UP में मिशन शक्ति का असर, DM की कुर्सी पर बैठी एक किसान की बेटी
योगी सरकार ने 17 अक्टुबर, 2020 को मिशन शक्ति की शुरुआत की थी। अब इस साल इसका पांचवा चरण चल रहा है। और इसी के तहत यूपी के सहारणपुर में डीएम की कुर्सी पर एक किसान की बेटी बैठी। यशवी कुश इंटर में जिला टॉपर है। कुर्सी पर बैठने के बाद उन्होंने क्या कुछ कहा जानिए।
उत्तर प्रदेश का सहारनपुर जिले की चर्चा काफी ज्यादा हो रही है। वजह है इंटर में टॉप करने वाली छात्राओं को एक दिन का अधिकारी बनना। दरअसल जिले में इंटर में टॉप करने वाली छात्राओं को एक दिन का ज़िलाधिकारी, एसएसपी, एडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट व सीडीओ और अन्य अधिकारी बनाया गया है। एक दिन का अधिकारी बनाने के लिए 10 लड़कियों को चुना गया है। एक दिन के लिए जिलाधिकारी की कुर्सी पर बैठने वाली यशवी एक किसान की बेटी हैं। जिनकी खूब चर्चा हो रही है। बता दें कि योगी सरकार ने 17 अक्टूबर, 2020 को मिशन शक्ति की शुरुआत की थी। अब इस साल इसका पांचवा चरण चल रहा है।
डीएम की कुर्सी पर बैठकर एक दिन की डीएम बनने वाली यशवी ने लोगों की सिफारिशें सुनी और उसको सुलझाने का अथक प्रयास भी किया। पूरे एक दिन यशवी के अंदर अलग ही उत्साह और आत्मविश्वास देखने को मिला। यशवी मे एक दिन के लिए डीएम का कार्यभार संभाला और इसके बाद कहा कि यह मेरे लिए बहुत बड़ा तोहफ़ा है।यशवी ने बताया कि मेरी इच्छा भविष्य में डीएम बनने की ही है, और आज मुझे इस कुर्सी पर बैठकर अलग ही खुशी मिली है। यशवी ने महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि मैं सब लड़कियों से कहना चाहती हूं कि अगर वह ठान लें तो कुछ भी कर सकती हैं।
एक दिन की डीएम बनने को लेकर भी यशवी ने बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि डीएम की कुर्सी आसान नहीं है जितनी बड़ी पोस्ट है, उतनी बड़ी जिम्मेदारी है, उतने ही बड़े काम भी हैं। हम बाहर बैठे कर कुछ भी कह सकते हैं, लेकिन जब मैंने इस कुर्सी पर बैठकर देखा तो पता चला कि कितनी समस्यएं होती हैं। और इन परेशानियों को सुनकर समझकर जिले को संभालना पड़ता है।
सहारनपुर के डीएम मनीष बंसल ने यशवी की खूब तारीफें की, उन्होंने कहा कि यशवी कुश हमारे जिले की 12वीं कक्षा की टॉपर हैं। वो एक किसान परिवार से आती हैं। वो कहते है कि जब बच्चे पढ़ते हैं, तब उनके मन में सपने भी बड़े होते हैं। डीएम मनीष बंसल मिशन शक्ति की सराहना करते है और आगे कहते है 'मुझे लगता है कि मिशन शक्ति के अंतर्गत यह जो पहल है, उससे न सिर्फ अधिकारी बनने वाले छात्रो के अंदर एक इच्छा शक्ति जागेगी, बल्कि तमाम छात्र-छात्राएं जो इस पल को देखेंगे उनके अंदर भी इच्छा शक्ति जागेगी।
महिला सशक्तिकरण को लेकर भी डीएम ने अहम बातें कही। उन्होंने कहा कि महिला शक्ति का आज यह प्रतीक है कि आज जिलाधिकारी की कुर्सी पर भी एक महिला बैठी है, और उनके बगल में भी दोनों तरफ हमारे एडीएम और दोनों डिप्टी कलेक्टर अधिकारी बैठे हैं। मुझे आज बड़ी खुशी महसूस हो रही है कि यह मौका मैं अपने समय में इनको दे पाया हूं। यह कहीं न कहीं पूरे समाज को एक संदेश है कि आज की महिलाएं कुछ भी कर सकती हैं।