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क्या डिप्रेशन ने ली भाजपा नेता दीपिका पटेल की जान? जानिए पूरी कहानी

सूरत की भाजपा महिला मोर्चा की नेता दीपिका पटेल ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना से पहले उन्होंने भाजपा पार्षद चिराग सोलंकी को फोन कर अपनी मानसिक स्थिति के बारे में बताया था। पुलिस जांच में अब तक डिप्रेशन को मुख्य कारण माना जा रहा है।
क्या डिप्रेशन ने ली भाजपा नेता दीपिका पटेल की जान? जानिए पूरी कहानी
गुजरात का सूरत शहर, जो अपनी व्यापारिक प्रतिष्ठा और सामाजिक जीवन के लिए जाना जाता है, हाल ही में एक दिल दहला देने वाली घटना का गवाह बना। भाजपा महिला मोर्चा की नेता दीपिका पटेल ने अपने घर में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। यह खबर न केवल सूरत, बल्कि पूरे गुजरात में चर्चा का विषय बन गई। आखिर क्या कारण थे, जो एक सफल और प्रतिष्ठित महिला नेता को इतना बड़ा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया? आइए जानते हैं।

रविवार की सुबह भीमराड गांव स्थित अपने घर में वार्ड नंबर 30 की अध्यक्ष दीपिका पटेल ने खुदकुशी कर ली। जैसे ही इस घटना की सूचना पुलिस को मिली, टीम तुरंत मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच शुरू कर दी। घटनास्थल से दीपिका का फोन भी जब्त किया गया, जिसमें कई महत्वपूर्ण सुराग मिलने की संभावना है। पुलिस ने बताया कि दीपिका ने आत्महत्या करने से पहले भाजपा पार्षद चिराग सोलंकी को फोन किया था और अपनी मानसिक स्थिति के बारे में बात की थी। 

पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार, दीपिका पटेल ने आत्महत्या से पहले चिराग सोलंकी को फोन करके बताया था कि वह डिप्रेशन से जूझ रही हैं। यह फोन कॉल उनकी मानसिक स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है। चिराग सोलंकी ने तुरंत दीपिका के बच्चों को इस बारे में सूचित किया और उनके घर पहुंचे। लेकिन जब तक दरवाजा तोड़ा गया, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। दीपिका ने अपने कमरे में पंखे से लटककर जान दे दी थी। डॉक्टर को बुलाया गया, लेकिन उन्होंने दीपिका को मृत घोषित कर दिया।
पुलिस की कार्रवाई का मौजूदा स्टेटस
पुलिस ने घटनास्थल से दुपट्टा, जिसे फांसी के लिए इस्तेमाल किया गया था, जब्त कर लिया है। इसके अलावा, दीपिका के फोन की कॉल डिटेल्स और अन्य डेटा की जांच की जा रही है। एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैब) की टीम को भी इस केस से जोड़ा गया है, ताकि कोई सुराग न छूटे। पुलिस ने कहा कि अभी तक परिवार ने किसी पर शक नहीं जताया है। दीपिका पटेल के पति और बच्चों से भी महिला पुलिस अधिकारियों ने पूछताछ की। परिवार के अनुसार, हाल के दिनों में कोई ऐसा विवाद सामने नहीं आया था, जो इस घटना का कारण बन सके।
दीपिका पटेल: एक सशक्त नेता 
दीपिका पटेल न केवल भाजपा महिला मोर्चा की नेता थीं, बल्कि वह समाज में अपनी सक्रियता और योगदान के लिए भी जानी जाती थीं। उनके तीन बच्चे हैं, और परिवार में उन्हें एक मजबूत और जिम्मेदार व्यक्ति के रूप में देखा जाता था। उनकी पहचान राजनीति में एक सशक्त और प्रभावशाली महिला के रूप में थी। ऐसे में उनकी खुदकुशी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह घटना केवल डिप्रेशन का नतीजा है, या इसके पीछे कोई और गहरी वजह छुपी है?

दीपिका पटेल की आखिरी फोन कॉल इस बात की ओर इशारा करती है कि वह डिप्रेशन से जूझ रही थीं। भारत में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता की कमी के कारण अक्सर लोग अपनी समस्याओं को खुलकर व्यक्त नहीं कर पाते। विशेषज्ञों का मानना है कि समाज में महिलाओं पर घरेलू और सामाजिक जिम्मेदारियों का अत्यधिक दबाव होता है, जिससे उनकी मानसिक स्थिति प्रभावित हो सकती है।

राजनीति में सक्रिय लोगों पर मानसिक और भावनात्मक दबाव आम बात है। दीपिका पटेल का जीवन भी इससे अछूता नहीं था। राजनीति में बढ़ती प्रतिस्पर्धा, समाज की अपेक्षाएं और व्यक्तिगत जीवन की जटिलताएं कई बार घातक साबित होती हैं। दीपिका पटेल की खुदकुशी समाज के लिए एक कड़ा संदेश है। मानसिक स्वास्थ्य को लेकर खुली बातचीत और सही समय पर मदद की जरूरत है। इसके अलावा, राजनीति और समाज में महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना बेहद जरूरी है।

भाजपा महिला मोर्चा की नेता दीपिका पटेल की खुदकुशी ने सूरत और पूरे गुजरात को झकझोर दिया है। उनकी मौत का कारण चाहे जो भी हो, यह घटना मानसिक स्वास्थ्य के प्रति समाज की उदासीनता को उजागर करती है। इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए जरूरी है कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ाई जाए और जरूरतमंदों को समय पर मदद मिले। 

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