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विसर्जन के दौरान 'मां दुर्गा' की मूर्ति पर कट्टरपंथियों का हमला, मामले में FIR दर्ज

उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में माँ दुर्गा के विसर्जन जुलूस पर हमला हुआ। इस हमले में जुलूस में शामिल महिला श्रद्धालुओं को भी निशाना बनाया गया। हमले के दौरान तलवारें लहराई गईं और पत्थरबाजी हुई। जानकारी के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और लाठी चार्ज भी किया। मामले पर कई लोगों पर मामला द्रज कर लिया गया है। आगे कू कार्रवाई जारी है।
विसर्जन के दौरान 'मां दुर्गा' की मूर्ति पर कट्टरपंथियों का हमला, मामले में FIR दर्ज
एक ऐसा राज्य जिसकी कमान Yogi Adityanath के हाथों में है। जिनकी दहाड़ से पूरा भारत कांप उठता है। जिनका सनातनी अंदाज न जाने कितनों को प्रभावित करता है। सनातन धर्म के लिए समर्पित, राज्यहित के लिए कार्य करने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ को छेड़ने का काम कुछ कट्टरपंथियों ने कर दिया है। मामला है यूपी के कौशंबी का जहां दुर्गा विसर्जन जुलूस पर कुछ कट्टरवादी लोगों ने हमला कर दिया। जुलूस में शामिल श्रद्धालुओं को निशाना बनाया, तलवारें लहराई फिर पत्थरबाजी की, खबर तो ये भी है कि मां की मुर्ती पर थूका और लात भी मारी है। इस गंदी हरकत को अंजाम देने में लगभग एक दर्जन मुस्लिम समुदाय के लोगों का हाथ था। 


मामला मंझनपूर का है। शनिवार की घटना है जब मां दुर्गा की भक्ति में चूर भक्तों को मां की विदाई करनी करनी थी। हर साल की तरह इस बार भी तय मार्ग पर जाना था। ताकि मां की मूर्ति का विसर्जन किया जा सके। परंपरा के अनुसार रंग-गुलाल उड़ाए जा रहे थे। भक्ति भाव का माहौल था। लेकिन ये माहौल तब तनावपूर्ण हो गया जब जुलूस मंझनपुर पहुंची। ऑप इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इमामबाड़ा चबूतरा पर बैठे कुछ मुसलमानों ने रंग-गुलाल लगने का बहाना बनाकर विवाद शुरू कर दिया। जिसके बाद जुलूस पर पत्थरबाजी होने लगी। घर और छतों से पत्थर फेंकी की जा रही थी। हिंदुसूचक शब्द का प्रयोग किया जा रहा था। और इसी बीच छत से हमला करने वाले कट्टरपंथी तलवार लेकर नीचे पहुंच गए। हमलावरों में महिला भी शामिल थी। एक पीडि़त व्यक्ति ने ये भी दावा है कि हमलावरों ने माँ दुर्गा की मूर्ति को पैरों से मार कर क्षतिग्रस्त कर दिया और उस पर थूकने लगे। एक महिला श्रद्धालु को कुछ हमलावर दुष्कर्म की नीयत से खींचकर अपनी तरफ ले जाने लगे जिसे जैसे-तैसे बचाया गया। कई श्रद्धालु इस घटना में घायल हो गए है।  

मामला काफी गंभीर है, और इसी गंभीरता को आंकते हुए पुलिस ने त्वरित ऐक्शन लिया। 

योगी के यूपी में इन कट्टरपंथियों हिंदुओं की भावना के सात खिलवाड़ करके साप के बिल में हाथ डालने वाला काम किया है। लगता है योगी की चेतावनी इन्हें याद नहीं है। इन्हें लग रहा है कि ये पुरानी सरकार है, जो इन दोषी मुसलमानों को संरक्षण देगी। एक वक्त ऐसा भी था जब अखिलेश सरकार ने सड़क पर निकलने वाली कांवड़ यात्रा में डीजे बजाने पर रोक लगा दी थी। लेकिन मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर पर कोई रोक नहीं लगाई थी और ना ही सड़क पर नमाज पढ़े जाने पर कोई पाबंदी लगाई थी। लेकिन जब भगवाधारी योगी आदित्यनाथ ने यूपी की सत्ता संभाली तो यहा तस्वीर ही बदल गई। डीजे के साथ कांवड़ यात्रा निकलने लगी, सड़क पर नमाज पढ़ना भी बंद हो गया, और मस्जिदों से लाउडस्पीकर भी हटा दिये गये। योगी आदित्यनाथ ने साफ शब्दों में कहा था कि जिन्हें मंदिर के घंटे और शंख से परेशानी होती है, वो अपने कान बंद कर लें।

गुंडे बदमाशों को सबक सिखाने के साथ ही सनातन धर्म के लिए आवाज उठाने वाले योगी आदित्यनाथ के राज्य में कट्टरपंथियों ने मां दूर्गा और उनके श्रद्धालुओं की भक्ति के साथ छेड़छाड़ कर पंगा मोल लिया है। अब तो योगी इन्हें छोड़ेंगे नहीं। 
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