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हूती विद्रोहियों ने ख़तरनाक मिसाइल से किया हमला, इज़रायल ने पकड़ा सिर

हाइपरसोनिक मिसाइल Plastine 2 जिसने इज़रायल को हिला कर रख दिया ये मिसाइल जैसे ही इज़रायल की राजधानी तेल अवीव घुसी राजधानी सहम उठी इज़रायली डिफ़ेंस फोर्सेस को ये समझ ही नहीं आया कि आख़िर ये हुआ कि एयर डिफेंस सिस्टम कैसे फेल हो गया
हूती विद्रोहियों ने ख़तरनाक मिसाइल से किया हमला, इज़रायल ने पकड़ा सिर
ये है घातक हाइपरसोनिक मिसाइल Plastine 2 जिसने इज़रायल को हिला कर रख दिया है..वो इज़रायल जिसका एयर डिफेंस सिस्टम पूरी दुनिया में बेहद उन्नत माना जाता है। इज़रायल अपने आयरन डोम पर बेहद नाज़ करता है। यह सिस्टम छोटी दूरी की मिसाइलों और रॉकेटों को ट्रैक और इंटरसेप्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है लेकिन इस बार इज़रायल को इससे धोखा मिला है। ये मिसाइल जैसे ही इज़रायल की राजधानी तेल अवीव घुसी राजधानी सहम उठी इज़रायली डिफ़ेंस फोर्सेस को ये समझ ही नहीं आया कि आख़िर ये हुआ कि एयर डिफेंस सिस्टम कैसे फेल हो गया। ये मिसाइल किसने बनाई ये सवाल भी खड़े होने लगे। अब ये देखिए ये तस्वीरें उस ख़ौफ़नाक मंजर की है जब ये Plastine 2 Missile इजरायल में गिरी, इन तस्वीरों में तबाही का मंजर हर ओर नज़र आया। यमन के हूती विद्रोहियों ने इज़रायल पर दागी गई अपनी हाइपरसोनिक मिसाइल से पर्दा हटा दिया है।इन्हीं एडवांस मिसाइलों से यमन के हूती विद्रोहियों ने इज़रायल पर हमला किया। सतह से सतह पर मार करने वाली इस नई मिसाइल की अधिकतम गति 19,756 किलोमीटर प्रतिघंटा  है. इसकी रेंज 2150 किलोमीटर बताई जा रही है। यह दो स्टेज की सॉलिड फ्यूल ईंधन से चलने वाली हाइपरसोनिक मिसाइल हैं. इसे हाल ही में यमनी सेना में शामिल किया गया है. इसकी गति मैक 16 है। 

यानी 19756 किलोमीटर प्रतिघंटा. इस गति में चलने वाली मिसाइल को रोक पाना दुनिया की किसी एयर डिफेंस सिस्टम के बस का नहीं है। इसके अलावा यह मिसाइल अत्यधिक मैन्यूवरेबल हैं. यानी यह बीच रास्ते में दिशा बदल सकती है। मतलब एयर डिफेंस सिस्टम से आने वाली इंटरसेप्टर मिसाइलों को हवा में ही धोखा देकर तेज गति से आगे बढ़ सकती है। इस मिसाइल की जो खासियतें बताई जा रही है, उसके मुताबिक इजरायल, मिडिल-ईस्ट में मौजूद अमेरिकी बेस, जंगी जहाजों और व्यापारिक जहाजों के लिए ये खतरनाक हो सकती है. मिसाइलों ने 2040 km की दूरी मात्र साढ़े 11 मिनट में पूरी कर इज़रायल में तबाही मचाई थी। इस हमले के बाद इजरायल ने कहा कि किसी भी तरह के हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल ने हमें नुकसान नहीं पहुंचाया है. ये सारी मिसाइलें बैलिस्टिक थीं, लेकिन अपने रास्ते में इसने कुछ देर के लिए हाइपरसोनिक गति हासिल की थी. जितनी मिसाइलें आईं उनमें से सिर्फ 20 ही गिरी, लेकिन खुले इलाकों में किसी को नुकसान नहीं हुआ।  


हाइपरसोनिक हथियार मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं. पहला- ग्लाइड व्हीकल्स यानी हवा में तैरने वाले. दूसरा- क्रूज मिसाइल. अभी दुनिया का फोकस ग्लाइड व्हीकल्स पर है। जिसके पीछे छोटी मिसाइल लगाई जाती है. फिर उसे मिसाइल लॉन्चर से छोड़ा जाता है. एक निश्चित दूरी तय करने के बाद मिसाइल अलग हो जाती है. उसके बाद ग्लाइड व्हीकल्स आसानी से उड़ते हुए टारगेट पर हमला करता है। इन हथियारों में आमतौर पर स्क्रैमजेट इंजन लगा होता है, जो हवा में मौजूद ऑक्सीजन का उपयोग करके तेजी से उड़ता है। इससे उसे एक तय गति और ऊंचाई मिलती है।


आयरन डोम इज़रायल का बेहद खास एयर डिफेंस सिस्टम है। यह सिस्टम छोटी दूरी की मिसाइलों और रॉकेटों को ट्रैक और इंटरसेप्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। आयरन डोम का मुख्य उद्देश्य उन हमलों को रोकना है जो नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाते हैं। इसकी सफलता दर 90 प्रतिशत से अधिक मानी जाती है। डेविड्स स्लिंग सिस्टम का उद्देश्य मध्यम दूरी की मिसाइलों को नष्ट करना है। इसे 2017 में सक्रिय किया गया और यह आयरन डोम से उन्नत है। यह सिस्टम विशेष रूप से उन मिसाइलों के लिए है जो आयरन डोम की रेंज से बाहर होती हैं। इसकी उपयोगिता इज़रायल की सुरक्षा को और मजबूत करती है।एरो सिस्टम, जिसे एरो 2 और एरो 3 के रूप में दो प्रमुख संस्करणों में देखा जा सकता है, लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। एरो 3 विशेष रूप से उपग्रहों और बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए विकसित किया गया है और इसका लक्ष्य अंतरिक्ष में भी मिसाइलों को इंटरसेप्ट करना है। यह सिस्टम इज़रायल की राष्ट्रीय सुरक्षा को उच्च स्तर पर सुनिश्चित करता है।
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