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ED Raid in Jharkhand : झारखंड और छत्तीसगढ़ में ईडी का बड़ा एक्शन ! IAS विनय चौबे सहित 17 ठिकानों पर छापेमारी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से झारखंड और छत्तीसगढ़ में कुल 17 ठिकानों पर छापेमारी की गई है। इनमें IAS विनय चौबे, आबकारी विभाग के अधिकारी गजेंद्र सिंह और झारखंड के शराब मालिकों के कई ठिकानों पर यह छापेमारी हुई है। इससे पहले पूर्व में ईडी ने कई छापेमारी की थी। जहां ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री सहित कई लोगों के घरों पर कुल 32 करोड़ रुपए से ज्यादा का कैश बरामद किया गया था।
ED Raid in Jharkhand : झारखंड और छत्तीसगढ़ में ईडी का बड़ा एक्शन ! IAS विनय चौबे सहित 17 ठिकानों पर छापेमारी
झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले ईडी का बड़ा एक्शन हुआ है। इनमें IAS विनय चौबे, आबकारी विभाग के अधिकारी गजेंद्र सिंह और झारखंड शराब टेंडर मालिकों के कई ठिकानों पर छापेमारी हुई है। वहीं छत्तीसगढ़ में भी शराब सिंडिकेट घोटाले के कई मामलों में छापेमारी हुई है। खबरों के मुताबिक झारखंड और छत्तीसगढ़ में कुल 17 ठिकानों पर छापेमारी हुई है। झारखंड चुनाव से पहले इस छापेमारी से हड़कंप मच गया है। छापेमारी का असर चुनाव में भी देखने को मिल सकता है और अगर बड़ा घोटाला सामने आया। तो सत्ता में मौजूद झारखंड मुक्ति मोर्चा को बड़ा नुकसान भी हो सकता है। 

झारखंड के पूर्व मंत्री के घर पर हुई थी छापेमारी


इस छापेमारी से पहले ईडी ने झारखंड के पूर्व मंत्री के घर पर छापेमारी की थी। जिसमें करोड़ों रुपए कैश बरामद हुए थे। मई महीने में रांची के कई ठिकानों पर छापेमारी हुई थी। कुल 6 छापेमारी में 32.23 करोड़ रुपए कैश बरामद हुए थे। पूर्व ग्रामीण मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के नौकर के घर पर भी छापेमारी हुई थी। कैश की संख्या इतनी ज्यादा थी कि अधिकारी मशीन से नोट गिन रहे थे। ईडी ने कई और योजनाओं में घोटालों को लेकर और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कई बड़ी छापेमारियां की थी। इनमें झारखंड विकास विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र सिंह गिरफ्तार हुए थे। ईडी ने इस मामले में एक्शन लेने से पहले सरकार को पत्र लिखा था। लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं की गई थी। सभी भ्रष्टाचारियों को यह पत्र साझा कर दिया गया था।

कौन है पूर्व ग्रामीण मंत्री आलमगीर आलम 


बता दें कि आलमगीर आलम झारखंड की पाकुड़ विधानसभा से कांग्रेस पार्टी के 4 बार विधायक रह चुके हैं। वह झारखंड सरकार में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इन्हें विरासत में राजनीति मिली और सरपंच का चुनाव जीतकर आगे विधायक तक का सफर तय किया। 2000 से लेकर वह लगातार विधायक रहे हैं। 
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