‘जाति का ठाकुर हूं, बदतमीज हूं, ब्राह्मणों को पटक दूंगा’, अखिलेश की शिकायत पर सीएम योगी का एक्शन
अखिलेश के अनुसार, यह आरोपित दरोगा राघवेंद्र सिंह है और वह लखीमपुर खीरी के पसगवां थाने में तैनात हैं।
अब जैसे ही अखिलेश यादव ने इस ऑडियो क्लिप को शेयर किया, सोशल मीडिया पर यह वायरल हो गया। लोग यह कहने लगे कि यह उत्तर प्रदेश का मामला है, जहां एक दरोगा खुलेआम धमकी दे रहा है, और जहां राज्य की ज़िम्मेदारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथ में है। इस प्रकार की धमकी देने वाले दरोगा पर एक्शन लिया जाना चाहिए।
हालांकि, आरोपी दरोगा ने खुद को बेकसूर बताते हुए कहा कि वह केवल शिकायतकर्ता महिला को आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की बात कर रहे थे और ऑडियो में पूरी सच्चाई को गलत तरीके से पेश किया गया है।इसके बावजूद, सोशल मीडिया पर लोगों ने सवाल उठाए। एक यूज़र ने लिखा: "क्या यही बीजेपी का नारी वंदन है?"वहीं, एक दूसरे यूज़र ने पूछा: "इन ठाकुर साहब की ठकुराई कब निकालेगी योगी सरकार?"
सवालों की बौछार के बाद लखीमपुर के एसपी गणेश प्रसाद साहा ने मामले का संज्ञान लिया और दरोगा राघवेंद्र सिंह को लाइन हाजिर कर दिया। पूरे प्रकरण की जांच के लिए सीओ मोहम्मदी से रिपोर्ट मांगी गई है।दरोगा के खिलाफ कार्रवाई से यह साफ़ हो गया कि योगी सरकार में अगर किसी ने भी दबंगई करने की कोशिश की, तो उसे सजा मिलेगी। अब वह चाहे दरोगा ही क्यों न हो। योगी सरकार के इस त्वरित एक्शन की लोग सराहना कर रहे हैं। इसके साथ ही, अखिलेश यादव को उनके कार्यकाल की याद दिलाई जा रही है।
एक यूज़र ने लिखा: "अभी आपके पास यही काम बचा है, राज न मिले तो अराजकता फैलाना। सपा राज में पुलिस और नेता मिलकर गरीबों का हक खा जाते थे, जनता भूली नहीं है।"वहीं, एक और यूज़र ने टिप्पणी की: "तुम्हारी सरकार में तो न जाने कितने ऐसे वीडियो, ऑडियो, चित्र और कहानियां थीं। गुंडों ने सरेआम कत्लेआम मचाया था। पूरे यूपी को खून से रंग दिया था। थानों पर गुंडों ने ताले लगा दिए थे। कितनी मां की कोख सूनी कर दी, कितनी महिलाओं के सुहाग छीन लिए, तुम्हारे गुंडों और आतंकियों ने कत्लेआम मचाया था।"
अखिलेश ने ऑडियो क्लिप वायरल की, जिसके बाद दरोगा पर कार्रवाई हुई। लेकिन इसके साथ ही लोगों ने अखिलेश के कार्यकाल की भी याद दिला दी।