Yogi विरोधी Shankaracharya के समर्थन में उतरे Devki Nandan Thakur ने लोगों को दिलाई सनातन की याद !

उत्तर प्रदेश की सत्ता संभाल रहे योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है लेकिन इसके बावजूद 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर हुए एक हादसे ने योगी सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया इस हादसे में जहां तीस लोगों की जान चली गई तो वहीं शंकराचार्य होने के बावजूद अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती किसी विपक्षी नेता की तरह सीएम योगी का इस्तीफा मांगने लगे जिस पर योगी समर्थक इस कदर भड़क गये कि कोई उन्हें कांग्रेसी कहने लगा तो कोई मौलाना और अब शंकराचार्य के इस अपमान पर मशहूर कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर ने ऐसा जवाब दिया जिसे सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे।
योगी से इस्तीफा मांगना शंकराचार्य को पड़ा भारी
दरअसल आदि शंकराचार्य ने भारत के चारों दिशाओं में चार मठों की स्थापना की थी। उत्तर के बद्रिकाश्रम का ज्योर्तिमठ दक्षिण का शृंगेरी मठ पूर्व में जगन्नाथपुरी का गोवर्धन मठ पश्चिम में द्वारका का शारदा मठ और जिनका संचालन शंकराचार्य करते हैं जिन्हें सनातन धर्म में सर्वोच्च पद माना जाता है ।इन्हीं शंकराचार्यों में से एक नाम है अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का जो उत्तराखंड के बद्रिकाश्रम में स्थित ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य हैं जिनका काम सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करना है ।लेकिन वो अक्सर सियासी बयानबाजियों की वजह से चर्चाओं में बने रहते हैं कुछ ही दिनों पहले महाकुंभ में हुए हादसे पर तो उन्होंने सीधे सीएम योगी का इस्तीफा मांग लिया था ,जिस पर योगी के समर्थक बुरी तरह से भड़क गये थे और सोशल मीडिया पर उन्हें मौलाना कहा जाने लगा था ।
सोशल मीडिया पर आई ये प्रतिक्रियाएं बता रही हैं कि लोग शंकराचार्य पर किस कदर भड़के हुए हैं ।उनका गुस्सा भी जायज है क्योंकि एक शंकराचार्य होकर किसी विपक्षी नेता की तरह सीएम योगी का इस्तीफा मांगना जितना गलत है ,उतना ही गलत सनातन धर्म के सर्वोच्च पद पर बैठे शंकराचार्य को मौलाना बताना यही वजह है कि मशहूर कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर इस मामले पर बुरी तरह भड़क गये और एक बयान में उन्होंने कहा कि-
किसी ने मुझे हमारे शंकराचार्य भगवान का एक चित्र दिखाया जिसमें उन्हें एक मौलाना के रूप में दिखाया गया है जिसे देख कर मुझे बड़ा कष्ट हुआ हम और आप इतने नहीं गिर सकते कि जिससे हमारा धर्म लज्जित हो जाए हो सकता है मेरे विचार अलग हों आपके विचार अलग हों लेकिन मत भूलिये सनातन धर्म का सर्वोच्च पद जो शंकराचार्य का है उस पद पर वो बैठे हुए हैं कोई भी धर्माचार्य अगर तुम्हारे विचार के खिलाफ बोल दे लेकिन ये अधिकार नहीं है मेरा कि मैं सनातन धर्म के शंकराचार्य को एक मौलाना घोषित कर दूं ये गलत है ये अपराध है और ये अपराध सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं कर रहे जो शंकराचार्य के पद पर बैठा है आप पूरे सनातन जगत का अपमान कर रहे हैं ।
सीएम योगी का इस्तीफा मांगने वाले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के अपमान पर भड़के देवकी नंदन ठाकुर ने लोगों को उनके खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने से बचने की सलाह देते हुए कहा कि-
मुझे कष्ट इसलिये हो रहा है क्योंकि मैं सनातनी हूं मेरा कोई विशेष संबंध नहीं हैं उनके साथ मैं तो सनातन का छोटा सा कण हूं वो तो भगवान के पद पर बैठे हैं चारों शंकराचार्य भगवान से कम नहीं हैं और जो उनका मजाक उड़ा रहा है वो वो हिंदू नहीं है सनातनी नहीं है इसलिये आपसे आग्रह है आप उनके विचारों से सहमत नहीं हैं तो आप अपने विचार रख दीजिये ऐसा अपराध मत करिये।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती उत्तराखंड के ज्योतिर्मठ पीठ के शंकराचार्य हैं लेकिन इसके बावजूद समय समय पर सीएम योगी के खिलाफ बयान देते रहे हैं ।यही वजह है कि योगी समर्थक उनका विरोध करते रहे हैं और ये विरोध कभी कभी तो इस हद तक पहुंच जाता है कि कोई उन्हें मौलाना बता देता है ,तो कोई कांग्रेसी जो कथावचक देवकी नंदन ठाकुर को पसंद नहीं आया और उन्होंने इसे गलत बताया तो वहीं आपको बता दें ये वही देवकी नंदन ठाकुर हैं ।जिन्होंने इसी साल जनवरी में महाकुंभ की धरती पर हुई धर्म संसद में वक्फ बोर्ड की तरह हिंदुओं के लिए सनातन धर्म बोर्ड बनाने की मांग की थी हालांकि सीएम योगी ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि सनातन धर्म को किसी संकीर्ण दायरे में कैद मत होने दीजिए इसकी तुलना छोटे-छोटे बोर्ड से मत करिए सनातन धर्म का स्वरूप बहुत विराट है।
जिस तरह से मुसलमानों के केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड बनाया हुआ है उसी की तर्ज पर देवकी नंदन ठाकुर ने भी सनातन बोर्ड के गठन का अभियान छेड़ा है और वो चाहते हैं कि सरकार जल्द से जल्द सनातन बोर्ड का गठन करें लेकिन सीएम योगी इसके विरोध में खड़े हो गये हैं और वो चाहते हैं कि सनातन धर्म के विराट स्वरूप को किसी बोर्ड के दायरे में नहीं कैद करना चाहिए तो वहीं अब यही देवकी नंदन ठाकुर जिस तरह से योगी का इस्तीफा मांगने वाले शंकराचार्य के समर्थन में खड़े हो गये हैं