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RG Kar Hospital में क्या सच में हुआ था ट्रेनी डॉक्टर के साथ गैंगरेप? CBI की चार्जशीट में सामने आई सच्चाई

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की है। इसमें केवल आरोपी संजय रॉय पर दुष्कर्म और हत्या का आरोप है, लेकिन गैंगरेप की पुष्टि नहीं हुई। यह घटना अस्पताल के सेमिनार हॉल में घटी थी। घटना के बाद जूनियर डॉक्टरों ने सुरक्षा की मांग को लेकर अनशन शुरू किया।
RG Kar Hospital में क्या सच में हुआ था ट्रेनी डॉक्टर के साथ गैंगरेप? CBI की चार्जशीट में सामने आई सच्चाई
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले ने देशभर में आक्रोश पैदा कर दिया। CBI ने इस केस में 200 पेज की चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें 200 से ज्यादा लोगों के बयान हैं। इस चार्जशीट के मुताबिक, आरोपी संजय रॉय पर दुष्कर्म और हत्या का आरोप लगाया गया है, लेकिन गैंगरेप की बात इसमें सामने नहीं आई है। इससे पहले कई नेताओं ने इस घटना में कई आरोपियों के शामिल होने का दावा किया था।

यह घटना आरजी कर अस्पताल में रात की ड्यूटी के दौरान घटी, जब ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म हुआ और उसकी हत्या कर दी गई। आरोपी संजय रॉय, जो पश्चिम बंगाल पुलिस का एक वॉलंटियर था, जिसने इस घटना को अंजाम दिया। वह अस्पताल में नियमित रूप से आता-जाता था, और घटना वाले दिन नशे की हालत में था। सीसीटीवी फुटेज और पूछताछ के आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया और उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

जूनियर डॉक्टरों का विरोध और अनशन
इस घटना के बाद अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया। अस्पताल में हुई तोड़फोड़ और अशांति के कारण यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जिसने स्थिति को शांत करने में हस्तक्षेप किया। हालांकि, अब भी जूनियर डॉक्टर आमरण अनशन पर हैं, और उनकी प्रमुख मांग है कि महिला डॉक्टर को न्याय मिले। साथ ही, डॉक्टरों ने राज्य में अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में सुधार की मांग उठाई है, जिसमें सुरक्षा, भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई, और अस्पतालों में बेहतर सुविधा शामिल हैं।

डॉक्टरों की मांगें
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने स्पष्ट किया है कि मृतक महिला डॉक्टर के लिए न्याय सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता है।
स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को हटाना।
अस्पतालों में बेहतर सुरक्षा व्यवस्था जैसे महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती और स्थायी पुलिस सुरक्षा।
डिजिटल बिस्तर निगरानी प्रणाली और कार्यस्थलों पर बेहतर सुविधाओं का प्रावधान।
अस्पतालों में रिक्त पदों को जल्द भरने की मांग।
प्रदर्शन का प्रभाव और सीबीआई की जांच

डॉक्टरों के आंदोलन ने पूरे देश में स्वास्थ्य सेवाओं और सुरक्षा के मुद्दों को फिर से केंद्र में ला दिया है। जहां एक ओर डॉक्टर बेहतर कार्य परिस्थितियों और सुरक्षा की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सीबीआई की चार्जशीट से यह स्पष्ट हो गया है कि इस मामले में सिर्फ संजय रॉय ही आरोपी है, और गैंगरेप की कोई पुष्टि नहीं हुई है।

यह घटना एक बड़े सवाल को उठाती है—स्वास्थ्य सेवाओं में काम करने वाले लोगों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जा सकती है? साथ ही, प्रशासन की निष्क्रियता और भ्रष्टाचार के कारण यह मुद्दा और जटिल हो गया है। अब यह देखना होगा कि सरकार और प्रशासन किस तरह से इन मुद्दों का समाधान करता है और डॉक्टरों को सुरक्षित कार्य वातावरण प्रदान करता है।

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