मंत्रालय बंटवारे की खबरों पर भड़के Modi ने बीच बैठक में ही सांसदों को दे दी तगड़ी नसीहत
देश की सत्ता संभाल रहे नरेंद्र मोदी पहली बार साल 2014 में जब प्रधानमंत्री बने ,तोबीजेपी के पास पूर्ण बहुमत था और जब साल 2019 में लगातार दूसरी बार देश की सत्ता संभाली। तो उस वक्त भी पार्टी के पास पूर्ण बहुमत था।लेकिन इस बार देश की जनता ने बीजेपी को नहीं,एनडीए गठबंधन को जनादेश दिया है। यही वजह है कि विपक्षी नेताओं से लेकर मीडिया तक में ये खबरें चल रही हैं कि चंद्र बाबू नायडू समर्थन के नाम पर कोई बड़ा मंत्रालय मांग रहे हैं।तो कहीं नीतीश कुमार भी समर्थन के नाम पर कई बड़े मंत्रालय की डील करने में लगे हुए हैं।ऐसी तमाम अफवाहें उड़ाने वालों को पीएम मोदी ने जबरदस्त लताड़ लगाई है।
दरअसल जबसे बीजेपी बहुमत के जादुई आंकड़े से पिछड़ी है, मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक ये खबरें छाई हुई हैं कि नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू,जीतन राम मांझी जैसे एनडीए के नेता बीजेपी पर मंत्रालय को लेकर दबाव बना रहे हैं।कुछ मीडिया चैनलों में तो सूत्रों के हवाले से यहां तक कहा जा रहा है कि चंद्रबाबू नायडू वित्त मंत्रालय, जलशक्ति मंत्रालय जैसे विभाग मांग रहे हैं। ऐसी तमाम अटकलों के बीच शुक्रवार को जब पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में एनडीए के सांसदों की बैठक हुई तो इस दौरान मंत्री बनने बनाने की अफवाहों को लेकर एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने एनडीए के तमाम सांसदों को ऐसी अफवाहों सतर्क रहने की नसीहत देते हुए कहा कि -आजकल कई लोग सरकार बनाने में लगे हुए हैं, मंत्री पद बांट रहे हैं व्यवस्था बांट रहे हैं मैं आपसे आग्रहपूर्वक कहता हूं जो लोग मोदी को जानते हैं वो ये भी जानते होंगे कि ये सारे प्रयास निरर्थक हैं भाई। नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू जैसे गठबंधन के बड़े नेताओं के सामने ही सांसदों को नसीहत दे रहे पीएम मोदी ने यहां तक कहा कि- किसी का फोन आ जाए तो नंबर वेरिफाई कर लेना कि जिसने फोन किया है, वह सचमुच में अथॉरिटी है या नहीं मेरा सभी सांसदों से आग्रह है कि हम ऐसी साजिशों का शिकार ना बनें।
सांसदों की क्लास लगा रहे पीए मोदी ने इस दौरान नीतीश, नायडू, अनुप्रिया पटेल, जीतन राम मांझी जैसे बड़े नेताओं की ओर इशारा करते हुए ये बात भी साफ कर दी कि इन्हीं नेताओं के विचार विमर्श पर ही मंत्री बनाए जाएंगे।इन नेताओं के अलावा मीडिया या सोशल मीडिया पर कहीं से भी मंत्री बनाने की खबरें आएं तो ऐसी अफवाहों से दूर रहें।आपको बता दें लगातार दो बार से प्रचंड बहुमत के साथ सरकार चलाने वाले पीएम मोदी को इस बार देश की जनता ने 240 सीटें ही दी है। ऐसे में बिहार के सीएम नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के भावी मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का साथ बेहद अहम हो जाता है।क्योंकि इन्हीं दोनों नेताओं की पार्टियों के पास बीजेपी के बाद सबसे ज्यादा सांसद हैं जिनका साथ रहना मोदी के लिए बेहद जरूरी है। ये दोनों नेता अगर इंडिया गठबंधन की ओर चले जाएंगे तो मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। वैसे इस बात की संभावनाएं कम ही हैं क्योंकि खुद नीतीश कुमार ने कह दिया है कि वो NDA छोड़ कर अब कहीं नहीं जाएंगे।