देवी अहिल्याबाई की जयंती पर MP में ऐतिहासिक फैसला, 17 शहरों में शराबबंदी लागू
मध्य प्रदेश सरकार ने देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर राज्य के 17 धार्मिक नगरों में शराबबंदी लागू करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। खरगोन के महेश्वर में आयोजित कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री और उनकी टीम ने यह निर्णय लिया। इस फैसले के तहत इन शहरों में शराब की बिक्री, खरीद, और सेवन पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

मध्य प्रदेश सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्य के 17 धार्मिक शहरों में शराबबंदी लागू करने का निर्णय लिया है। यह फैसला देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में खरगोन के महेश्वर में आयोजित ‘डेस्टिनेशन कैबिनेट मीटिंग’ में लिया गया। यह निर्णय न केवल राज्य की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को संजोने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि सामाजिक सुधार की दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है।
इस ऐतिहासिक कैबिनेट बैठक की शुरुआत नर्मदा नदी के तट पर पूजा-अर्चना से हुई। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंत्रिमंडल के साथ नर्मदा तट पर प्रदेश की समृद्धि और प्रगति की कामना की। बैठक के दौरान सरकार ने शराबबंदी को चरणबद्ध तरीके से लागू करने के अपने संकल्प को दोहराया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार, देवी अहिल्याबाई की विरासत को समाज के सामने लाने और उनकी शिक्षाओं को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है।
17 शहरों में शराबबंदी लागू
शराबबंदी का निर्णय मुख्य रूप से उन धार्मिक और सांस्कृतिक नगरों को ध्यान में रखकर लिया गया है, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए प्रसिद्ध हैं। इन शहरों में शराब की बिक्री, खरीद, और सेवन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। 1 अप्रैल से इन शहरों को ड्राई सिटी घोषित किया जाएगा। इन शहरों में शामिल हैं उज्जैन नगर निगम, ओंकारेश्वर नगर पंचायत, महेश्वर नगर पंचायत, मंदसौर नगरपालिका, चित्रकूट नगर पंचायत, मैहर नगरपालिका, अमरकंटक नगर पंचायत, सलकनपुर ग्राम पंचायत, पन्ना नगरपालिका, दतिया नगरपालिका, मण्डला नगरपालिका, मुल्ताई नगरपालिका, ओरछा नगर पंचायत, मण्डलेश्वर नगर पंचायत, बांदकपुर ग्राम पंचायत, कुण्डलपुर ग्राम पंचायत, बरमानकलां, लिंगा और बरमानखुर्द ग्राम पंचायतें।
शराबबंदी का यह कदम राज्य के धार्मिक और सामाजिक ताने-बाने को और मजबूत करेगा। धार्मिक स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों के लिए यह एक स्वागत योग्य निर्णय है। इसके अलावा, इस कदम से महिलाओं और युवाओं को नशे की लत से बचाने में भी मदद मिलेगी। सरकार ने शराबबंदी को सख्ती से लागू करने के लिए ठोस योजना बनाई है। इन 17 शहरों में शराब बेचने या खरीदने को गैर-कानूनी घोषित किया गया है। ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासनिक स्तर पर भी निगरानी के लिए विशेष टीमें बनाई जाएंगी।
महिलाओं के लिए यह निर्णय विशेष रूप से राहतकारी है, क्योंकि शराब से संबंधित घरेलू हिंसा और अन्य सामाजिक समस्याएं ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बड़ी चुनौती रही हैं। शराबबंदी के जरिए सरकार ने यह संदेश दिया है कि महिलाओं और परिवारों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी।
देवी अहिल्याबाई की विरासत का सम्मान
शराबबंदी का निर्णय देवी अहिल्याबाई की शिक्षाओं और उनके सामाजिक दृष्टिकोण को सम्मान देने का एक प्रयास है। अहिल्याबाई का जीवन सादगी, न्याय और धार्मिक सद्भाव का प्रतीक था। उनकी 300वीं जयंती पर लिया गया यह निर्णय उनकी स्मृति को संजोने और आने वाली पीढ़ियों को उनके आदर्शों से प्रेरित करने का प्रयास है। शराबबंदी के अलावा, कैबिनेट बैठक में महिला सशक्तिकरण, सिंचाई क्षमता बढ़ाने, और ग्रामीण विकास के लिए भी कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय राज्य की सांस्कृतिक और सामाजिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में पहला कदम है।
मध्य प्रदेश के 17 शहरों में शराबबंदी लागू करना राज्य सरकार का एक क्रांतिकारी निर्णय है। यह न केवल राज्य के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बढ़ावा देगा, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव भी लाएगा। सरकार के इस कदम से मध्य प्रदेश अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल बन सकता है।