पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद से जान बचाकर भाग रहे हिंदू! विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने शेयर किया वीडियो
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसक प्रदर्शन आगज़नी और पत्थरबाजी की घटना के बाद अब कथित तौर पर हिंदू परिवार के पलायन के खबर सामने आने लगी है.

वक्फ संशोधन कानून को लेकर पश्चिम बंगाल में फैले तनाव और हिंसा के बाद प्रदेश के हालात को लेकर सियासी माहौल गर्म है मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बीजेपी के बीच ज़ुबानी वार-पलटवार का दौर चल रहा है. हिंसक प्रदर्शन आगज़नी और पत्थरबाजी की घटना के बाद अब मुर्शिदाबाद से कथित तौर पर हिंदू परिवार के पलायन के खबर सामने आने लगी है. इससे संबंधित वीडियो पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है.
सैकड़ों परिवारों ने किया पलायन
दरअसल, राज्य में वक्फ कानून को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन को लेकर बीजेपी इसका ज़िम्मेदार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ठहरा रही है. इसी कड़ी में पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने एक्स पर एक ऐसा वीडीयो शेयर किया है। जिसमें कई हिंदू परिवार मुर्शिदाबाद से बाहर जा रहे है. वीडियो एक्स पर पोस्ट करते हुए सवेंदु अधिकारी ने लिखा "धार्मिक कट्टरपंथियों के डर से मुर्शिदाबाद के धुलियान से 400 से अधिक हिंदू नदी पार कर पार लालपुर हाई स्कूल, देवनापुर-सोवापुर जीपी, बैसनबनगर, मालदा में शरण लेने को मजबूर हुए. बंगाल में धार्मिक उत्पीड़न वास्तविक है. टीएमसी की तुष्टिकरण की राजनीति ने कट्टरपंथी तत्वों को बढ़ावा दिया है. हिंदुओं का शिकार किया जा रहा है, हमारे लोग अपनी ही धरती पर जान बचाने के लिए भाग रहे हैं! " अधिकारी ने आगे लिखा "कानून और व्यवस्था को इस तरह से खराब होने देने के लिए राज्य सरकार को शर्म आनी चाहिए. मैं जिले में तैनात केंद्रीय अर्धसैनिक बलों, राज्य पुलिस और जिला प्रशासन से इन विस्थापित हिंदुओं की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने और इस जिहादी आतंक से उनकी जान बचाने का आग्रह करता हूं. बंगाल जल रहा है। सामाजिक ताना-बाना टूट चुका है. बस, बहुत हो गया. कर बताया कि 400 से अधिक हिंदुओं को मुर्शिदाबाद के धुलियान से भागने, नदी पार करने और स्कूल में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है."
More than 400 Hindus from Dhulian, Murshidabad driven by fear of religiously driven bigots were forced to flee across the river & take shelter at Par Lalpur High School, Deonapur-Sovapur GP, Baisnabnagar, Malda.
— Suvendu Adhikari (@SuvenduWB) April 13, 2025
Religious persecution in Bengal is real.
Appeasement politics of… pic.twitter.com/gZFuanOT4N
कलकत्ता उच्च न्यायालय को देनी पड़ी थी दखल
इससे पहले शनिवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक विशेष डिवीजन बेंच ने मुर्शिदाबाद जिले में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल तैनात करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा हाल के दिनों में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान सांप्रदायिक अशांति को नियंत्रित करने के लिए किए गए उपाय पर्याप्त नहीं थे. बेंच ने यह भी कहा कि अगर पहले सीएपीएफ तैनात किया गया होता, तो स्थिति इतनी गंभीर और अस्थिर नहीं होती. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा, "केंद्रीय सशस्त्र बलों की पहले तैनाती से स्थिति को कम किया जा सकता था, क्योंकि ऐसा प्रतीत होता है कि समय पर पर्याप्त उपाय नहीं किए गए." खंडपीठ ने इस बात पर जोर दिया कि स्थिति गंभीर और अस्थिर है. बेंच ने अपराधियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने और निर्दोष नागरिकों पर हुए अत्याचारों को रोकने की जरूरत पर बल दिया. आदेश में कहा गया, "जब लोगों की सुरक्षा खतरे में हो, तो संवैधानिक न्यायालय मूक दर्शक नहीं रह सकता और तकनीकी बचाव में उलझ नहीं सकता."सुवेंदु अधिकारी की तरफ से याचिका दायर किए जाने के बाद न्यायालय ने यह आदेश जारी किया. सुवेंदु ने कहा था कि उन्होंने राज्य सरकार से केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की मांग करके तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था, लेकिन राज्य ने इसे स्वीकार नहीं किया, जिसके कारण उन्हें न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा.
बताते चले कि वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन का हिंसक रूप में बदलने को लेकर पुलिस सूत्रों से जो जानकारी निकाल कर सामने आई है उसके मुताबिक, शमशेरगंज में जुम्मे की नमाज के बाद कुछ लोगों ने वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया. इस दौरान प्रदर्शनकरियों ने नेशनल हाईवे 12 को बाधित किया, यह पूरा प्रदर्शन हिंसक रूप कब लिया जब कुछ लोगों ने पुलिस की गाड़ी पर पथराव किया जिसमें पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई. वहीं दूसरी तरफ मालदा में प्रदर्शनकारियों ने रेल की पटरी पर जाकर जिससे रेल यातायात बाधित हुआ.