वित्त मंत्री ने कांग्रेसी Ramesh की बोलती कर दी बंद
'दीदी' के बयान पर कांग्रेस ने दिखाया दोहरापन। कभी सपोर्ट करती तो कभी विरोध में खड़ी दिखी कांग्रेस। वित्त मंत्री और जनता ने दिखाया 'सच का आईना'।
Mamata : Mamata दीदी को लेकर देश का चुनावी माहौल गर्म है। वजह है उनकी नीति आयोग वाली Publicity Stunt। आपको भी याद ही होगा। दीदी का नीति आयोग से वॉकआउट करना। और बाहर आकर चिखना चिल्लान।
जैसे ही ये वीडियो सामने आया राजनीतिक गलियारों में अफरा तफरी मच गई। लोगों को लगने लगा कि ममता दीददी के साथ गलत हुआ है। सोशल मीडिया पर सभी उनके लिए संवेदना व्यक्त करने लगे। लेकिन जब उनके इस दावे की सच्चाई सामने आई तो सभी दीदी को ही लताड़ लगाने लगे।
सोशल मीडिया पर इस बात पर बहस छिड़ी ही हुई थी। कि इसमें इंट्री हुई कि इसमें इंट्री हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश की। आव देखा न ताव। रमेश ने अपने X Handle पर एक पोस्ट में लिखा। 'दस साल पहले स्थापित होने के बाद से, नीति आयोग PMO का एक अटैचड ऑफिस रहा है। यह नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री के लिए ढोल पीटने वाले तंत्र के रूप में काम करता है। किसी भी रूप में इसने सहकारी संघवाद को मज़बूत नहीं किया है। इसका काम करने का तरीक़ा स्पष्ट रूप से पक्षपात से भरा रहा है। यह प्रोफेशनल और स्वतंत्र तो बिल्कुल भी नहीं है।यह अलग तरह के और असहमति से भरे सभी तरह के दृष्टिकोणों को दबा देता है, जो एक खुले लोकतंत्र के मूलतत्व हैं। इसकी बैठकें महज़ दिखावा मात्र की होती हैं। आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के प्रति उसका व्यवहार, जो कि नीति आयोग का वास्तविक रूप है, बिल्कुल अस्वीकार्य है।'
अब इस पोस्ट पर लोगों का गुस्सा फूटा। औऱ लोगों ने जयराम की खुलकर क्लास लगाई। किसी ने कांग्रेस के 65 सालों के शासन की याद दिलाई। तो किसी ने NAC यानी की National Advisory Council के बारे में राय पुछ ली।
एक यूजर ने लिखा- 'नीति आयोग क्या है किस लिए बनाई गई है आप को अच्छी तरह से पता है मुमताज बानो को बांग्लादेशी राजनीति करनी है और कांगी को नेहरू राजीव इंदिरा की राजनीति योजना करनी है पीएम योजना से विरोधी को दिक्कत है जाने दो कांग्रेस के 65 साल के शासन में घोटाले करने की आदत है ना ही कोई नीति है'
एक अन्य यूजर लिखते है- 'NAC के बारे मेंक्या विचार हैं? कितना संवैधानिक था? आजकल लाल किताब हिलाते रहते हैं। पढ़ना तो है नहीं।'
वहीं एक और यूजर ने रमेश को सच का सामना करा दिया- 'विदेशी महिला जब सुपर पीएम थी, तब की कहानी सब जानते है'
इतना ही नहीं कुछ युजर्स ने फोटो शेयर कर जसराम को जमकर लताड़ लगाई।
इधर सोशल मीडिया पर छीड़ि जंग के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जयराम रमेश को ऐसा सवाल पुछा। जिससे उनकी बोलती बंद हो गई। वित्त मंत्री ने कहा कि 'जयराम, आप वहां थे ही नहीं! दरअसल सीतारमण ने भी अपने X Handle पर पोस्ट करते हुए कहा - 'जयराम, आप वहां थे ही नहीं! हम सभी ने माननीय सीएम ममता बनर्जी को सुना। उन्होंने अपने पूरे समय में अपनी बात रखी। हमारी टेबल के सामने लगी स्क्रीन पर समय दिखाया जाता रहा।' उन्होंने आगे लिखा, 'कुछ अन्य मुख्यमंत्रियों ने अपने आवंटित समय से अधिक समय तक बात की। उनके अनुरोध पर, बिना किसी शोर-शराबे के अतिरिक्त समय दिया गया। माइक बंद नहीं किए गए, किसी के लिए नहीं, खासकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के लिए भी नहीं।'
अब आपको दिखाते है कांग्रेस के दोहरेपन का चेहरा। दरअसल ममता बनर्जी के दावे को लेकर घमासाम मचा हुआ है। लेकिन कांग्रेस को ये समझ नहीं आ रहा कि वो दीदी के साथ है। या उनके विरोध में। पहले आप जयराम रमेश के पोस्ट पर नजर डालिए। ये दीदी को सपोर्ट करने वाला पोस्ट है। अब आप कांग्रेस के ही नेता अधीर रंजन को सुनिए।जो खुद दीदी को झूठी करार दे रहें है।
अब इसे कांग्रेस का दोहरापन नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे। इन्हें खुद नहीं पता कि इन्हें क्या करना है। एक ही पार्टी का अलग अलग नेता। अलग अलग विचा़र रखता है।और कहता है कि हम साथ साथ है।