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हरियाणा चुनाव में कांग्रेस की कैसे हुई हार, सत्यपाल मलिक ने कर दिया बड़ा ख़ुलासा

हरियाणा में कांग्रेस की एक दशक बाद सत्ता में वापसी करने का सपना टूट गया। इस बीच हरियाणा से जुड़े और जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की इस चुनावी नतीजे पर प्रतिक्रिया सामने आई है।
हरियाणा चुनाव में कांग्रेस की कैसे हुई हार, सत्यपाल मलिक ने कर दिया बड़ा ख़ुलासा
हरियाणा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी प्रचंड जीत के साथ राज्य में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है तो इस चुनाव को लेकर राजनीतिक पंडितों द्वारा लगाए जा रहे सारे प्रयास धरे के धरे रह गए। दरअसल, इस बार हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक विश्लेषकों का यह मानना था कि राज्य में एंटी इंकम्बेनसी समेत कई ऐसे मुद्दे थे जिसके चलते यह चुनाव बीजेपी के हाथ से निकलता दिखाई दे रहा था लेकिन जब चुनाव के नतीजे सामने आए तो कांग्रेस की एक दशक बाद सत्ता में वापसी करने का सपना टूट गया। इस बीच हरियाणा से जुड़े और जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की इस चुनावी नतीजे पर प्रतिक्रिया सामने आई है। 

दरअसल, हरियाणा में विधानसभा में सामने आए चुनावी नतीजों को एक तरफ जहां कांग्रेस पार्टी स्वीकार नहीं कर पा रही तो वही दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत का दावा करने वाले राजनीतिक विश्लेषक भी हैरान रह गए। इस बीच जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मालिक ने भी चुनाव को लेकर अपनी राय जाहिर की है। उन्होंने एक अखबार को दिए एक इंटरव्यू में हरियाणा चुनाव में ईवीएम, जाट,किसान और भारतीय जनता पार्टी की इस बड़ी जीत पर खुलकर बात की है। सत्यपाल मलिक ने साफ़तौर पर कहा कि जम्मू कश्मीर में वैसे नतीजे सामने आए हैं जिनकी सभी को उम्मीद थी लेकिन हरियाणा के नतीजे ने सभी को चौक आया है। इसके साथ ही जब मालिक से यह सवाल हुआ कि कांग्रेस हरियाणा की हर को स्वीकार नहीं रही है और EVM से छेड़छाड़ की आशंका जाहिर कर रही है तो उन्होंने कहा कि इस चुनाव में कांग्रेस की एकता में कमी दिखी। उनकी अपनी खामियां ही मानूंगा, चुनाव के आखिरी दिन तक यह पता चल रहा था कि कांग्रेस बंटी हुई है। कांग्रेसी लोग मेहनत नहीं करते हैं जबकि इसके उलट भारतीय जनता पार्टी 24 घंटे राजनीति करते हैं फिर उनके संगठन भी है। बीजेपी के मुकाबले कांग्रेसी कार्यकर्ता कम मेहनत करते हैं। सत्यपाल मलिक ने कांग्रेस की हार को लेकर कहा इस चुनावी नतीजे में राहुल गांधी की क़तई जिम्मेदारी नहीं है बल्कि कांग्रेस जिस तरीके से दो हिस्सों में बंटी थी इसका खामियाजा उसके चुनाव में भुगतना पड़ा। 


सत्यपाल मलिक ने कांग्रेस की कमियों को गिनवाया

कांग्रेस की हार को लेकर सत्यपाल मलिक ने कहा कि इस चुनाव में कुमारी शैलजा और उपेंद्र सिंह हुड्डा को एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरना चाहिए था। चुनाव के दरम्यान साफ लग रहा था कि कांग्रेस दो भागों में बटी हुई है। वही किसानों को लेकर भी उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन का चुनाव से कोई ताल्लुक नहीं है असल में जो यह पार्टियां खास तौर पर कांग्रेस बीजेपी में तो 50 अनुषांगिक संगठन है। बीजेपी के लोग 24 घंटे राजनीति करते हैं कांग्रेस के लोग राजनीति नहीं करते संघर्ष नहीं करते और ना ही सही तरीके से सड़क पर उतरते हैं। अगर कांग्रेसी कार्यकर्ता सड़क पर जनता के लिए संघर्ष करते हुए दिखाई देते तो जाहिर सी बात है कि एंटी इनकंबेंसी होने का फायदा कांग्रेस पार्टी को जरूर मिलता। वही सत्यपाल मालिक ने ये भी कहा की हरियाणा विधानसभा चुनकर नतीजों से बीजेपी के एक नई ताकत मिलेगी लेकिन अन्य पार्टियों को इससे सबक लेना होगा। 


गौरतलब है कि हरियाणा विधानसभा के चुनाव में बीजेपी ने बहुमत के जादुई आंकड़े को पार करते हुए 48 सीट हासिल की, कांग्रेस 37 , इंडियन नेशनल लोकदल को 2 जबकि 3 सीट निर्दल प्रत्याशियों के हिस्से में आई है।
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