वाजपेयी के साथ फडणवीस की बचपन की तस्वीर वायरल, जानिए पूरी कहानी
महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल के बीच देवेंद्र फडणवीस और अटल बिहारी वाजपेयी की एक पुरानी तस्वीर वायरल हो रही है। यह तस्वीर फडणवीस के बचपन के दिनों की है, जब वह वाजपेयी से पहली बार मिले थे। इस मुलाकात का श्रेय बीजेपी नेता प्रमोद महाजन को जाता है।
महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का नाम सत्ता में वापसी के लिए चर्चा में है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें देवेंद्र फडणवीस अपने बचपन के दिनों में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ नजर आ रहे हैं। यह तस्वीर न केवल उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि को उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि फडणवीस बचपन से ही भाजपा के बड़े नेताओं के संपर्क में थे।
कैसे जुड़ा वाजपेयी से फडणवीस का रिश्ता?
देवेंद्र फडणवीस का अटल बिहारी वाजपेयी से रिश्ता उनके पिता गंगाधर राव फडणवीस के माध्यम से जुड़ा। गंगाधर राव संघ परिवार और जनसंघ के प्रमुख सदस्यों में से एक थे। वह अक्सर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ समय बिताते थे, और इसी दौरान फडणवीस को वाजपेयी से मिलने का मौका मिला। प्रमोद महाजन, जो भाजपा के प्रभावशाली नेता थे, ने फडणवीस की अटल बिहारी वाजपेयी से पहली मुलाकात करवाई। यह मुलाकात नागपुर में हुई थी, जहां अटलजी ने न केवल फडणवीस से गर्मजोशी से बात की, बल्कि उन्हें प्रोत्साहित भी किया।
वायरल तस्वीर की कहानी
तस्वीर में फडणवीस बेहद कम उम्र के नजर आते हैं। उस वक्त वह अटलजी से ऑटोग्राफ लेने के लिए उत्सुक थे। जब उन्हें वाजपेयी से मिलने का मौका मिला, तो अटलजी ने मुस्कुराते हुए न केवल उनका अभिवादन किया, बल्कि उनकी राजनीतिक समझ और विचारों की सराहना भी की। फडणवीस का यह कहना है कि अटल बिहारी वाजपेयी उनके आदर्श थे। उनकी भाषण शैली, विनम्रता और दूरदृष्टि ने फडणवीस को गहराई से प्रभावित किया। उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंच पर कहा है कि उनकी राजनीति में आने की प्रेरणा वाजपेयी से ही मिली।
2019 की राजनीति और 'समंदर' का बयान
2019 में जब भाजपा ने शिवसेना के साथ गठबंधन तोड़कर महाराष्ट्र की सत्ता पर दोबारा कब्जा जमाने का प्रयास किया, तो फडणवीस ने अजित पवार के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश की। हालांकि, यह दांव उल्टा पड़ गया। इस राजनीतिक असफलता के बाद फडणवीस ने एक ऐसा बयान दिया, जिसने उन्हें फिर से चर्चा में ला दिया। उन्होंने कहा "मेरा पानी उतरता देखकर किनारे घर मत बनाना, मैं समंदर हूं, लौटकर आऊंगा। मैं अभिमन्यु हूं, चक्रव्यूह तोड़ना आता है।" यह बयान फडणवीस के आत्मविश्वास और राजनीतिक दृढ़ता को दर्शाता है।
फडणवीस और RSS का जुड़ाव
देवेंद्र फडणवीस का संघ (RSS) से जुड़ाव उनके बचपन से ही रहा है। 1970 में जन्मे फडणवीस ने जब होश संभाला, तो उन्होंने खुद को आरएसएस की शाखाओं में पाया। उनके पिता गंगाधर राव फडणवीस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख सदस्यों में से एक थे, और इसी वजह से फडणवीस का संघ से गहरा संबंध बना। आरएसएस की शाखाओं में भाग लेना, जनसंघ के नेताओं से संवाद करना, और संघ की विचारधारा को आत्मसात करना उनके व्यक्तित्व का हिस्सा बन गया। यही वजह है कि उनकी राजनीतिक समझ और निर्णय लेने की क्षमता में संघ की सोच झलकती है।
इस वायरल तस्वीर के जरिए फडणवीस की राजनीतिक यात्रा के शुरुआती कदमों की झलक मिलती है। यह तस्वीर बताती है कि वह न केवल एक प्रेरणादायक नेता हैं, बल्कि उनके आदर्शों और मार्गदर्शकों ने उन्हें एक मजबूत नेता के रूप में गढ़ा है। महाराष्ट्र की राजनीति में फडणवीस की वापसी की चर्चा के बीच यह तस्वीर एक प्रतीक बन गई है। यह याद दिलाती है कि नेता बनने का सफर बचपन से शुरू होता है, और प्रेरणा के बीज तभी बोए जाते हैं।
यह तस्वीर और कहानी दोनों इस बात की ओर इशारा करती हैं कि फडणवीस जैसे नेता बचपन से ही राजनीति की गहराई को समझते आए हैं। यह केवल उनकी व्यक्तिगत यात्रा नहीं, बल्कि भाजपा की विचारधारा और नेतृत्व की शक्ति को भी उजागर करती है। महाराष्ट्र की राजनीति में फडणवीस की भूमिका, उनकी रणनीतियां और अटलजी से प्रेरणा लेना, यह सब उनके नेतृत्व को एक अलग मुकाम पर खड़ा करता है। उनकी यह कहानी न केवल रोचक है, बल्कि पाठकों को यह सोचने पर मजबूर करती है कि राजनीति में आदर्श और प्रेरणा कितनी अहम होती है।