देवभूमि को ‘बदनाम’ करने वालों के ख़िलाफ धामी सरकार सनातन विरोधियों में मचा हाहाकार
कांग्रेसी राहुल गांधी भले ही हिंदुओं को हिंसक बताते हों। उनके सहयोगी भले ही सनातन को गाली देते हों लेकिन बीजेपी इस मुद्दे पर हर वक़्त कांग्रेस को जमकर घेरती है। दूसरी तरफ़ अगर आप उत्तराखंड में जाएंगे तो यहां की धामी सरकार ना सिर्फ़ बात ही नहीं करती बल्कि ज़मीनी स्तर पर एक्शन भी लेकर दिखाती है। सनातनी सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कई ऐसे फ़ैसले प्रदेश की जनता के लिए लिए हैं जो काबिल ए तारीफ़ हैं।
Devbhoomi : खबर की शुरुआत इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी के साथ करते हैं। हाईकोर्ट के जज रोहित रंजन ने एक याचिका ख़ारिज करते हुए साफ़ कह दिया कि अगर इसी तरह से धर्मांतरण होता रहा तो बहुत जल्द बहुसंख्यक अल्पसंख्यक हो जाएंगे। कोर्ट की तरफ़ से इस टिप्पणी के आते ही बवाल मच गया। चारों तरफ ना सिर्फ़ इसकी चर्चा होने लगी बल्कि इस पर जल्द से जल्द क़ानून बनाने की मांग भी उठने लगी। क़ानून की बात उठी तो फिर इतिहास उठाया गया है और पाया गया कि धर्म के मामले में Devbhoomi उत्तराखंड बाकि राज्यों से काफ़ी आगे नज़र आता है। क्योंकि ये वो राज्य है जहां के मुख्यमंत्री ने लगता है क़सम खा ली है कि धर्म के ख़िलाफ़ अगर किसी ने कोई भी कदम उठाया तो फिर उसे बख्शा नहीं जाएगा।
उत्तराखंड के सीएम का सनातन विरोधियों के ख़िलाफ़ हल्ला बोल !
पूरे देश में हो रही पुष्कर सिंह धामी के फ़ैसलों की तारीफ़।
मौजूदा दौर में जहां कोई हिंदुओं को हिंसक बता रहा है तो कोई सनातन की तुलना डेंगू मलेरिया से कर रहा है, वहीं पुष्कर सिंह धामी जैसे मुख्यमंत्री सनातन के सच्चे रक्षक बने नज़र आ रहे हैं, तभी तो बिना देर किए सीएम धामी UCC ले आए। UCC से पहले वो धर्मांतरण पर क़ानून बना ही चुके हैं जो राज्य में लागू है।
क्या कहता है उत्तराखंड का धर्मांतरण क़ानून ?
29 नवंबर को उत्तराखंड धर्म की स्वतंत्रता संशोधन विधेयक 2022 को मंज़ूरी दी गई।
साल 2018 में बने इस नियम को इस साल और मज़बूत कर दिया गया।
जबरन धर्मांतरण के लिए 10 साल की सज़ा का प्रावधान।
धर्मांतरण एक ग़ैर ज़मानती अपराध बनाया गया।
बिल के तहत कोई भी धर्म परिवर्तन जो देश के क़ानून के अनुपालन में नहीं है, उसे ग़ैरक़ानूनी धार्मिक धर्म परिवर्तन के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
अधिनियम कहता है- कोई भी व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को सीधे या ग़लत तरह से बल से, ज़बरदस्ती से, प्रलोभन से या फिर किसी धोखाधड़ी के माध्यम से दूसरे धर्म में परिवर्तित नहीं करा सकता, ऐसा करना अपराध है।
सोचिए इतने सख़्त क़ानून सीएम पुष्कर सिंह धामी की तरफ से लागू कर दिए गए हैं जो बाक़ी राज्यों के लिए मिसाल है, हालांकि बाकि कई राज्यों में भी ये क़ानून लागू है, लेकिन उत्तराखंड की चर्चा इसलिए भी हो रही है क्योंकि यहां के सीएम ने सिर्फ़ धर्मांतरण क़ानून लागू किया है बल्कि प्रदेश में ऐसे कई काम हो रहे हैं जो सीधे सीधे धर्म के ख़िलाफ़ काम करने वालों को सचेत करते हैं। इसका उदाहरण हाल ही में उस वक़्त देखने को मिला जब राहुल गांधी ने संसद में बोलते हुए हिंदुओं को हिंसक बता डाला था। राहुल गांधी के बयान के तुरंत बाद सीएम धामी ने बिना देर किए उनपर करारा प्रहार किया था।
सिर्फ़ यही नहीं, सीएम धामी के सोशल मीडिया अकाउंट पर जाकर अगर आप देखेंगे तो पाएंगे कि वो धर्म के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को अकसर जगज़ाहिर करते नज़र आते हैं। जरा ये तस्वीर देखिए। इसमें सीएम धामी हवन पूजा करते दिख रहे हैं। इन तस्वीरों को शेयर करते हुए सीएम ने लिखा था- शासकीय आवास परिसर में देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या जी के साथ यज्ञ एवं गायत्री पूजन किया। इस अवसर पर प्रभु से समस्त प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि एवं राज्य की उन्नति हेतु प्रार्थना की।
एक और ट्वीट में सीएम धामी ने लिखा- जनपद टिहरी गढ़वाल में स्थित पवित्र शक्तिपीठों में से एक माँ चंद्रबदनी मंदिर लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। प्रत्येक वर्ष यहां भव्य मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। अपने टिहरी गढ़वाल आगमन पर माँ चंद्रबदनी का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त करें। अब जरा ये ट्वीट देखिए जिसमें सीएम धामी गर्जिया देवी मंदिर का वर्णन करते दिख रहे हैं। नैनीताल जिले के रामनगर में स्थित गर्जिया देवी मंदिर मां पार्वती (गिरिजा) को समर्पित है। कोसी नदी के बीचों-बीच पहाड़ी टीले पर स्थित इस मंदिर के दर्शन के लिए हर साल बड़ी संख्या में लोग यहां आते हैं। आप भी रामनगर आगमन के दौरान मां गर्जिया के दर्शन अवश्य करें।
इसके साथ साथ सीएम धामी ने जिस तरह से चारधाम यात्रा से लेकर कांवड़ यात्रा तक को सफल बनाने के लिए जतन किए वो हर किसी ने देखा, शायद इसीलिए हर तरफ़ सीएम धामी की चर्चा होती है। क्योंकि धर्म हो या कर्म हर मोर्चे पर सीएम धामी सफल हैं ।