'बटेंगे तो कटेंगे' ने बढ़ा दिया योगी का कद? के.पी.मलिक के ट्वीट से मचा हड़कंप
योगी आदित्यनाथ के आगे अब पीएम मोदी भी फीके पड़ गए है। ये हम नहीं कह रहे ये कहना है एक राजनीतिक विशलेषक का। दैनिक भाष्कर के राजनीतिक संपादक के.पी.मलिक ने अपने x handle पर एक पोस्ट डालकर हड़कंप मचा दिया है। देखिए ये रिपोर्ट
लोकसभा चुनाव का वो दौर जब यूपी में भाजपा अपने पहले स्थान से खिसक कर दूसरे स्थान पर आ गई। तब योगी आदित्यनाथ पर इस हार का ठिकरा फोड़ा गया। पूरी BJP कौंम योगी आदित्यनाथ के किलाफ नजर आ रही थी। बात इतनी बढ़ गई थी की योगी से उनकी कुर्सी छीनने तक की चर्चा होने लगी थी। पर वक्त का पहिया घुमा और समय ने करवट ली। बांग्लादेशियों पर बयान देते हुए योगी आदित्यनाथ ने एक बयान दिया जिसने नारे का रुप ले लिया। बायन था बटेंगे तो कटेंगे। इस नारे का जादू हरियाणा में चला और अब महाराष्ट्र से लेकर झारखंड योगी आदित्यनाथ के इस नारे ने जोर पकड़ लिया। इसी बीच दैनिक भाष्कर के राजनीतिक संपादक के.पी.मलिक ने अपने ट्वीटर पर एक पोस्ट किया। इस पोस्ट ने सिर्फ विपक्षियों की ही नहीं बल्कि BJP औऱ यहां तक की पीएम मोदी की भी निंद उड़ा दी।
अपने X Handle पर सबसे पहले के.पी.मलिक ने सवाल किया और लिखा "क्या "बटोगे तो कटोगे" ने बढ़ा दिया योगी का कद?
उसके बाद इसपर विशलेषण करते हुए के.पी.मलिक लिखते है। "विधानसभा उपचुनाव को लेकर अत्यधिक दबाव में चल रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक ऐसा नया नारा गढ़ दिया है, जिससे विपक्ष ही नहीं, बल्कि भाजपा और एनडीए पक्ष के तमाम धुरंधर नेता भी सकते मे हैं। मुख्यमंत्री योग के सिर्फ दो शब्दों "बटोगे तो कटोगे" ने पूरे देश के हिंदू समाज को झकझोर कर रख दिया है और विरोधियों ने इस नारे की काट निकालने के लिए एक से बढ़कर एक विशेषज्ञों को लगाकर इसकी काट का नारा ढूंढा जा रहा है"।
दरअसल मुख्यमंत्री योगी का कद वास्तव में अब इतना बड़ा हो गया है कि अब उनकी बढ़ती हुई लोकप्रियता से उनके अपने ही असहज होने लगे हैं। जबकि अभी कुछ ही महीने पहले लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से न सिर्फ हटाए जाने की बातें हो रही थीं, और इसके लिए दिल्ली दरबार ने योगी को हाजिर होने को बुलाया था उस समय उनका चेहरा भी परेशानी भरा साफ-साफ दिख रहा था। उनके ही कई मंत्री उनकी सुन नहीं रहे थे और उनके द्वारा हार की समीक्षा करने के लिए बुलाई गई बैठकों में उनके ही कई मंत्री शामिल नहीं हो रहे थे, न ही अपने-अपने क्षेत्र में हार की वजह पर कोई जवाब दे रहे थे।
लेकिन अब योगी सिर्फ एक मुख्यमंत्री नहीं हैं, बल्कि एक विचारधारा भी बनने लगे हैं। उनके विचार बनने के कई उदाहरण हैं, जिन्हें दूसरे राज्यों की सरकारें भी फालो कर रही हैं। बुल्डोजर चलाने से लेकर माफिया का एनकाउंटर जैसे मुद्दों पर उन्हें कई राज्यों की सरकारें फालो कर रही हैं। इसके अलावा वो हिंदुत्व के कट्टरवाद के लिए जाने जाते हैं और बहुत से लोग उन्हें हिंदू हृदय सम्राट जैसी उपाधियों से भी नवाजने लगे हैं।
इस बार का "बंटोगे तो कटोगे" का नारा इतनी तेजी से अपना असर दिखा रहा है कि विरोधी तो विरोधी, उनके अपने दल के बड़े कद वाले मठाधीश भी हिले हुए हैं। और जो अब तक योगी को डरा रहे थे, अब उन्हें भी डर लगने लगा है कि कहीं योगी का बढ़ता कद उनके लिए खतरा पैदा न कर दे।
फिलहाल ये कहना बिल्कुल गलत नहीं है कि अब योगी आदित्यनाथ का कद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के अलावा राजनीति में और भी बड़ा हो चुका है, और उनके नाम का डंका देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी लोग बजाने लगे हैं। बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने जो कीर्तिमान गढ़े हैं, उन्हें आने वाले वक्त में छू पाना भी किसी और मुख्यमंत्री के लिए असंभव होगा। फिलहाल हो सकता है आपको मेरी बातें गलत लगें, पर आने वाले समय में उनके द्वारा गढ़ा गया मंत्र "बटोगे तो काटोगे" का बड़ा असर आपको उत्तर प्रदेश सहित तमाम राज्यों में होने वाले चुनावों में दिखेगा।
इसपर यूजर्स ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है।
Satendra नाम के एक यिजर ने लिखा कि- योगी के नेतृत्व में कई कदम, जैसे माफिया पर कार्रवाई, बुलडोजर नीति और कठोर प्रशासनिक फैसले, उन्हें अन्य राज्यों के लिए भी एक रोल मॉडल बनाते हैं। इनसे उनकी छवि एक विचारधारा के प्रतिनिधि के रूप में भी बन रही है, जो भाजपा की पारंपरिक राजनीति से कुछ अलग है। बीजेपी में ही कई वरिष्ठ नेता उनके बढ़ते प्रभाव से डरते हुए दिखाई दे रहे हैं, क्योंकि उनके लोकप्रियता का असर भविष्य में पार्टी की राजनीति पर भी पड़ने वाला है। "बटोगे तो कटोगे" का नारा योगी आदित्यनाथ के कद को बढ़ाने के साथ ही उनकी छवि को एक और ऊंचाई पर ले जा रहा है, जिससे उनकी राष्ट्रीय पहचान और प्रभाव में वृद्धि होती हुई दिख रही है।
हालांकि कई ऐसे भी यूजर्स थे। जिन्होंने के.पी.मलिक के इस विश्लेशण पर सवाल उठाया। खैर जो भी हो ये बात कहीं से भी नकारा नहीं जा सकता कि आज योगी एस फायरब्रांड नेता है। उनका दमदार अंदाज और उनकी नोकीली छवी विपक्षियों को असहज होने पर मजबूर भी कर देती है। खैर जिस तरिके से के.पी.मलिक ने ये विशलेषण किया है। उसपर आप क्या कहेंगे, क्या सच में "बटोगे तो कटोगे" ने योगी का कद बढ़ा दिया है।