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जहां मोदी ध्यान लगाने जाते है, उस केदारनाथ धाम के लिए धामी का मास्टरप्लान तैयार !

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की साधना स्थली केदार घाटी नए रूप और रंग में निखरेगी। 28 जनवरी को उत्तराखंड आ रहे प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष राज्य की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया जाएगा। केदार घाटी और रुद्रप्रयाग जिले समेत उत्तराखंड को स्प्रिचुअल जोन के रूप देने की प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के लिए केंद्र सरकार के नए बजट से उम्मीदें भी लगाई गईं हैं..

जहां मोदी ध्यान लगाने जाते है, उस केदारनाथ धाम के लिए धामी का मास्टरप्लान तैयार !
जिसे प्रधानमंत्री मोदी की साधना स्थली कहा जाता है। अध्यात्म की तलाश में जहां मोदी जप किया करते थे। 2019 में वोटों की गिनती से पहले जहां 17 धंटे ध्यान किया था। अब उस केदारनाथ धाम के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने एक अनोखा प्लान तैयार किया है। पीएम मोदी की साधना स्थली केदारनाथ घाटी अब आपको एक अलग रंग में देखने को मिलने वाली है। क्योंकि उत्तराखंड सरकार ने रुद्रप्रयाग को आदर्श जिले के रुप में विकसित करने का फैसला कर लिया है। इस फैसले के बाद केदारनाथ जाने वाले भक्तों को और ज्यादा सुविधाएं दी जा सकेंगी। केदारनाथ धाम के रास्ते में पडने वाले मुख्य पड़ाव मुख्य तौर पर काम किया जाएगा।


 गौरीकुंड, त्रियुगीनारायण, सोनप्रयाग, गुप्तकाशी, ऊखीमठ समेत केदारनाथ यात्रा के प्रमुख पड़ाव वाले शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में नियोजित ढंग से सुविधाओं और कनेक्टिविटी का विस्तार किया जाएगा। इतना ही नहीं देवभूमि सरकार केदारनाथ घाटी और रुद्रप्रयाग जिलों समेच पूरे उत्तराखंड को स्प्रिचुअल जोन बनाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए उत्तराखंड को भारी बजट की जरुरत पड़ेगी। और धामी सरकार को इस बजट की उम्मीद मोदी सरकार से है। और प्रधानमंत्री मोदी 28 जनवरी को फिर से उत्तराखंड की यात्रा कर रहे है। उत्तराखंड को प्रिचुअल जोन बनाने का सपना सबसे पहले प्रधानमंत्री ने ही देखा है उसे साकार करने के लिए प्रधानमंत्री की तरफ से जरुर प्रोत्साहन मिलेगा। धामी मोदी के इस सपने को पूरा करने में लगे है। केदारनाथ के साथ साथ बद्रीनाथ धाम कोल भी नए रुप में ढाला जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के बारे में बात करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि रुद्रप्रयाग को आदर्श जिले के रुप में विकसित करना चाहते है। 

इसके अंतर्गत केदार धाटी को आध्यात्मिक स्थली के रुप में विशेष रुप से संवारा जाएगा। इतना ही नहीं गंगोंत्री और यमुनोत्री को संवारने का काम भी सरकार के द्वारा किया जाएगा।धामी सरकार हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर, ऋषिकेश को रिवर राफ्टिंग केंद्र और योग नगरी के रूप में विकसित करने, चंपावत जिले में शारदा नदी कारीडोर और नैनीताल जिले में बाबा नीब करौरी मंदिर क्षेत्र कैंचीधाम और मानसखंड मंदिर माला मिशन की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं पर भी काम करने में जूटी है। धामी इस प्रोजेकट को लेकर कितने उत्साही है इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वो अपने अधिकारियों के साथ बैठक कर चुके है।परियोजना की रिपोर्ट तैयार करने के लिए कंसल्टेंट एजेंसी का चुनाव भी किया जा चुका है।मतलब काम बड़े स्तर पर करने का पूरा मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है। बाकी 28 जनवरी को प्रधानमंत्री अपने सपने और धामी के मास्टरप्लान पर क्या ऐलान करते है वो देखने वाली बात होगी। 

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