भारी बारिश और बादल फटने के बाद एक्शन मोड में आई Dhami सरकार
प्रदेश में किसी भी तरह की आपदा से कैसे निपटना है, लोगों को कैसे उन मुश्किल हालातों से निकालना है. उन तक कैसे सारी सुविधाएँ पहुँचानी है, या फिर आपदा में फँसे लोगों का बचाव कैसे करना है। ये सब अगर सिखना है तो फिर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी से सीखने की ज़रूरत हैं। क्योंकि धामी ऐसे मामलों से निपटने में माहिर हैं। जब से धामी उत्तराखंड के सीएम बने है। तब से प्रदेश के अंदर विकास की गंगा तो बहाई ही है। लेकिन उसके साथ-साथ उन्होंने जो काम तीर्थयात्रियों के लिए किया है।वो काबिल-ए-तारीफ है।
Pushkar Singh Dhami : प्रदेश में किसी भी तरह की आपदा से कैसे निपटना है, लोगों को कैसे उन मुश्किल हालातों से निकालना है। उन तक कैसे सारी सुविधाएँ पहुँचानी है, या फिर आपदा में फँसे लोगों का बचाव कैसे करना है। ये सब अगर सिखना है तो फिर उत्तराखंड के सीएम Pushkar Singh Dhami से सीखने की ज़रूरत हैं। क्योंकि धामी ऐसे मामलों से निपटने में माहिर हैं। जब से धामी उत्तराखंड के सीएम बने है। तब से प्रदेश के अंदर विकास की गंगा तो बहाई ही है। लेकिन उसके साथ-साथ उन्होंने जो काम तीर्थयात्रियों के लिए किया है। वो काबिल-ए-तारीफ है। आपको पता है कि केदारनाथ धाम जाने वाले तीर्थयात्री भारी संख्या में वहाँ पहुँचते हैं। उन तीर्थयात्रियों को किसी भी तरह की कोई दिक़्क़त न हो इसके लिए धामी सरकार ने ग़ज़ब की व्यवस्था की है। नतीजा ये हैं कि हर तीर्थयात्री सीएम धामी की इस व्यवस्था को देखकर उनकी शान में कसीदे पढ़ रहा है।
अभी बारिश का मौसम है। और आपको पता है कि उत्तराखंड में भारी बारिश और बादल फटने की घटना ने ख़ासकर श्रद्धालुओं को परेशान किया है। लिए धामी सरकार श्रद्धालुओं की छोटी सी छोटी परेशानियों को दूर करने के लिए पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। आपको बता दें कि भारी बारिश और बादल फटने से कई इलाक़ों का संपर्क भी टूट गया है। कई जगह लोग फँसे हुए हैं। वहीं उनको कैसे बाहर निकालना है। उन तक कैसे सुविधाएँ पहुँचानी इन सब पर पुष्कर सिंह धामी ख़ुद नज़र बनाए हुएं है। और लगातार अधिकारियों से संपर्क में हैं। और उनसे पल पल की ख़बर ले रहे हैं। अगर यक़ीन नहीं होता तो आप ख़ुद देख लिजिए।
देखा आपने किस तरह से सीएम धामी ख़ुद फ़ोन लगाकर सारी परिस्थितियों पर नज़र बनाए हुए हैं। और सबको अलर्ट मोड पर रहने की हिदायत दे रहे हैं। और ये भी कह रहे हैं। कि किसी भी तरह की ज़रूरत हो तो तुरंत उन्हें इत्तेला करें ताकि वे सही समय पर सही कदम उठा सकें। जो लोग फँसे हुए हैं उनको हैलिकॉप्टर से भी सेफ़ जगह पर पहुँचाया जा रहा है। सीएम धामी अपनी नज़र तो बनाए हुए है ही। इसके अलावा वो हर पल की अप्डेट्स सोशल मीडिया के हर प्लेटफॉर्म पर भी साझा कर रहे हैं। और बता रहें हैं कि किस तरह से फँसे श्रद्धालुओं की मदद की जा रही है। उन्होंने एक्स पर एक तस्वीर भी साझा की। जिसमें SDRF द्वारा श्रद्धालुओं का रेस्क्यू किया जा रहा है। उन्होंने इस तस्वीर को साझा करते हुए लिखा- "केदारनाथ पैदल मार्ग पर फसें श्रद्धालुओं को रेस्क्यू कर SDRF द्वारा आपातकाल हेलीपैड पर लाया जा रहा है और साथ ही रेस्क्यू किए गए लोगों से अन्य सहयात्रियों की जानकारी लेकर उन्हें भी शीघ्र सुरक्षित स्थान पर लाया जा रहा है।
इसके अलावा उन्होंने अपने फ़ेसबुक अकाउंट पर लिखा- "राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र, देहरादून पहुंचकर प्रदेश में अतिवृष्टि से हुए नुकसान के संबंध में जानकारी प्राप्त की और सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट मोड में रहते हुए जनसुरक्षा को ध्यान में रखकर कार्य करने के लिए निर्देशित किया। सभी अधिकारी ध्यान रखें कि संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराने, राहत-बचाव कार्यों, सुरक्षा की दृष्टि से पुनर्निर्माण व पुनर्वास के लिए जो भी धन की आवश्यकता पड़ेगी उसे शासन द्वारा अविलंब स्वीकृति दी जाएगी। प्रदेशवासियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है और इसके लिए हर सम्भव कार्य किए जाएंगे। साथ ही सभी जिलाधिकारियों को स्थानीय स्तर पर समन्वय बनाने के साथ ही किसी भी आपदा की सूचना पर बिना कोई कोताही बरते जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
इसके अलावा उन्होंने आगे लिखा- जनपद रुद्रप्रयाग में विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए लोगों का हेलीकाप्टर के माध्यम से रेस्क्यू किया जा रहा है। अभी तक बड़ी संख्या में लोगों को आपदा प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित निकाल लिया गया है। हमारी सरकार आपदा की इस घड़ी में स्थानीय जनता और पर्यटकों की सुरक्षा के लिए तत्परता के साथ कार्य कर रही है।
तो इस तरह से सीएम धामी लगातार बचाव कार्य के निर्देश तो दे ही रहे हैं। इसके अलावा वो ख़ुद भी हर एक एक्टिविटी पर नज़र बनाए हुए हैं। ताकि किसी भी श्रद्धालु को किसी भी तरह की कोई दिक़्क़त न हो। वैसे सीएम धामी श्रद्धालुओं के बचाव कार्य को लेकर जो भी कर रहे हैं।