Eknath Shinde ने Uddhav Thackeray पर बोला हमला, कहा दोगली...
एकनाथ शिंदे ने बाल ठाकरे का ज़िक्र कर उद्वव पर ऐसा फंडाफोड किया है कि, सुनने के बाद उद्द्व का भी सिर चकरा जाएगा, क्योंकि शिंदे का कहना है कि उद्दव दोगली राजनीति करते हैं।
लोकसभा चुनावों के बीच महाराष्ट्र में सियासी हलचल तेज है, बयानबाज़ियों का दौर जारी है, सीएम एकनाथ शिंदे लगातार उद्धव ठाकरे पर हमला बोल रहें है, और बयानों में जिन शब्दों का प्रयोग कर रहें है उसे सुनकर निश्चित तौर पर ठाकरे परिवार सदमे में आ जाएगा, दरअसल एकनाथ शिंदे ने बाल ठाकरे का ज़िक्र कर उद्वव पर ऐसा फंडाफोड किया है कि, सुनने के बाद उद्द्व का भी सिर चकरा जाएगा, क्योंकि शिंदे का कहना है कि उद्दव दोगली राजनीति करते हैं।
यही नहीं इसके अलावा शिंदे ये तक भी आरोप लगा देते हैं कि उद्दव अपने पिता के बिल्कुल उलट है और उनकी दिलचस्पी ग्वाल अपने स्वार्थ को लेकर है, इसीलिए उनके दल को हिंदुत्व पार्टी अब नहीं कहा जा सकता है। "उद्धव के दल को एक हिंदुत्व पार्टी नहीं कहा जा सकता, क्योंकि उन्होंने उस कांग्रेस से हाथ मिलाया है जो सावरकर का अपमान करती है और वो अब बालासाहेब को 'हिंदू हृदय सम्राट' भी नहीं कह सकते।"
एकनाथ शिंदे यहीं नहीं रुके उन्होंने इसके आगे बालासाहेब ठाकरे का ज़िक्र करते हुए उद्दव पर तंज कसा और कहा: "बाला साहेब कुछ और थे, उन्हें जो कहना होता था, वह कहते थे और वो कभी भी अपनी बातों से पीछे नहीं हटते थे, वो जो भी एक बार कहते थे, वह पत्थर की लकीर बन जाता था, कोई दूसरा बाला साहेब ठाकरे नहीं हो सकता, बालासाहेब महान सोच और विचारधारा वाले महान व्यक्ति थे, वह ऐसे व्यक्ति थे जो अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ खड़े रहते थे, देश और राज्य के विकास के साथ-साथ हिंदुत्व को आगे बढ़ाने के लिए भी उनके पास एक महान दृष्टिकोण था, उद्धव उनसे पूरी तरह से उलट हैं, वह केवल अपने स्वार्थ को आगे बढ़ाने में रुचि रखते हैं, उन्हें पार्टी या पार्टी कार्यकर्ताओं से कोई लेना-देना नहीं है, उद्धव ठाकरे दोगली राजनीति करते हैं।"
ग़ौरतलब है कि, एकनाथ शिंदे जून 2022 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना से बग़ावत कर दी थी और अलग हो गए थे, उन्होंने पार्टी तोड़ दी थी, जिसके बाद बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाई और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए थे, दरअसल हुआ कुछ यूँ था कि, 2019 लोकसभा चुनाव तक बीजेपी और अविभाजित शिवसेना के बीच गठबंधन था, यहां तक कि विधानसभा चुनाव भी दोनों ने साथ लड़ा, बीजेपी ने ज़्यादा सीटें जीती लेकिन शिवसेना ने ज़िद ठानी की मुख्यमंत्री उन्हीं का बनेगा जिसकी वजह से बीजेपी-शिवसेना के रास्ते अलग हो गए और एकनाथ शिंदे, उद्दव ठाकरे में तलवारें खिंच गई, यही वजह है कि अब लोकसभा चुनाव के बीच भी एकनाथ शिंदे लगातार उद्दव ठाकरे पर हमलावर है और उन्हें दोगली राजनीति करने वाला बता रहें हैं, वहीं दूसरी तरफ़ उद्धव ठाकरे भी बीजेपी और महाराष्ट्र सरकार पर हमलावर है और हर रैली में शिंदे और मोदी-शाह पर तंज कस रहें है।
अभी हाल ही में उद्दव ने एक जनसभा के दौरान कहा: "शिवसेना के नेताओं पर दबाव डाला जा रहा है, उन लोगों को पार्टी में नहीं शामिल होने पर फर्जी केस कर जेल में डालने की धमकी भी दी जा रही है, कई लोगों को जेल भी भेजा गया है, अब जनता उनका फैसला करेगी, उसी जेल में इन गद्दारों को भी डाला जाएगा, राज्य की जनता इन गद्दारों को रिटायर्ड ही नहीं, गेट आउट करने जा रही है, इन लोगों को तड़ीपार करेगी।"
तो कुछ इस तरह से महाराष्ट्र की राजनीति में महाभारत जारी है, दोनों तरफ़ से बयानबाज़ी हो रही है, ऐसे में महाराष्ट्र की राजनीति में हो रही इस लड़ाई पर आपकी क्या राय है कमेंट में जरुर बताएं।