी पार्टी ने जालंधर वेस्ट सीट पर जीत हासिल की। जबकि बीजेपी 17921 वोट के साथ दूसरे नंबर पर रही वो भी तब।जब बीजेपी का पंजाब में कोई खास जनाधार नहीं है जबकि कांग्रेस 16757 वोट के साथ तीसरे नंबर पर रही, यानि जालंधर वेस्ट सीट पर कांग्रेस और आप दोनों चुनाव लड़ी लेकिन इसके बावजूद जब आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की तो कांग्रेस इसे इंडिया गठबंधन की जीत बताने लगी, अरे भाई गठबंधन तो। तब माना जाता जब बीजेपी से AAP या फिर कांग्रेस, यहां तो आप और कांग्रेस दोनों ही आपस में लड़ रही हैं फिर कैसे इंडिया गठबंधन की जीत हो गई ये तो AAP की जीत है।
3- रायगंज विधानसभा सीट
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और कांग्रेस के बीच छत्तीस का आंकड़ा रहता है ये बात इस बार के लोकसभा चुनाव में साबित हो गई जब टीएमसी और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ीं, तो वहीं पश्चिम बंगाल की 4 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव हुआ तो एक बार फिर टीएमसी और कांग्रेस दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतार दिया।इनमें से रायगंज विधानसभा सीट की बात करें तो।
TMC ने कृष्णा कल्याणी को टिकट दिया
BJP ने मानस कुमार घोष को उतार दिया
कांग्रेस ने मोहित सेनगुप्ता को टिकट दिया
और जब चुनावी नतीजे आए तो TMC उम्मीदवार कृष्णा कल्याणी जीत गये जबकि बीजेपी उम्मीदवार मानस कुमार दूसरे नंबर पर रहे और कांग्रेस तो एकदम से तीसरे स्थान पर चली गई लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस चिल्ला रही इंडिया गठबंधन जीत गया। इंडिया गठबंधन जीत गया जबकि कांग्रेस को ही हराकर टीएमसी ने जीत हासिल की।
4- राणाघाट दक्षिण
बात बंगाल की एक और सीट राणाघाट दक्षिण की करें तो यहां।
TMC ने मुकुट मणि अधिकारी को टिकट दिया
BJP ने मनोज कुमार बिस्वास को उतार दिया
CPIM ने अरिंदम बिस्वास को टिकट दे दिया
और सबसे बड़ी बात तो ये है कि CPIM इंडिया गठबंधन में शामिल है लेकिन CPIM तीसरे नंबर पर रही और ये चुनाव हार गई और बीजेपी दूसरे नंबर पर रही, यहां से TMC ने जीत हासिल की है जो इंडिया गठबंधन का हिस्सा भी नहीं है फिर भी टीएमसी की जीत को कांग्रेस इंडिया गठबंधन की जीत बता कर इतरा रही है।
5- बागदा विधानसभा सीट
पश्चिम बंगाल में ही एक और विधानसभा सीट है बागदा। जहां
BJP ने बिनय कुमार बिस्वास को टिकट दिया
TMC ने मधुपर्णा ठाकुर को टिकट दे दिया
कांग्रेस ने अशोक कुमार हलधर को उतार दिया
यानि इस सीट पर भी कांग्रेस और टीएमसी आमने सामने थी। लेकिन जब चुनावी नतीजे आए तो TMC उम्मीदवार ने जीत हासिल की और बीजेपी उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे जबकि कांग्रेस का हाल तो पूछिये ही मत। सिर्फ 1297 वोट पाकर कांग्रेस पांचवें स्थान पर रही फिर भी सुप्रिया श्रीनेत इंडिया गठबंधन की जीत का हल्ला मचा रही हैं।
6- मणिकतला सीट
पश्चिम बंगाल की मणिकतला विधानसभा सीट पर भी उप चुनाव हुआ जहां। इंडिया गठबंधन में शामिल।
CPIM ने राजिब मजूमदार को टिकट दिया
TMC ने सुप्ती पांडेय को टिकट दिया
BJP ने कल्याण चौबे को उतार दिया
और जब चुनावी नतीजे आए तो टीएमसी ने जीत हासिल की। बीजेपी दूसरे नंबर पर रही और इंडिया गठबंधन में शामिल CPMI बुरी तरह से चुनाव हार कर तीसरे नंबर पर रही लेकिन इसके बावजूद टीएमसी के जीतने पर कांग्रेस इसे इंडिया गठबंधन की जीत बता रही है जबकि हकीकत तो ये है कि टीएमसी इंडिया गठबंधन में शामिल ही नहीं है फिर कांग्रेसी सुप्रिया श्रीनेत किस तरह से इंडिया गठबंधन के जीतने को लेकर माहौल बना रही हैं जरा एक बार फिर से देख लीजिये।
इंडिया गठबंधन के दस सीटें जीतने का दावा कर रहीं सुप्रिया श्रीनेत के इस दावे में कितनी सच्चाई है ये आपको हमने विस्तार से बता दिया। कायदे से तो इंडिया गठबंधन को सिर्फ 5 सीटों पर जीत हासिल की है। जबकि चार सीटों पर कोई गठबंधन चुनाव नहीं लड़ा। सभी विपक्षी पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ीं और जीत हासिल कीं जबकि एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की। लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस माहौल बना रही है कि इंडिया गठबंधन ने 13 में से दस सीटों पर जीत हासिल की है।