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दुश्मन की तबाही का दूसरा नाम है 'IOS सागर', हथियार और मिसाइल से लैस,समंदर में उतरा हिन्दुस्तान का शूरवीर

भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस सुनयना (आईओएस सागर) मॉरीशस के पोर्ट लुइस हार्बर पहुंचा है. मॉरीशस के पुलिस कमिश्नर व वरिष्ठ सैन्य अधिकारी आईओएस सागर में सवार भारत समेत नौ देशों के नौसैनिकों के साथ बातचीत करेंगे. भारतीय नौसेना के इस जहाज को 27 अप्रैल को आगंतुकों के लिए खुला रखा गया है.

दुश्मन की तबाही का दूसरा नाम है 'IOS सागर', हथियार और मिसाइल से लैस,समंदर में उतरा हिन्दुस्तान का शूरवीर
अब समुद्री डकैती रोकने व ऐसी घटनाओं का सामना करने में सक्षम भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस सुनयना (आईओएस सागर) मॉरीशस के पोर्ट लुइस हार्बर पहुंचा है. मॉरीशस के पुलिस कमिश्नर व वरिष्ठ सैन्य अधिकारी आईओएस सागर में सवार भारत समेत नौ देशों के नौसैनिकों के साथ बातचीत करेंगे. भारतीय नौसेना के इस जहाज को 27 अप्रैल को आगंतुकों के लिए खुला रखा गया है. पोर्ट लुइस में जहाज के ठहरने के दौरान ट्रेकिंग, संयुक्त योग सत्र और मैत्रीपूर्ण खेल आयोजन जैसी गतिविधियों की भी योजना बनाई गई है. 

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह यात्रा मित्र विदेशी देशों के साथ क्षेत्रीय समुद्री सहयोग और क्षमता निर्माण के लिए भारत की प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक आईएनएस सुनयना, एक अत्याधुनिक सरयू श्रेणी का जहाज है. इसे समुद्री डकैती विरोधी अभियानों, समुद्री निगरानी, मानवीय सहायता और आपदा राहत के लिए डिजाइन किया गया है. जहाज मध्यम और नजदीकी रेंज के गनरी हथियारों और मिसाइल रक्षा उपायों सहित आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध सूट से लैस है. यह एक हेलीकॉप्टर भी ले जा सकता है, जो उसकी परिचालन और निगरानी क्षमता को बढ़ाता है.

गौरतलब है कि है नौसेना के इस जहाज में हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) के नौ विभिन्न मित्र देशों के 44 विदेशी नौसैनिक हैं. इनमें मॉरीशस गणराज्य के दो अधिकारी और छह नाविक भी शामिल हैं. आईओएस सागर दक्षिण पश्चिमी हिंद महासागर में तैनाती के हिस्से के रूप में यहां है. राष्ट्रीय तटरक्षक (एनसीजी) मॉरीशस के साथ संयुक्त ईईजेड निगरानी के चरण के पूरा होने पर आईओएस सागर 26 अप्रैल मॉरीशस के पोर्ट लुइस हार्बर पहुंचा है.

भारतीय नौसेना का जहाज सुनयना (आईओएस सागर) इसी महीने 5 अप्रैल को भारत के कारवार से रवाना हुआ था. नौ मित्र देशों के साथ मिलकर की गई यह पहल सामूहिक विकास और सहयोग की भावना से अंतर-संचालन, आपसी सीख और क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना के निरंतर प्रयासों को रेखांकित करती है. पोर्ट लुइस पहुंचने पर आईओएस सागर और उसके चालक दल का गर्मजोशी व उत्साह के साथ स्वागत किया गया. यह नौसेना भारत और मॉरीशस के बीच घनिष्ठ और समय-परीक्षित संबंधों को दर्शाता है.

स्वागत समारोह में प्रधानमंत्री कार्यालय, मॉरीशस पुलिस बल, भारतीय उच्चायोग और एनसीजी मॉरीशस के कई उच्च पदस्थ गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया. स्वागत समारोह के समापन पर, गणमान्य व्यक्तियों को जहाज का दौरा कराया गया, जिसके बाद मित्र देशों से आए कर्मियों के साथ महत्वपूर्ण बातचीत की गई.बंदरगाह पर पहुंचने के दौरान आईओएस सागर के अधिकारी कमांडिंग ऑफिसर कमांडेंट राष्ट्रीय तटरक्षक, पुलिस आयुक्त और भारत के उच्चायुक्त से मुलाकात कर रहे हैं.

दो दिवसीय बंदरगाह यात्रा के दौरान विभिन्न गतिविधियों की योजना बनाई गई है. इसमें आईओएस सागर चालक दल द्वारा समुद्री वायु स्क्वाड्रन, विशेष मोबाइल बल स्क्वाड्रन और पुलिस हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन का दौरा शामिल है. पुलिस आयुक्त पुलिस मुख्यालय में आईओएस सागर के बहुराष्ट्रीय चालक दल के साथ बातचीत भी करेंगे. जहाज 27 अप्रैल को आगंतुकों के लिए खुला रहेगा.

पोर्ट लुइस में जहाज के ठहरने के दौरान ट्रेकिंग, संयुक्त योग सत्र और मैत्रीपूर्ण खेल आयोजन जैसी गतिविधियों भी की जा रही हैं. यहां से प्रस्थान के समय, जहाज एनसीजी मॉरीशस के साथ संयुक्त ईईजेड निगरानी के दूसरे चरण को पूरा करेगा. यह चरण पूरा होने पर जहाज पोर्ट विक्टोरिया, सेशेल्स के लिए रवाना होगा.

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