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भाजपा के खिलाफ अगर हरियाणा के किसान विरोध प्रदर्शन करें है, तो हरियाणा में BJP की सरकार कैसे बन गई- रॉबर्ट वाड्रा

Robert Vadra: भारत एक विविधतापूर्ण राष्ट्र है, और हमें सभी को अपने धर्मों का पालन करने की अनुमति देनी चाहिए। जब ​​लोग संकट में होते हैं, तो वे राजनेताओं की ओर नहीं, बल्कि अपने भगवान की ओर रुख करते हैं।
भाजपा के खिलाफ अगर हरियाणा के किसान विरोध प्रदर्शन करें है, तो हरियाणा में BJP की सरकार कैसे बन गई- रॉबर्ट वाड्रा
Photo by:  Google

Priyanka Gandhi and Robert Vadra: कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा शनिवार को मुंबई स्थित हाजी अली दरगाह पहुंचे। इस दौरान उन्होंने आईएएनएस के साथ ईवीएम, संभल हिंसा व किसानों के प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया दी। सवाल : आप आज हाजी अली दरगाह आए हैं, कैसा लग रहा। जवाब : मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि हाजी अली दरगाह पर आया हूं। मुझे यहां लोगों से बहुत प्यार मिला। मैंने अपने परिवार के लिए प्रार्थना की है और दरगाह पर चादर भेंट की है। मैं चाहूंगा कि अगली बार मेरे परिवार के अन्‍य सदस्‍यों सहित प्रियंका गांधी भी यहां पर आएं। एक सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा क‍ि मैं मस्जिदों पर किए जा रहे सर्वेक्षणों से बहुत चिंतित हूं, मुझे लगता है कि यह गलत है।आइए जानते है इस खबर को विस्तार से ...

हमें सभी को अपने धर्मों का पालन करने की अनुमति देनी चाहिए- रॉबर्ट वाड्रा

 भारत एक विविधतापूर्ण राष्ट्र है, और हमें सभी को अपने धर्मों का पालन करने की अनुमति देनी चाहिए। जब ​​लोग संकट में होते हैं, तो वे राजनेताओं की ओर नहीं, बल्कि अपने भगवान की ओर रुख करते हैं। राजनेता मदद करने नहीं आते हैं, लोग अपने भगवान की पूजा करने जाते हैं, जिन पर वे विश्वास करते हैं। देश में धर्मनिरपेक्ष सरकार होनी चाहिए। मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि प्रियंका अब संसद में हैं। वह निश्चित रूप से उन मुद्दों को उठाएंगी, जिन्हें भाजपा छिपाने की कोशिश करती है। प्रियंका गांधी राहुल गांधी के साथ किसानों के मुद्दे, महिलाओं के मुद्दे और अल्पसंख्यकों के मुद्दे, जिन्हें भाजपा अनदेखा करती है, उन्हें संसद में उठाएंगी। देश में भाईचारा बना रहे, इसलिए मैं हाजी अली दरगाह आया हूं। हम एक मजबूत राष्ट्र हैं और हम सभी को एक साथ मिलकर आगे बढ़ना चाहिए। सवाल : किसान एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच कर रहे हैं, क्‍या कहना चाहेंगे। जवाब : सरकार जनता के मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रही है। किसान एक साल से अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इस कारण वह अपने परिवार से दूर हैं। किसान आंदोलन के दौरान कई लोगों की जान भी गई है। किसानों की बातों को नहीं सुना जा रहा है। हालांकि केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस ले लिया। मैं कहना चाहता हूं कि भाजपा की केंद्र सरकार के खिलाफ अगर किसान हरियाणा से आ रहे हैं, तो हरियाणा में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार कैसे बन गई, जबकि किसान तो लगातार भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। निश्चित रूप से ईवीएम में कोई समस्या है। जिसकी वजह से हरियाणा में इस तरह का नतीजा सामने आया।

महाराष्ट्र में फिर कांग्रेस की सरकार आएगी और जनता के मुद्दों को उठाएगी

महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में भी लोगों को कांग्रेस से उम्मीदे थी, लेकिन परिणाम जैसे हम लोगों ने अनुमान लगाया था, वैसा नहीं आया। मुझे उम्मीद है कि महाराष्ट्र में फिर कांग्रेस की सरकार आएगी और जनता के मुद्दों को उठाएगी। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के असल मुद्दों पर भी ध्यान देने की जरूरत है। पीएम मोदी मणिपुर नहीं गए। वहां पर भाजपा की सरकार होने के बाद भी स्थिति काफी भयानक है। वहां पर महिलाओं के साथ गलत व्यवहार किया गया। लोकसभा की कार्यवाही बार-बार स्थगित हो रही है। उन्हें विपक्ष के मुद्दों को भी सुनना होगा। यह देश के लिए भी खतरनाक है कि लोकसभा की कार्यवाही नहीं हो रही है। सवाल : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति को बहुमत मिलने पर महाविकास अघाड़ी की ओर से ईवीएम पर सवाल उठाना क‍ितना जायज है। जवाब : मैं सबसे पहले वोटरों का धन्यवाद करना चाहता हूं कि वह अपने मत का प्रयोग करने के लिए बाहर निकले। दूसरी ओर मैं चाहूंगा कि इस सरकार को लोगों के लिए बेहतर काम करना चाहिए। 

हमें धर्मनिरपेक्ष तरीके से लोगों की प्रगति के बारे में सोचना चाहिए

हमें धर्मनिरपेक्ष तरीके से लोगों की प्रगति के बारे में सोचना चाहिए। महाराष्ट्र से हम लोगों को उम्मीद थी कि महाविकास अघाड़ी को बहुमत मिलेगा। लेकिन, परिणाम उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे। लोगों के साथ जो मेरी बातचीत हुई है, उसके मुताब‍िक उन्‍हें भी ईवीएम को लेकर संशय है। वे ईवीएम पर भरोसा नहीं करते हैं। क्योंकि हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान हमने देखा कि ईवीएम की बैटरी कहीं पर 99 फीसद चार्ज थी, तो कहीं पर 66 फीसद चार्ज थी। लोगों के मन में भी तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं। मैं समझता हूं कि लोगों में ईवीएम को लेकर जो चिंताएं हैं, उसे चुनाव आयोग को दूर करना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि वे इस पर ध्यान देंगे। भारतीय चुनाव आयोग को लोगों को विश्वास दिलाने की जरूरत है, अन्यथा ईवीएम को लेकर संदेह बना रहेगा। 

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