सपा के लिए कितनी बड़ी मुसीबत बन गई जया बच्चन, अखिलेश के लिए कितनी टेंशन ?
अमिताभ के नाम से क्यों दिक़्क़त ?
अमिताभ का नाम जया शादी के बाद से ही जोड़ती आ रही है, लेकिन कभी ऐतराज नहीं किया। अब उन्हें इस नाम से दिक़्क़त हो रही है, फेमनिज्म का मुद्दा बना रही हैं। ऐसे में जया से तमाम सवाल है कि, आख़िरी 2024 से आप सांसद है अब पति के नाम से क्यों परेशानी ?
राज्यसभा का सभापति कलीग कैसे हुआ ?
राज्यसभा का सभापति देश के उप राष्ट्रपति हैं, ऐसे में वो उनके कलीग नहीं हो सकते। साथ ही सभापति राज़्य सभा के सदस्य नहीं होते, लेकिन जया बच्चन ने अपना कलीग बताया तो बीजेपी ने इसे मुद्दा बनाया ।
जया का भड़कना विपक्ष के लिए मुसीबत
जया के मुद्दे पर अगर विपक्ष बार-बार वॉकआउट करेगा तो लोकसभा में ठीक-ठाक प्रदर्शन करने के बाद भी सवाल उठेगा कि आख़िर बार-बार विपक्ष ऐसे क्यों कर रहा है। जनता का इसमें क्या हित है, जनता के मुद्दों पर चर्चा विपक्ष क्यों नहीं कर रहा।
अखिलेश के लिए कितनी टेंशन ?
सपा प्रमुख अखिलेश के लिए जया बच्चन इसलिए टेंशन बन गई हैं, क्योंकि उनकी बहसबाजी की वजह से उनके गठबंधन साथियों को उनका साथ देना पड़ रहा है। सदन से वॉकआउट करना पड़ रहा है, जिसकी वजह से सदन में विपक्ष अपनी बात नहीं रख पा रहा। न ही मोदी सरकार को लगातार घेर पा रहा है, ऐसे में सपा के साथी दल अखिलेश से इसकी शिकायत कर सकते हैं।अखिलेश के लिए ये असहज होने वाली स्थिति होगी, क्यों जया काफ़ी सीनियर है, जिसकी वजह से अखिलेश ने कुछ कहा तो बात बिगड़ सकती है और साथियों से भी मनमुटाव हो सकता है ।
क्या आख़िरी बार राज्यसभा में जया बच्चन ?
अगर जया बच्चन का रवैया लगातार यही रहा तो मजबूरन अखिलेश को अगली बार उन्हें फिर से राज्यसभा में भेजने से पहले विचार करेंगे और हो सकता है कि कड़ा फ़ैसला भी ले लें। क्योंकि अखिलेश को अपने सहयोगी के साथ आगे की लंबी राजनीति साधनी है, ऐसे में जया बच्चन को लेकर अगली बार वो कोई बड़ी फ़ैसला ले सकते हैं ।
ऐसे में ये कहना ग़लत नहीं होगा कि, अगर जया बच्चन आगे भी इसी तरह सभापति से लड़ती है जिससे अखिलेश के लिए मुश्किल बढ़े तो फिर एक बड़ा फ़ैसला अगली बार लिया जा सकता है और हो सकता है कि, जया बच्चन को राज्यसभा न भेजा जाए। ऐसे में ये आख़िरी बार होगा जब जया बच्चन सदन में दिख रही हैं, खैर ये तो आने वाले वक़्त बताएगा।