चुनाव से पहले क्या महाराष्ट्र में शुरू हो गया प्रेशर गेम? क्या अजित पवार कर सकते हैं बड़ा उलटफेर?
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच उपमुख्यमंत्री अजित पवार की गतिविधियों पर चर्चा तेज हो गई है। उन्होंने हाल ही में एक मंत्रिमंडल की बैठक से जल्दी बाहर निकलकर राजनीतिक अटकलों को जन्म दिया है। पवार का दावा है कि सत्तारूढ़ गठबंधन "महायुति" में सब कुछ ठीक है, लेकिन उनके व्यवहार ने संदेह पैदा किया है।
महाराष्ट्र की राजनीति में हर कोई ये सवाल पूछ रहा है कि क्या उपमुख्यमंत्री अजित पवार किसी बड़े दांव की तैयारी कर रहे हैं? विधानसभा चुनाव की घोषणा तो नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में उठापटक शुरू हो चुकी है। अजित पवार ने हाल ही में मंत्रिमंडल की बैठक से अचानक अलविदा लेकर सबको चौंका दिया। इसी के साथ राजनीतिक अटकलों का बाजार गर्म हो गया है।
महायुति में सब कुछ ठीक है?
हालांकि अचानक मंत्रिमंडल की बैठक से निकल जाने पर अजित पवार का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के गठबंधन महायुति में सब कुछ ठीक है। लेकिन क्या वाकई ऐसा है? महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने यह संकेत दिया है कि महायुति चुनावों के लिए पूरी तरह तैयार है। लेकिन पवार की बैठक से जल्दी जाने ने सबको सवालों में डाल दिया है। क्या यह संकेत है कि महायुति के भीतर सब कुछ ठीक नहीं है?
प्रेशर गेम की शुरुआत
राज्य के राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महाराष्ट्र में अब प्रेशर गेम शुरू हो गया है। अजित पवार ने पहले भी बीजेपी के साथ गठबंधन किया था, लेकिन बाद में अलग हो गए थे। अब देखना ये है कि क्या पवार फिर से कोई बड़ा कदम उठाने का साहस जुटाएंगे। क्योंकि विधानसभा की 288 सीटों के चुनाव अगले महीने हो सकते हैं, इसलिए सभी पार्टियां अपने-अपने वोटबैंक को मजबूत करने में जुटी हैं।
क्या अजित पवार बना रहे हैं अपनी टीम?
अजित पवार अपने कुनबे को लगातार बढ़ा रहे हैं, और यही कारण है कि उनकी गतिविधियों पर सभी की नजर है। उनके नेतृत्व में राकांपा और महायुति के बीच कुछ मतभेद उत्पन्न हुए हैं, खासकर बीजेपी के कुछ नेताओं द्वारा मुस्लिम विरोधी प्रचार को लेकर। हाल ही में पवार ने मंत्रिमंडल की बैठक से अलविदा लेकर अपने इरादों को स्पष्ट कर दिया है।
हालांकि इस पूरे मामले को कांग्रेस ने भी भुनाने की कोशिश की है। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार का कहना है कि अजित पवार को महायुति में दरकिनार करने की कोशिश की जा रही है। उनका आरोप है कि कई महत्वपूर्ण फैसले पवार की मंजूरी के बिना लिए जा रहे हैं, जिससे पवार ने बैठक से दूरी बना ली है।
ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि अजित पवार का अगला कदम क्या होगा। क्या वह अपने पुराने अनुभवों का लाभ उठाकर कुछ बड़ा कर सकते हैं? अगर ऐसा होता है, तो यह महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। जनता अब इन अटकलों का जवाब देने को तैयार है और चुनावों में अपना मत देने के लिए तत्पर है।
महाराष्ट्र की राजनीति में इस समय बहुत कुछ चल रहा है। अजित पवार का अगला कदम न केवल उनकी पार्टी के लिए, बल्कि पूरे महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में क्या नतीजे सामने आते हैं और किसकी राजनीतिक चालें कामयाब होती हैं।