Priyanka Gandhi के विरोध में उतरे Ex. IPS Abdur Rahman, Congress की बजाई बैंड | Wayanad
पहली बार खुद प्रियंका गांधी लोकसभा चुनाव लड़ने जा रही हैं। वो भी वायनाड जैसी सुरक्षित सीट से।जहां मुस्लिम और ईसाई समुदाय की आबादी सबसे ज्यादा है। यही वजह है कि कांग्रेस ने इस सुरक्षित मानी जाने वाली सीट से पहले राहुल गांधी को चुनाव लड़ाया। और अब प्रियंका गांधी को भी इसी सीट से चुनाव मैदान में उतार दिया।लेकिन अब मुसलमानों ने ही प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने के खिलाफ विरोध शुरू कर दिया है।
Priyanka Gandhi : अब तक कभी मां सोनिया गांधी। तो कभी भाई राहुल गांधी के लिए देश भर में घूम घूम कर वोट मांगने वालीं Priyanka Gandhi । अब खुद अपने लिए वोट मांगने के लिए दक्षिण राज्य केरल के वायनाड में वोट मांगती फिरेंगी। क्योंकि पहली बार खुद प्रियंका गांधी लोकसभा चुनाव लड़ने जा रही हैं। वो भी वायनाड जैसी सुरक्षित सीट से।जहां मुस्लिम और ईसाई समुदाय की आबादी सबसे ज्यादा है। यही वजह है कि कांग्रेस ने इस सुरक्षित मानी जाने वाली सीट से पहले राहुल गांधी को चुनाव लड़ाया। और अब प्रियंका गांधी को भी इसी सीट से चुनाव मैदान में उतार दिया। लेकिन अब मुसलमानों ने ही प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने के खिलाफ विरोध शुरू कर दिया है।
दरअसल प्रियंका गांधी की आधिकारिक तौर पर सियासी लॉन्चिंग तो साल 2022 में ही हो गई थी। जब कांग्रेस ने उन्हें यूपी का महासिच बनाकर भेज दिया था। लेकिन लड़की हूं लड़ सकती हूं वाली प्रियंका गांधी तमाम कोशिशों के बावजूद यूपी की 403 विधानसभा सीटों में से महज 2 सीटों पर ही कांग्रेस को जिता पाईं। शायद इसी हार के डर की वजह से कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को सीधे लोकसभा चुनाव में नहीं उतारा। और अब उन्हें वायनाड सीट से उपचुनाव के जरिये प्रियंका गांधी को संसद भेजने भेजने जा रही है।लेकिन चुनाव से पहले ही मुसलमानों ने प्रियंका गांधी के खिलाफ विरोध का मोर्चा खोल दिया है। और ये विरोध कोई और नहीं।देश के पूर्व आईपीएस अफसर अब्दुर्रहमान कर रहे हैं। जिन्होंने नागरिकता संशोधन कानून यानि सीएए के विरोध में आईपीएस की नौकरी से रिजाइन दे दिया था। और अब प्रियंका गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने का विरोध कर रहे हैं। क्योंकि जिस वायनाड से कांग्रेस प्रियंका गांधी को चुनाव लड़ा रही है। उस वायनाड में मुस्लिम आबादी सबसे ज्यादा है। ऐसे में कांग्रेस को प्रियंका की बजाए किसी मुस्लिम नेता को वायनाड से चुनाव लड़ाना चाहिये था। लेकिन कांग्रेस ने राहुल गांधी की बहन प्रियंका टिकट देकर उतार दिया। बस इसी बात का विरोध कर रहे पूर्व आईपीएस अब्दुर्रहमान ने एक पोस्ट में कहा।
"सुनने में आया है कि राहुल गांधी वायनाड की सीट छोड़ेंगे और प्रियंका गांधी वहां से चुनाव लड़ेंगी, वायनाड एक मुस्लिम बहुल सीट है जहां 45% मुस्लिम और 20% ईसाई मतदाता हैं, परिसीमन के बाद यह सीट बनी थी जहां 2009 और 2014 में मोहम्मद इब्राहिम शाहनवाज विजयी हुए थे, इस तरह यह मुसलमानों की सीट है, कांग्रेस को चाहिए की यहां से किसी मुस्लिम को टिकट दे, ऐसा होता है तो मुस्लिम सांसदों की संख्या 24 से बढ़कर 25 हो जाएगी, ऐसा नहीं हुआ तो देश के मुसलमानों को गहरा आघात लगेगा और वे सोचने पर मजबूर होंगे कि कांग्रेस क्या सिर्फ इस समुदाय का इस्तेमाल करेगी या उनका जायज राजनीतिक हक कभी दिलाएगी, इस पर पूरे समुदाय की नजर है "।
पूर्व आईपीएस अब्दुर्रहमान की इन बातों का। कई मुसलमानों ने भी समर्थन किया।
फतेह खान पठान नाम के एक एक्स यूजर ने लिखा। "किसी हालत में यह किसी मुसलमान को टिकिट नहीं देंगे इनको पता है किसी मुस्लिम को टिकिट दो या मत दो यह कौम इतनी जाहिल है कि वोट फिर भी अपने को ही करेगी तो क्यों किसी मुस्लिम को टिकट दें? "
मोहम्मद इमरान नाम के एक यूजर ने लिखा। "राहुल गांधी में इतना ही माद्दा है चुनाव जीतने और जिताने का तो प्रियंका गांधी को कहीं और से चुनाव लड़ा कर किसी मुस्लिम को वायनाड से चुनाव लड़ाएं "
निजामुद्दीन अंसारी नाम के एक यूजर ने लिखा। "गद्दारों को कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि मुसलमानों को लथेरपन की आदत पड़ गई है, जमीर मर गया है मुसलमानों का जबसे कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को वायनाड जैसी मुस्लिम बहुल सीट से उपचुनाव लड़ाने का ऐलान किया है ।मुसलमानों की ओर से कुछ इसी तरह का विरोध जताया जा रहा है। क्योंकि वायनाड जब मुस्लिम बहुल सीट है तो यहां से किसी मुस्लिम को चुनाव लड़ाने की बजाए। कांग्रेस प्रियंका गांधी को चुनाव लड़ा रही है। वैसे भी राहुल गांधी तो पहले ही कह चुके हैं कि अगर मोदी के खिलाफ प्रियंका गांधी चुनाव लड़तीं तो मोदी और बुरी तरह से हारते। तो फिर कांग्रेस को ये जवाब देना चाहिए कि प्रियंका गांधी के लिए उसने वायनाड जैसी सुरक्षित सीट ही क्यों चुनी"
खुद राहुल गांधी साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी नेता स्मृति ईरानी से चुनाव हार गये थे। वो तो भला हो दो सीटों से चुनाव लड़े थे।जिसकी वजह से वायनाड से उनकी सांसदी बची रही।और बात कर रहे हैं कि प्रियंका गांधी अगर बनारस से चुनाव लड़तीं तो मोदी को जान बचा कर भागना पड़ता। अगर ऐसी ही बात है तो फिर राहुल गांधी को वायनाड की बजाए रायबरेली सीट छोड़ देनी चाहिए थी। जिससे प्रियंका गांधी वहां से उपचुनाव लड़तीं। लेकिन नहीं। ये बात शायद कांग्रेस को भी पता थी।कि अगर रायबरेली सीट राहुल गांधी छोड़ते हैं तो यहां से प्रियंका गांधी का जीतना मुश्किल हो जाएगा। यही वजह है कि कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को मुस्लिम बहुल लोकसभा सीट वायनाड से चुनाव लड़ा रही है। वैसे आपको क्या लगता है। क्या वायनाड से प्रियंका गांधी चुनाव जीत पाएंगी।