महिलाओं की योजना बना रही सरकार! महाराष्ट्र और झारखंड की जीत से मिल गया असली मंत्र
महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों से यह साफ हो गया कि किसी भी सरकार में महिलाओं की भागीदारी बतौर वोटर बढ़ती जा रही है। बीते कई चुनाव से सत्ता में काबिज सरकार यह फार्मूला अपनाने से बिल्कुल भी नहीं चूक रही है। महिलाओं का सम्मान, महिलाओं की हित की बात, सशक्त बनाना, सुरक्षा प्रदान करना और कई अन्य लाभकारी योजनाओं के जरिए हर एक सुख-सुविधा देना सरकार के लिए संजीवनी बूटी बन गई हैं। महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव में दोनों ही राज्य की सरकारें अपनी सत्ता बचाने में कामयाब रही। देखा जाए तो महिलाओं ने देवी रूप में आकर सरकार की रक्षा की है। इससे पहले मध्य-प्रदेश, राजस्थान और उत्तर-प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणामों में महिलाओं ने अहम योगदान दिया था। चाहे केंद्र की सरकार हो या राज्य की सरकार दोनों महिलाओं पर फोकस कर रहे हैं।
महिलाओं की कल्याणकारी योजनाएं बनी सत्ता में वापसी की चाबी
एक समय था। जब महिलाओं को घर से बाहर निकल कर वोट करने में भी कई तरह की पाबंदियां होती थी। अधिकतर महिलाएं मतदान करने से चूक जाती थी। जिसको लेकर कई बार उन्हें आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा है। लेकिन महिलाओं को पोलिंग बूथ पर पहुंचाने का ज़िम्मा सबसे पहले मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान ने शुरू की। महिलाओं में शादीशुदा और बिनब्याही दोनों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की। देश में पहली बार एक स्कीम लॉन्च की। जो महिलाओं के लिए ही थी। यह लाडली बहन योजना स्कीम थी। जिसने बाकी राज्यों को भी अपनी तरफ आकर्षित किया। शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू किया गया जीत का यह फार्मूला बाकी राज्य की सरकारों ने भी अपनाना शुरू कर दिया। चाहे वह बीजेपी की सरकार हो या फिर किसी अन्य विपक्षी दल की सरकार हो। सभी ने महिलाओं को टारगेट करना शुरू किया। जिसका परिणाम साफ तौर पर पोलिंग बूथ पर देखने को मिला। महिलाओं ने आगे बढ़कर वोटिंग में अपनी भागीदारी निभाई। महाराष्ट्र और झारखंड में दोनों ही सरकारों की वापसी में महिला योजना सबसे कारगर साबित हुई।
इनमें शिक्षा,स्वास्थ्य और कई अन्य लाभ की योजनाओं का पैसा सीधा खाते में ट्रांसफर करना काफी सफल रहा। इसमें न कोई बिचौलिया आया और न ही किसी तरीके की कटौती हुई। इससे महिलाएं काफी संतुष्ट हुई। एक तरीके से कहा जाए। तो किसान सम्मान निधि योजना की तरह ही महिलाओं के लिए भी यह योजना कामगार साबित हुई। इसमें सभी पार्टियों को राजनीतिक लाभ मिला। सरकार से मिल रही योजनाओं का लाभ मिलने पर महिलाओं ने हाथों-हाथ वोट किया।
महाराष्ट्र में बीजेपी की जीत में महिलाओं की बड़ी भूमिका
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे में महायुति अपनी सरकार बनाने जा रही है। बीजेपी के नेतृत्व वाली इस दल ने प्रचंड जीत हासिल की है। लेकिन इस बात का ध्यान रखना होगा कि महायुति ने महिला केंद्रित योजनाओं को पहली प्राथमिकता दी। इनमें शिक्षा और कौशल विकास जैसी कई योजनाएं शामिल रही। लाडली बहन स्कीम सरकार के लिए संजीवनी बूटी बन गई। सरकार इस योजना के अंतर्गत हर परिवार की महिला मुखिया को 1500 रूपये महीने दे रही है। चुनाव से पहले बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में कहा कि सत्ता में वापसी पर इस राशि को बढ़ा दिया जाएगा। मतलब 1500 के बजाय सरकार अब महिलाओं को 2500 महीना देगी। महिला वोटरों पर शिंदे का यह प्लान काम कर गया। चुनावी नतीजे यह बताते हैं कि महिलाओं ने महायुति को जमकर वोट किया।
जिन सीटों पर महाविकास अघाड़ी महायुति को टक्कर दे रही थी। वहां पर भी महिलाओं ने आखिरी समय में खेल कर दिया।
झारखंड मुक्ति मोर्चा की सत्ता वापसी में भी महिलाओं का बड़ा योगदान
महाराष्ट्र की तरह झारखंड में भी महिलाओं के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई गई। इनमें लाडली बहन योजना की तरह ही झारखंड मुक्ति मोर्चा कि राज्य सरकार ने मइयां योजना से झारखंड वासियों को अपने पाले में ला दिया। प्रदेश की महिलाओं को सरकार 1000 रूपये महीना दे रही है। अब तक 4 किश्त सरकार खाते में ट्रांसफर कर चुकी है। इन योजनाओं के अलावा हेमंत सोरेन सरकार ने स्कूल जाने वाली बेटियों के लिए मुफ्त साइकिल, सिंगल मदर को नगद सहायता, बेरोजगार महिलाओं को नगद सहायता के जरिए प्रदेश की महिलाओं को अपनी तरफ आकर्षित किया। आदिवासी, ग्रामीण और गरीब परिवारों के लिए यह स्कीम काफी फायदेमंद रही। इसका फायदा हेमंत सोरेन सरकार को भी मिला। चुनावी नतीजों में हेमंत सोरेन सरकार की प्रचंड जीत के साथ सरकार बनने जा रही है।