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किताब में अगर दिखा अकबर का नाम तो जला दी जाएगी किताब, सरकार का ऐलान

राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने अकबर की आलोचना करते हुए कहा कि उसने सालों तक हिंदुस्तान को लूटा और भविष्य में किसी को भी मुगल सम्राट की 'महान' बताने की अनुमति नहीं दी जाएगी। और अगर किसी किताब में अकबर को महान बताया गया तो उसे जला दिया जाएगा।
किताब में अगर दिखा अकबर का नाम तो जला दी जाएगी किताब, सरकार का ऐलान
सभी को ध्यान होगा जब स्कूल में पढ़ते थे। तो किताब में एक पाठ हुआ करता था। Akbar महान, जिसमें अकबर की वीर गाथा, शौर्य गाथा पढ़ाई जाती थी। इस देश में जिस अंदाज में भारत को लूटने आए मुगलों को, अंग्रेजों को दिखाया गया उस अंदाज में भारत के महापुरुषों को नहीं पढ़ाया गया, उनकी शोर्यगाथा हमारे जेहन में नहीं उतारी गई। पढ़ाई वो पढाई गई जिसमें अकबर बाबर को महान दिखाया गया। लेकिन लगता है अब इस देश के दिन बहुरने वाले है, भविष्य बदलने वाला है, सोए पड़े देश के एक राज्य से ऐलान हुआ है कि अब अकबर को महान नहीं पढ़ाया जाएगा। 


जिस राजस्थान में कभी सरपरस्ती की सरकार में कन्हैया लाल का सर तन से जूदा कर दिया गया था, उसी राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा है कि जो इस देश को लूटने आए थे, वो महान कैसे हो सकते है, और जिन लोगों ने इस देश में हमारी माताओं-बहनों के साथ व्यभिचार किया कैसे उसे हम अपनी किताबों में महान कह सकते है। लेकिन दुर्भाग्य देखिए आज भी हम अकबर को महान पढ़ते है। 

राजस्थान के शिक्षा मंत्री ने सख्त लहजे में आलोचना करते हुए कहा कि उसने सालों तक देश को लूटा और यह भी कहा कि अब भविष्य में किसी को भी मुगल सम्राट की 'महान व्यक्तित्व' के रूप में प्रशंसा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। महाराणा प्रताप, जिन्होंने मेवाड़ के सम्मान और प्रतिष्ठा के लिए सब कुछ बलिदान कर दिया, को कभी महानता का दर्जा नहीं दिया गया। शिक्षा सबसे ऊंची जिम्मेदारी है और भामा शाह द्वारा इस उद्देश्य के लिए दिया गया हर एक पैसा सही तरीके से उपयोग किया जाएगा।

ऐसा नहीं है कि मदन दिलावर ने पहली बार ऐसा बयान दिया है, उससे पहले इससे पहले भी दिलावर अकबर को बलात्कारी कह चुके है। इससे पहले भी जनवरी के महीने में मदन दिलावर कह चुके है कि हमें पाठ्यक्रम में कोई बदलाव करने की जरूरत नहीं है, लेकिन जो भी अनैतिक बयानों वाले या महापुरुषों का अपमान करने वाले हिस्से हैं, उन्हें हटा दिया जाएगा। हमारे पूर्वजों जैसे वीर सावरकर और शिवाजी के बारे में बहुत सी भ्रामक जानकारी दी गई है, उन बयानों को ठीक किया जाएगा। हमारी जिस शिक्षा प्रणाली को आज ठीक करने की बात की जा रही है असल में वो ऐसी होनी ही नहीं चाहिए थी, आज भी हम आठ दशक लेट है। और उसकी शुरुआत करने वाला भी एकलोता राज्य राजस्थान । क्यों ना ऐसे फैसले देशभर में लागू किए जाएं। कई किताबों  में कहा गया है कि सावरकर देशभक्त नहीं थे। 

जबकि ये सच नहीं है, वैसे भी अकबर को महान बताने वाले कैसे सावरकर को देशभक्त मान सकते है। माना गया है, दिलावर ने कहा कि शिवाजी को 'पहाड़ी चूहा' कहा गया है, और महाराणा प्रताप की भूमिका को अकबर की भूमिका से दबा दिया गया है। ऐसे बयान स्वीकार्य नहीं हैं और उनकी समीक्षा की जाएगी।

अब यहां ये समझिए की कैसे इतिहास के साथ छेड़छाड़ कि गई, जिन महाराणा प्रताप ने मुगलों के खिलाफ अनगिनत लड़ाई लड़ी, तीन बार अकबर को हराया, उन्हें अकबर के ऊपर तरजीह दी गई। महाराणा को किताबों में वो जगह नहीं दी गई जो मिलनी चाहिए थी, और शायद मदन दिलावर ने इसलिए की कहा है कि अगर राजस्थान की किसी भी किताब में महान बताया गया तो वो किताबें जला देंगे । जिन शूरवीरों ने इस देश से लिए बलिदान दिया, जिनके लिए देश सर्वोपरि रहा, जिन्होंने  अपने परिवारों से भी उपर देश को रखा, उनकी वीरत उसी देश ने दबा दिया जिस देश में उन्होंने  जन्म लिया और इस देश को आताइयों से मुक्त करवाया। वैसे जो मैने पहले कहा है कि इस देश के पाठ्यक्रमों में बदलाव अब हो जाना चाहिए । अब और कितना अकबर जैसों को महान बताया जाएगा। 
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