केरल में हिंदू-मुस्लिम व्हाट्सएप ग्रुप विवाद, सस्पेंड हुए IAS अधिकारी, जानें क्या है मामला
केरल में एक बेहद विवादित और चर्चित मामले में राज्य के एक IAS अधिकारी, के. गोपालकृष्णन को उनके मोबाइल से बनाए गए धर्म-आधारित WhatsApp ग्रुपों के कारण निलंबित कर दिया गया है।
केरल सरकार ने हाल ही में IAS अधिकारी के. गोपालकृष्णन को निलंबित कर दिया है, जो मोबाइल नंबर से बनाए गए धर्म आधारित WhatsApp ग्रुपों के मामले में फंसे थे। केरल के उद्योग और वाणिज्य विभाग के डायरेक्टर रहे गोपालकृष्णन के खिलाफ उठे इस विवाद ने राज्य के प्रशासनिक क्षेत्र में तहलका मचा दिया है। आज हम इस विवाद की शुरुआत कैसे हुई, किस तरह का ग्रुप बनाया गया और कैसे धर्म आधारित ग्रुपों का बनना केरल की राजनीति में एक नई बहस छेड़ चुका है यह जानने की कोशिश करेंगे।
इस मामले की शुरुआत तब हुई जब IAS के. गोपालकृष्णन के नाम से 'Mallu Hindu Officers' और 'Mallu Muslim Officers' नामक दो WhatsApp ग्रुप बनाए गए। इस ग्रुप में राज्य के कई IAS अधिकारी जुड़े थे, जिनमें से कुछ ने इसे धार्मिकता और धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ मानते हुए इस पर नाराजगी जताई। माना जा रहा है कि ये ग्रुप सामान्य प्रशासनिक कार्यों के लिए नहीं, बल्कि विशिष्ट धर्म के अधिकारियों के लिए बनाए गए थे।
क्या है 'Mallu' शब्द का मतलब?
'Mallu' शब्द सामान्यतः केरल के निवासियों के लिए प्रयोग किया जाता है, जिन्हें 'मलयाली' कहा जाता है। इस संदर्भ में 'Mallu Hindu Officers' और 'Mallu Muslim Officers' का मतलब मलयाली हिंदू और मलयाली मुस्लिम है, यानी दोनों अधिकारियों के अलग अलग ग्रुप बनाए गए। लेकिनजैसे ही इस घटना की जानकारी बाहर आई, तो केरल सरकार ने इसे बहुत ही गंभीरता से लिया। IAS गोपालकृष्णन ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उनका मोबाइल हैक हो गया था और उसी से इन ग्रुपों का निर्माण किया गया।
लेकिन अब सवाल यह उठता है कि क्या यह वास्तव में हैकिंग थी? दरअसल केरल पुलिस की शुरुआती जांच के मुताबिक, गोपालकृष्णन के फोन के साथ कोई विशेष छेड़छाड़ नहीं हुई थी। जांच अधिकारियों के अनुसार, फोन की जांच नहीं हो सकी क्योंकि डिवाइस को 'रीसेट' कर दिया गया था। हालांकि, इसके बावजूद सरकार ने यह कदम उठाया क्योंकि इस मुद्दे ने राज्य में धर्मनिरपेक्षता की संवेदनशीलता को छू लिया।
केरल सरकार का रुख और कार्रवाई
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मुख्य सचिव से इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट में कथित तौर पर गोपालकृष्णन के फोन नंबर से बने धर्म आधारित ग्रुप की पुष्टि हुई। मुख्यमंत्री ने इसे गंभीर अनुशासनिक उल्लंघन मानते हुए IAS अधिकारी को निलंबित करने का आदेश दिया। इसके अलावा, एक अन्य IAS अधिकारी प्रशांत के खिलाफ भी सोशल मीडिया पर अपने वरिष्ठ अधिकारी की आलोचना करने के लिए कार्रवाई की गई। प्रशांत को केरल कृषि विकास और किसान कल्याण विभाग में विशेष सचिव के पद से निलंबित कर दिया गया।
सरकारी अधिकारियों के बीच व्हाट्सएप ग्रुप बनाना कोई नई बात नहीं है, लेकिन जब इस तरह के ग्रुपों में धर्म का आधार रखा जाता है, तो यह कई विवादों को जन्म देता है। सरकारी पदों पर बैठे अधिकारियों का काम केवल निष्पक्षता और धर्मनिरपेक्षता से होता है। ऐसे में 'Mallu Hindu Officers' और 'Mallu Muslim Officers' जैसे ग्रुप बनाना न केवल सरकारी नियमों का उल्लंघन है, बल्कि इससे धर्मनिरपेक्षता की भावना को भी ठेस पहुँचती है।
हालांकि केरल में धर्म आधारित ग्रुप बनाने वाले आईएएस अधिकारी पर हुई कार्रवाई से राज्य की सरकार ने यह संदेश दिया है कि धर्मनिरपेक्षता का पालन करना हर अधिकारी की जिम्मेदारी है। प्रशासनिक पदों पर बैठे लोगों को धार्मिक विभाजन से दूर रहकर केवल अपने कर्तव्यों पर ध्यान देना चाहिए।