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दिल्ली के CM Arvind Kejriwal अपने आधिकारिक आवास से बाहर निकलने के लिए तैयार हैं

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया, जिससे कुछ दिन पहले ही उन्हें आबकारी नीति मामले में जमानत पर तिहाड़ जेल से रिहा किया गया था। यह कदम केजरीवाल द्वारा रविवार को किए गए एलान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने 48 घंटे के भीतर इस्तीफा देने की बात कही थी और दिल्ली में जल्द चुनाव कराने की मांग की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि वह तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं लौटेंगे जब तक दिल्ली के लोग उन्हें "ईमानदारी का प्रमाण पत्र" नहीं देते।
दिल्ली के CM Arvind Kejriwal अपने आधिकारिक आवास से बाहर निकलने के लिए तैयार हैं
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह ने घोषणा की है कि अरविंद केजरीवाल एक सप्ताह के भीतर अपने आधिकारिक आवास को छोड़ देंगे और मुख्यमंत्री के रूप में मिलने वाली सभी सुविधाओं को त्याग देंगे, जिसमें सुरक्षा भी शामिल है। केजरीवाल के इस फैसले के पीछे उनकी इच्छा है कि वे एक आम आदमी की तरह लोगों के बीच रहना चाहते हैं। उनकी सुरक्षा को लेकर चिंताएं हैं, लेकिन वे अपने फैसले पर अडिग हैं और कह रहे हैं कि "भगवान उनकी रक्षा करेंगे।"

केजरीवाल को पहले भी सुरक्षा खतरे का सामना करना पड़ा है, जिसमें भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा हमले भी शामिल हैं। केजरीवाल का इस्तीफा अगले साल दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले आया है। उन्होंने आतिशी को नया मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया है। आतिशी कलकजी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं और 26-27 सितंबर को विशेष विधानसभा सत्र में शपथ लेंगी।

यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि केजरीवाल आगे कहाँ निवास करेंगे, लेकिन आप नेताओं का कहना है कि राष्ट्रीय पार्टी नेताओं को आमतौर पर आवास अलॉट किए जाते हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया, जिससे कुछ दिन पहले ही उन्हें आबकारी नीति मामले में जमानत पर तिहाड़ जेल से रिहा किया गया था। यह कदम केजरीवाल द्वारा रविवार को किए गए एलान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने 48 घंटे के भीतर इस्तीफा देने की बात कही थी और दिल्ली में जल्द चुनाव कराने की मांग की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि वह तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं लौटेंगे जब तक दिल्ली के लोग उन्हें "ईमानदारी का प्रमाण पत्र" नहीं देते।

आतिशी, केजरीवाल की करीबी सहयोगी और वर्तमान दिल्ली मंत्री, को आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री पद के लिए नामित किया गया है। वह शीला दीक्षित और सुषमा स्वराज के बाद यह पद संभालने वाली तीसरी महिला होंगी।

केजरीवाल के इस्तीफे के पीछे विवाद


केजरीवाल का तीसरा कार्यकाल कई विवादों से भरा रहा, जिनमें शामिल हैं:

- आबकारी नीति मामला: दिल्ली आबकारी नीति मामले में मनी लॉन्डरिंग के आरोप, जिसमें केजरीवाल सहित शीर्ष आप नेताओं को गिरफ्तार किया गया और बाद में जमानत पर रिहा किया गया।
- स्वाति मालीवाल घटना: आप की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया कि केजरीवाल के करीबी सहयोगी ने मुख्यमंत्री के आवास पर उन पर हमला किया।
- सीएए टिप्पणी: केजरीवाल ने नागरिकता संशोधन अधिनियम पर टिप्पणी कर विवाद खड़ा किया।
- मुख्यमंत्री आवास सुधार: मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के सुधार पर विवाद, जिसमें ₹45 करोड़ का खर्च हुआ।


इन विवादों के कारण विभिन्न राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया मिली-जुली रही है, जिसमें कुछ ने आतिशी के नामांकन का स्वागत किया है और अन्य ने केजरीवाल के इस्तीफे की आलोचना की है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वह तब तक मुख्यमंत्री का पद नहीं संभालेंगे जब तक कि दिल्ली के लोग उन्हें "ईमानदारी का प्रमाण पत्र" नहीं देते।

केजरीवाल ने कहा कि वह और मनीष सिसोदिया तब तक सरकारी पद नहीं संभालेंगे जब तक कि जनता उन्हें फिर से चुनकर नहीं बुलाती। उन्होंने चुनाव आयोग से नवंबर में विधानसभा चुनाव कराने की मांग की।

अरविंद केजरीवाल की हाल की घोषणा ने दिल्ली की राजनीति में भूचाल ला दिया है। उन्हें पहले 21 मार्च को एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट ने आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार किया था, और फिर 26 जून को सीबीआई ने समान आरोपों में गिरफ्तार किया था।

आम आदमी पार्टी के सांसद संदीप पाठक ने आरोप लगाया कि भाजपा ने केजरीवाल को गिरफ्तार करके उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया। "भाजपा का मकसद अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करना, उनका इस्तीफा लेना और आम आदमी पार्टी को तोड़ना था। लेकिन अब अरविंद केजरीवाल बाहर है, पार्टी नहीं टूटी और भाजपा की पूरी योजना फेल हो गई। अदालत ने उन्हें जमानत दी और कहा कि उनके खिलाफ कोई भ्रष्टाचार का मामला नहीं है। ऐसे में उन्हें इस्तीफा देने की जरूरत नहीं थी, लेकिन उन्होंने अपने नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों के कारण इस्तीफा दिया।"

केजरीवाल के इस्तीफे के पीछे के मुख्य कारण:

- भ्रष्टाचार के आरोपों से मुक्ति
- ईमानदारी का प्रमाण पत्र
- आधिकारिक आवास खाली करना
- संगठनात्मक काम पर ध्यान देना
- जल्द चुनाव की मांग

अब सभी की निगाहें नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव पर हैं।
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