बंगाल का ज्यादा सच बाहर ना आए इसलिए Mamata दीदी ने उठाया ये कदम
पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल विरोधी एजेंडा चलाने के आरोप में तीन समाचार चैनलों के बहिष्कार की बात कही है। टीएमसी ने इन समाचार चैनलों पर आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में महिला ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या मामले में प्रदर्शन के बीच टीएमसी ने बंगाल विरोधी एजेंडा चलाने के आरोप लगाया है।
बंगाल में पिछले कुछ समय से जो हो रहा है वो किसी से छिपा नहीं है। हत्या, लूट हिंसा। सब कुछ सामने आ रहा है। बंगाल में चुनाव हो या धार्मिक यात्राएं कुछ भी सुरक्षित नजर नहीं आता। शांति या बिना हिंसा के यहां कुछ पूरा हो। ये होता ही नहीं। यहां तक की किसी बेटी के साथ हुई दरिंदगी के खिलाफ न्याय की गुहार लगाने के लिए शांतिपूर्वक प्रर्दशन भी नहीं कर सकते। बंगाल में संदेशखाली हो या कोलकाता के अस्पताल में हुई डॉक्टर बेटी के साथ दरिंदगी सभी मामलों में बंगाल सरकार का रवैया किसी को समझ नहीं आया। आरोप तो ये लगने लगे की Mamata सरकार अपनों को बचाने के लिए खुद को बदनाम करने का उलटा आरोप मोदी सरकरार पर लगाने लगी।
यही नहीं कोलकाता केस में जब ममता दीदी को समझ आया की उनपर सवालों की बौछार ताबड़तोड़ हो रही है तो वो खुद सड़क पर प्रोटेस्ट करने लगी। अब ये देखना भी गजब था क्योंकि जिस कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर बंगाल की जनता सड़क पर उतरी थी औऱ सरकार से सवाल पूछ रही थी ऐसा ही प्रदर्शन मार्च दीदी भी करने लगी। अब इससे ये सावाल आने लगे की क्या दीदी अपनी ही सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं। लेकिन अब इस के बाद बंगाल से जो खबर सामने आई उससे भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं पहले खबर जानिए।
दरअसल, पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल विरोधी एजेंडा चलाने के आरोप में तीन समाचार चैनलों के बहिष्कार की बात कही है। टीएमसी ने इन समाचार चैनलों पर आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में महिला ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या मामले में प्रदर्शन के बीच टीएमसी ने बंगाल विरोधी एजेंडा चलाने के आरोप लगाया है। तो अब इससे सवाल ये आया कि। "क्या ममता दीदी सवालों से बचना चाहती हैं ? क्या बंगाल की और ज्यादा सच्चाई दीदी बाहर आने देना नहीं चाहती ?
वहीं, इस मामले को लेकर ममता बनर्जी और भारतीय जनता पार्टी आमने-सामने हैं। भाजपा ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि वह महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही हैं, जिससे पश्चिम बंगाल देश का सबसे असुरक्षित राज्य बन गया है। वहीं कोलकाता केस में जब ममता सरकार घिरने लगी तो वो मोदी को धमकी देने लगी। कहने लगी बंगाल जला तो यूपी बिहार असम भी जलेंगे आग दिल्ली तक जाएगी। लेकिन इसके बाद असम के सीएम ने भी ममता दीदी को निशाने पर लिया । और कहा दीदी, आपकी हिम्मत कैसे हुई असम को धमकाने की? हमें लाल आंखें मत दिखाइए। आपकी असफलता की राजनीति से भारत को जलाने की कोशिश भी मत कीजिए। आपको विभाजनकारी भाषा बोलना शोभा नहीं देता।