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दिल्ली कैसे बनी गैंगस्टर कैपिटल, गृहमंत्री अमित शाह का फेल्योर ?

ऐसा लग रहा है कि देश के गृहमंत्री के तौर पर अमित शाह फेल हो चुके हैं, क्योंकि न उनसे मणिपुर संभल रहा हैं, न ही देश की राजधानी, हालात ये हो चुके हैं कि राजधानी दिल्ली में हर दिन, हर महीने क्राइम का ग्राफ़ बढ़ता जा रहा है और पुलिस को हाथ में लिए बैठे अमित शाह ख़ामोश है और तमाशा देख रहें हैं, दिल्ली का कोना-कोना क्राइम से कराह रहा है और शाह साहब मौज में अपनी राजनीति चमका रहें हैं
दिल्ली कैसे बनी गैंगस्टर कैपिटल, गृहमंत्री अमित शाह का फेल्योर ?

देश का एक हिस्सा मणिपुर लगातार जल रहा है, लेकिन उसकी आग को बुझाने में केंद्र सरकार असमर्थ है, ज़िम्मेदार कौन? गृहमंत्री अमित शाह।देश की राजधानी में हर दिन गैंगस्टरों का बोलबाला बढ़ता जा रहा है, ज़िम्मेदार कौन? गृहमंत्री अमित शाह।जब दिल्ली को सुरक्षा की सबसे ज्यादा जरूरत है, तब भी ज़िम्मेदार लोगों के कान पर जू नहीं रेंग रही है, तो वह ज़िम्मेदार कौन हैं? गृहमंत्री अमित शाह।जी हां, ऐसा लग रहा है कि देश के गृहमंत्री के तौर पर अमित शाह फेल हो चुके हैं, क्योंकि न तो मणिपुर संभल पा रहा है, और न ही देश की राजधानी दिल्ली। हालात ये हो चुके हैं कि राजधानी दिल्ली में हर दिन, हर महीने क्राइम का ग्राफ़ बढ़ता जा रहा है और पुलिस को हाथ में लिए बैठे अमित शाह ख़ामोश हैं और तमाशा देख रहे हैं। दिल्ली का कोना-कोना क्राइम से कराह रहा है और शाह साहब अपनी राजनीति चमका रहे हैं।

दिल्ली में क्राइम की लिस्ट (मई से नवंबर 2024 तक):


  • 5 मई को जफराबाद में एक गवाह की दिनदहाड़े चाकू मारकर हत्या कर दी गई।
  • 6 मई को तिलक नगर में एक कार शोरूम पर गोलियां चलाई गईं, जिसमें तीन लोग घायल हो गए।
  • 26 जून को राजौरी गार्डन में 2 हमलावरों ने बर्गर किंग में 38 गोलियां चलाईं और 26 साल के अमन की हत्या कर दी।
  • 30 जून को नथु कॉलोनी में 32 साल के व्यक्ति की चाकू मारकर हत्या कर दी गई।
  • 11 जुलाई को भजनपुरा में जिम मालिक को 17 बार चाकू मारा गया, जिसके कारण उसकी मौत हो गई।
  • 11 जुलाई को जफराबाद में 16 साल के लड़के की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
  • 14 जुलाई को GTB अस्पताल में गलती से पहचान के आधार पर एक व्यक्ति को गोली मारी गई।
  • 17 जुलाई को रघुवीर नगर में 23 साल के लक्ष्य की फिल्मी अंदाज में हत्या कर दी गई।
  • 31 जुलाई को गोकलपुरी इलाके में स्कूटी सवार ने गोली चलाई, महिला की मौत हो गई।
  • 25 अगस्त को तिलक नगर में दो हमलावरों ने सिंगला स्वीट शॉप पर गोलीबारी की, पैसे की उगाही के लिए हमला किया।
  • 28 अगस्त को महिपालपुर में लॉरेंस बिश्नोई-गोल्डी ब्रार गैंग के द्वारा एक होटल पर गोलीबारी की गई।
  • 29 सितंबर को नांगलोई में दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल को शराब तस्करों ने कार से टक्कर मारकर मार डाला।
  • 8 सितंबर को शाहदरा में एक नाइट क्लब के बाहर गोलीबारी की गई, जिसमें धमकी देकर पैसे की उगाही की कोशिश की गई।
  • 20 अक्टूबर को प्रह्लाद विहार के पास CRPF स्कूल के पास जोरदार धमाका हुआ।
  • 14 सितंबर को ग्रेटर कैलाश में जिम मालिक की गोली मारकर हत्या की गई, जो लॉरेंस बिश्नोई गैंग के निशाने पर था।
  • 1 नवंबर को ईस्ट दिल्ली के फरश बाजार में एक परिवार पर गोलीबारी की गई, जिसमें दो लोग मारे गए और एक 13 साल का बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया।
  • 5 नवंबर को नांगलोई में तीन नकाबपोश हमलावरों ने प्लाईवुड शोरूम पर गोलीबारी की।
  • 5 नवंबर को ही अलीपुर में दोपहर करीब 3 बजे एक गैस एजेंसी के पास गोलीबारी की घटना हुई।
  • 10 नवंबर को वेलकम एरिया में तीन किशोरों ने 10 मिनट के भीतर दो बार गोलीबारी की।
  • 15 नवंबर को सुंदर नगरी में 28 साल के एक व्यक्ति का गला कटा हुआ शव मिला।
  • 23 नवंबर को गोविंदपुरी में रात्रि गश्त के दौरान 28 साल के कांस्टेबल किरण पाल की तीन लोगों ने चाकू घोंपकर हत्या कर दी।

ये दिल्ली में क्राइम की वो लिस्ट है, जो अमित शाह के मुंह पर करारा तमाचा है, क्योंकि दिल्ली के पुलिस विभाग की ज़िम्मेदारी गृहमंत्रालय की ही है। लेकिन ऐसा लगता है कि दिल्ली को अमित शाह ने अनाथ छोड़ रखा है, जिसकी वजह से हर दिन क्राइम हो रहा है, लेकिन मजाल है कि अमित शाह की ज़ुबान से एक शब्द भी फूट सके। दिल्ली में बैठकर न उन्हें गोलियों की आवाज़ सुनाई दे रही है, न मर्डर दिख रहे हैं, न ही लूट-पाट नज़र आ रही है, और न ही दिल्ली के सक्रिय गैंग्स पर वह कंट्रोल कर पा रहे हैं। ऐसे में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शाह पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, "जब दिल्ली को सुरक्षा की जरूरत थी, तब गृहमंत्री अमित शाह ने राजनीति चुनी"।

दिल्ली में सक्रिय गैंग्स:

  • हाशिम बाबा गैंग
  • चीनी पहलवान गैंग
  • नासिर गैंग
  • माया गैंग
  • मस्तान गैंग
  • चौधरी गैंग

इन गैंग्स का मकसद पैसे की उगाही करना है और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देना है, और इन्हें रोकने की ज़िम्मेदारी किसकी है? अरे, वही गृहमंत्री अमित शाह की। लेकिन मानो ऐसा लग रहा है कि अमित शाह गृह मंत्री के तौर पर धृतराष्ट्र बन बैठे हैं, और दिल्ली के दिल में गैंग्स रोज़ गोलियां दाग रहे हैं और खून बहाकर दिल्ली पुलिस और गृहमंत्री का मज़ाक बना रहे हैं।


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