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धामी सरकार ने पलटा 58 साल पुराना फैसला, RSS पर लगा बैन हटा दिया

उत्तराखंड सरकार ने आदेश जारी किए हैं कि अब राज्य कर्मचारी सुबह-शाम की RSS की शाखा सहित अन्य सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं. इस संबंध में जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि इससे राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 का उल्लंघन नहीं माना जाएगा ।
धामी सरकार ने पलटा 58 साल पुराना फैसला, RSS पर लगा बैन हटा दिया
RSS देश का सबसे बड़ा संगठन है  सामाजिक न्याय, सामाजिक सुधार शिक्षा और स्वास्थय के क्षेत्र में RSS का विश्मरणीय योगदान है  लेकिन फिर भी RSS इस देश के मौजूदा विपक्ष और तत्कलीन सरकारों के निशाने पर रहा  आजादी के बाद तीन मौके ऐसे आए जब RSS पर कांग्रेस की सरकारों ने पाबंदी लगा दी लेकिन अब केंद्र की मोदी सरकार ने वो बैन हटा दिया है, और मोदी सरकार के इस फैसले के साध उत्तराखंड के मुख्यमंत्री चट्टान की तरह खड़े है 


जी हां  उत्तराखंड में अब सरकारी कर्मचारी भी RSS की शाखाओं में जा सकेंगे  साथ ही RSS की सामाजिक गतिविधियों में जाने से भी अब उन्हें नहीं रोका जाएगा राज्य के अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने इस बारे में एक आदेश जारी किया  आदेश में  कहा गया है कि राज्य कर्मचारी अगर RSS के कार्यक्रम में भाग लेते हैं तो इसे ‘राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली 2002’ का उल्लंघन नहीं माना जाएगा  राज्य सरकार के कर्मचारी इस शर्त पर RSS के कार्यक्रमों हिस्सा ले सकते हैं कि इससे उनके सरकारी कर्तव्य और दायित्वों में अड़चन न आए  ये काम वो अपने सरकारी काम के समय के पहले या बाद में कर सकते हैं 

केंद्र की मोदी सरकार 2024 में, यानी इसी साल सरकारी कर्मचारियों के RSS के कार्यक्रमों में जाने पर से बैन हटा दिया था  और अब धामी सरकार ने केंद्र सरकार के साथ कदमताल करते हुए केंद्र सरकार का फैसला अपने राज्य में भी लागू कर दिया  एक तरफ केंद्र सरकार के फैसले को अपने राज्य में लागू कर धामी सरकार ने इस सराहना की है, वहीं कांग्रेस इस फैसले के खिलाफ खड़ी नजर आई थी जैसा की वो हर बार करती है, इससे पहले भी कांग्रेस की सरकार में 1966, 1970 और 1980 में बैन लगा दिया गया था, लेकिन अब 58 साल पुराना ये बैन पहले केंद्र की मोदी सरकार ने हटाया और अब धामी सरकार का हंटर भी इस बैन पर चल गया है  साथ ही यहां आपका ये भी जान लेना जरुरी है कि जब केंद्र सरकार ने ये बैन हटाया था तब कांग्रेस के अध्यक्ष का क्या कहना था, बैन हटने के बाद मल्लिकारजून खड़गे ने कहा था कि  4 फरवरी 1948 को गांधी जी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने RSS पर बैन लगा दिया था  प्रधानमंत्री मोदी ने 58 साल बाद, सरकारी कर्मचारियों पर RSS की गतिविधियों में शामिल होने पर 1966 में लगा प्रतिबंध हटा दिया है. हम जानते हैं कि पिछले 10 सालों में BJP ने सभी संवैधानिक और स्वायत्त संस्थानों पर संस्थागत रूप से कब्जा करने के लिए RSS का इस्तेमाल किया है ।PM मोदी, सरकारी कर्मचारियों पर RSS की गतिविधियों में शामिल होने पर लगा प्रतिबंध हटा कर सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों को विचारधारा के आधार पर विभाजित करना चाहते हैं ।  

लेकिन कांग्रेस की तरफ से आए इस बयान से बाद ये भी समझ लेना जरुरी है कि सरकार के आदेश में किसी के उपर कोई दबाव नहीं बनाया गया ।जिसकी इच्छा है जाने की बस उस पर से रोक हटाई गई है ।लेकिन कांग्रेस हर बार सरकार के फैसलों को दुसरे चश्में से देखती है ।कांग्रेस भूल जाती है कि जब केरल के वायनाड में कुदरत की तबाही के सामने सब नतमस्तक हो जाते है तब आरएसएस ही वहीं लोगों की जिंदगिया बचाने के लिए जाता है।ये वही वायनाड है जहां से राहुल गांधी सांसद भी है ।खैर विपक्ष है और उसका काम है सरकार के कामों का विरोध करना, लेकिन केंद्र सरकार के फैसले के साथ जिस तरह से धामी सरकार खड़ी हुई है।
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