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राजस्थान के दौसा में 43 घंटे से बोरवेल में फंसा मासूम आर्यन, पूरा देश कर रहा दुआ

राजस्थान के दौसा में 5 साल का आर्यन 150 फीट गहरे बोरवेल में 43 घंटे से फंसा हुआ है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार बचाव कार्य में जुटी हैं, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है। सुरंग बनाकर बच्चे तक पहुंचने की कोशिश जारी है, जबकि परिवार और गांव वाले उसकी सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
राजस्थान के दौसा में 43 घंटे से बोरवेल में फंसा मासूम आर्यन, पूरा देश कर रहा दुआ
राजस्थान के दौसा जिले में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहां 5 साल का मासूम आर्यन 150 फीट गहरे बोरवेल में गिरकर फंसा हुआ है। यह घटना इलाके के लिए न केवल चिंता का विषय बन गई है, बल्कि पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींच रही है। बचाव कार्य में जुटी टीमों के प्रयास अब 43 घंटे से भी ज्यादा समय तक जारी हैं, लेकिन अभी तक सफलता हाथ नहीं लगी है। आर्यन की हालत और इस बचाव अभियान ने हर किसी के दिल को झकझोर कर रख दिया है।

घटना सोमवार की है, जब दौसा जिले के एक गांव में आर्यन खेलते-खेलते अचानक बोरवेल में गिर गया। बोरवेल लगभग 150 फीट गहरा है और बच्चे के फंसने के बाद से ही पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत प्रशासन को सूचित किया, जिसके बाद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को मौके पर बुलाया गया। बचाव कार्य की शुरुआत तेज़ी से हुई, लेकिन 150 फीट की गहराई और बच्चे की नाजुक स्थिति ने इस अभियान को बेहद चुनौतीपूर्ण बना दिया।

आर्यन को बचाने के लिए अब तक 6 बार प्रयास किए जा चुके हैं। बचाव दल रस्सी के सहारे बच्चे को खींचने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन गहराई और बोरवेल की तंग स्थिति के चलते हर बार प्रयास असफल हो गया। बचाव अभियान के तहत जेसीबी मशीनों और हाईटेक उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सुरंग बनाकर बच्चे तक पहुंचने की योजना बनाई गई है, लेकिन सुरंग की खुदाई के दौरान बच्चे की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे प्रक्रिया धीमी हो रही है। आर्यन तक पानी या खाना पहुंचाना भी मुश्किल हो रहा है, जिससे उसकी हालत को लेकर चिंता और बढ़ गई है। बचाव दल ने बोरवेल में कैमरे लगाकर उसकी स्थिति पर नज़र बनाए रखी है। मासूम आर्यन के रोने और हिलने-डुलने की आवाजें अभी भी सुनाई दे रही हैं, जो उसके जिंदा होने की उम्मीद को बनाए रखती हैं।

मंगलवार देर रात कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा भी घटनास्थल पर पहुंचे और बचाव कार्य का जायज़ा लिया। उन्होंने कहा कि बचाव दल पूरी कोशिश कर रहा है और 2-3 घंटे में बच्चे को सुरक्षित निकालने का भरोसा जताया। हालांकि, समय बीतने के साथ यह काम और जटिल होता जा रहा है। राजस्थान सरकार और स्थानीय प्रशासन इस मामले में पूरी मुस्तैदी दिखा रहा है। रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता के लिए अतिरिक्त मशीनरी और तकनीकी विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है।

आर्यन के इस हादसे ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है। सोशल मीडिया पर लोग बच्चे की सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। ट्विटर, फेसबुक, और इंस्टाग्राम पर #SaveAryan जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। लोग इस घटना के माध्यम से बोरवेल की सुरक्षा पर सवाल उठा रहे हैं। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और संगठनों ने मांग की है कि खुले बोरवेल को सील करने के लिए सख्त कानून बनाए जाएं, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

आर्यन की सलामती को लेकर हर कोई दुआ कर रहा है। बचाव दल के कर्मचारी, प्रशासनिक अधिकारी, और स्थानीय लोग दिन-रात काम कर रहे हैं। यह घटना न केवल आर्यन के परिवार के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है।  इस घटना से एक बार फिर यह सीख मिलती है कि तकनीकी विकास के साथ हमें सुरक्षा के मानकों पर भी उतना ही ध्यान देना चाहिए। आर्यन के सुरक्षित बाहर आने की प्रार्थना में पूरा देश एकजुट है। उम्मीद है कि जल्द ही यह रेस्क्यू ऑपरेशन सफल होगा और मासूम आर्यन को सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा।
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