सपा नेता विनय शंकर तिवारी पर ईडी की बड़ी कार्रवाई! 700 करोड़ की हेराफेरी में मुंबई,लखनऊ,दिल्ली सहित कई ठिकानों पर एक्शन
बता दें कि जब विनय शंकर तिवारी बसपा से विद्यायक थे। तब उन्होंने गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड के नाम से अपने प्रमोटरों, निदेशकों और गारंटरों के साथ बैंक ऑफ इंडिया और कुल सात बैंकों से कंसोर्टियम से 1129.44 करोड़ रुपये का लोन लिया था। यह शिकायत बैंक ऑफ़ इंडिया में क्लस्टर लोन देने वाले ने सीबीआई में शिकायत की थी। जिसके बाद यह मामला सीबीआई में दर्ज हुआ।

सपा नेता व पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी के लखनऊ, गोरखपुर, दिल्ली, मुंबई और नोएडा के कई ठिकानों पर ईडी की रेड पड़ी है। यह कार्रवाई सोमवार सुबह करीब 10 बजे के आसपास हुई। विनय शंकर तिवारी के खिलाफ सीबीआई पहले से ही जांच कर रही है। उन पर 700 करोड़ रूपये हड़पने का आरोप है। इस कार्रवाई के बाद ED ने PMLA एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। खबरों के मुताबिक विनय शंकर तिवारी ईडी के द्वारा नोटिस देने के बाद भी पेश नहीं हो रहे थे। इसी वजह से आज सुबह यह कार्रवाई हुई। करीब 4 घंटे तक जांच पड़ताल कर कई जानकारियां जुटाई गई है।
क्या है 1500 करोड़ रूपये के घोटाले का मामला ?
बता दें कि जब विनय शंकर तिवारी बसपा से विद्यायक थे। तब उन्होंने गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड के नाम से अपने प्रमोटरों, निदेशकों, और गारंटरों के साथ बैंक ऑफ इंडिया और कुल सात बैंकों से कंसोर्टियम से 1129.44 करोड़ रुपये का लोन लिया था। यह शिकायत बैंक ऑफ़ इंडिया में क्लस्टर लोन देने वाले ने सीबीआई से शिकायत की थी। जिसके बाद मामला दर्ज हुआ। विनय शंकर तिवारी पर आरोप है कि उन्होंने यह रकम अन्य कंपनियों में डायवर्ट कर दिया और बैंकों की रकम को वापस नहीं किया। जिसकी वजह से बैंकों के कंसोर्टियम को कुल 754.24 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। यह पूरा मामला बैंक के लोन को दूसरी जगह निवेश कर उसे हड़पने का है।
2023 में भी ईडी ने जब्त की थी इनकी संपत्ति
जानकारी के लिए बता दें कि साल 2023 में भी ईडी ने विनय शंकर तिवारी की कई संपत्तियों को जप्त किया था। यह मामला भी कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेस लिमिटेड द्वारा बैंकों के कंसोर्टियम का करीब 1129.44 करोड़ रुपये हड़पने का था। जिसके बाद बैंकों की शिकायत पर सीबीआई ने केस दर्ज किया था। ईडी ने विनय तिवारी समेत कंपनी के समस्त निदेशक, प्रमोटर और गारंटर के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। इनमें कुल 72.08 करोड़ की कुल संपत्तियों को जब्त किया गया था। यह कार्रवाई राजधानी लखनऊ स्थित ईडी के जोनल कार्यालय द्वारा हुई थी। इनमें गोरखपुर, महराजगंज और लखनऊ स्थित कुल 27 संपत्तियों को जब्त किया था। इनमें खेती करने वाली भूमि,बिजनेस कांप्लेक्स, रहने वाले आवासीय परिसर और आवासीय भूखंड शामिल था।
कभी यूपी में हरिशंकर तिवारी की तूती बोला करती थी
पूर्वांचल के बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी की मृत्यु हो चुकी है। विनय शंकर तिवारी उन्हीं के छोटे बेटे हैं। पूरे उत्तर-प्रदेश में यह नाम कभी चर्चाओं में रहती था। हरिशंकर तिवारी का ऐसा रसूख था कि इनकी तूती बोला करती थी। हरिशंकर तिवारी पूर्वांचल के पहले माफिया थे। अतीक अहमद,मुख्तार अंसारी धनंजय सिंह और बड़े-बड़े माफिया इनको गुरु समझते थे। रेलवे का ठेका हो या कोई और ठेका वह हरिशंकर तिवारी के पास ही होता था। साल 1985 से लेकर 2007 तक अलग-अलग पार्टियों से विधायक और मंत्री रहे हरिशंकर तिवारी का एक अलग ही जलवा था। लेकिन कहते हैं कि समय के साथ निजाम बदल गया और तिवारी परिवार का रसूख भी मंद पड़ता चला गया। बसपा, सपा, कांग्रेस में हरिशंकर तिवारी वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते थे। लेकिन उनके दोनों बेटे इस रसूख को बचा नहीं पाए। गोरखपुर में तिवारी हाता और गोरखनाथ मंदिर के बीच दुश्मनी जगजाहिर है। हरिशंकर तिवारी की सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ कभी नहीं बनी। विनय शंकर तिवारी कई बार सरकार के मुखिया पर हमलावर रहे हैं।