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मिल्कीपुर में Yogi Adityanath और Awadhesh Prasad का सीधा मुक़ाबला

मिल्कीपुर में होने वाले उपचुनाव को जीतना बीजेपी और सपा दोनों के लिए साख का सवाल बना हुआ है। अगर बीजेपी जीतती है तो ये योगी की जीत के तौर पर जाएगा और इसका फ़ायदा 2027 के विधानसभा चुनावों में होगा। एक एक करके समझिए सपा और बीजेपी का मिल्कीपुर में क्या योगदान है
मिल्कीपुर में Yogi Adityanath और Awadhesh Prasad का सीधा मुक़ाबला
 Yogi Adityanath : उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कब होगा इसकी तारीख़ों का ऐलान तो नहीं हुआ है लेकिन इसे लेकर बीजेपी और सपा ने पिछले काफ़ी वक़्त से कमर कसी हुई है। आलम ये है कि एक तरफ़ समाजवादी पार्टी ताबड़तोड़ फ़ैसले ले रही है तो वहीं  Yogi Adityanath ने तो अपनी सुपर 30 की टीम खड़ी कर डाली है। सीट 10 हैं लेकिन सबकी नज़रें टिकी हुई हैं मिल्कीपुर सीट पर। ये वो सीट हैं जहां से अवधेश प्रसाद विधायक थे। इन लोकसभा चुनावों में वो फ़ैज़ाबाद लोकसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़े और सांसद बन गए।

ऐसे में उनकी मिल्कीपुर सीट ख़ाली हो गई। फ़ैज़ाबाद हारते ही पूरे देश में एक नैरेटिव चला की बीजेपी अयोध्या हार गई। असलियत ये है कि फ़ैज़ाबाद लोकसभा सीट में पांच विधानसभा आती हैं और इनमें से अयोध्या में बीजेपी जीती है, अब बारी है मिल्कीपुर की। मिल्कीपुर में होने वाले उपचुनाव को जीतना बीजेपी और सपा दोनों के लिए साख का सवाल बना हुआ है। अगर बीजेपी जीतती है तो ये योगी की जीत के तौर पर जाएगा और इसका फ़ायदा 2027 के विधानसभा चुनावों में होगा। एक एक करके समझिए सपा और बीजेपी का मिल्कीपुर में क्या योगदान है ?

मिल्कीपुर के लिए योगी की सक्रियता।

लोकसभा चुनावों में यूपी में बीजेपी का ख़राब प्रदर्शन हुआ। अब जब मिल्कीपुर में उपचुनाव है तो योगी ने पूरी जान झोंक रखी है। योगी ने दो सीटों को जिताने की ज़िम्मेदारी ली है। एक तो यही मिल्कीपुर और दूसरी अंबेडकर नगर की कटेहरी। योगी लगातार अयोध्या और अंबेडकर नगर का दौरा कर रहे हैं, लोगों से मुलाक़ात कर रहे हैं। यहीं से हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत कर चुके हैं। एक बार फिर अयोध्या जाएंगे को नए विश्वविद्यालय की शुरुआत करेंगे। पिछली बार योगी ने आध्यात्मिक पीठ अशरफ़ी भवन में नवनिर्मित श्री राम मंदिर में राम दरबार में हाजरी लगाई थी।

मिल्कीपुर के लिए अखिलेश की सक्रियता ।

सपा इस सीट से अवधेश के बेटे अजीत प्रसाद को टिकट दे सकती है। PDA फ़ॉर्मूले पर काम चल रहा है। अखिलेश ने कई प्रभारियों को नियुक्त किया है। इसी के तहत अवधेश को इस सीट का प्रभारी नियुक्त किया गया है। समाजवादी पार्टी इस बार बीजेपी को गिराने के लिए पुरज़ोर कोशिश करेंगी।

ये चुनाव BJP बनाम सपा नहीं बल्कि योगी बनाम अवधेश या अखिलेश कहें जा रहे हैं क्योंकि मिल्कीपुर सीट बन गई है नाक का सवाल। बहरहाल, आपको बता दें मिल्किपुर, कटेहरी के अलावा कर्ल, कुंदरकी , खैर, ग़ाज़ियाबाद, फूलपुर, मीरापुर, मझंवा सीट पर उपचुनाव होना है जो 2027 का सेमिफ़ाइनल माना जा रहा है। 
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